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महामारियों और नगरों पर संयुक्त-राष्ट्र-पर्यावास की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास ने महामारियों और नगरों पर एक नई रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में यह बात दर्शाया गया है कि महामारी के बाद भविष्य में होने वाली बीमारियों और महामारियों के प्रभाव को कम करने में नगरों की अहम भूमिका हो सकती है और और ज़्यादा न्यायसंगत, स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल बन सकते हैं. महामारी के बाद हरित वातावरण और स्वस्थ भविष्य में नगरों की अहम भूमिका पर यूएन हैबिटेट का रिपोर्ट, पढ़िए...

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Published : Mar 31, 2021, 9:14 AM IST

Updated : Mar 31, 2021, 9:37 AM IST

महामारियों और नगरो पर संयुक्त-राष्ट्र-पर्यावास की रिपोर्ट
महामारियों और नगरो पर संयुक्त-राष्ट्र-पर्यावास की रिपोर्ट

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास (UN-HABITAT) ने एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कोविड-19 महामारी के बाद स्वस्थ भविष्य के लिए नगरों की अहम भूमिका पर चर्चा की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया भर में किस तरह नगरीय क्षेत्र फ्रंटफुट पर रहे हैं.

महामारियों और नगरों पर, यूएन पर्यावास की इस नई रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि शहरी इलाके महामारी के बाद निकट भविष्य में उसके प्रभाव को कम करने के लिए कार्य कर सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि किस तरह ये नगरीय क्षेत्र, किसी भी निकट भविष्य में पनपने वाली बीमारियों या महामारियों को रोक सकते है या उसके असर को कम कर सकते हैं और न्यायसंगत, स्वस्थ और हरित पर्यावरण के अनुकूल बन सकते हैं.

नगर - महामारी के दौरान फ्रंटफुट पर

संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास (UN-HABITAT) की रिपोर्ट में, 1,700 शहरों से प्रमाण एकत्र करने के आधार पर, मज़बूत और स्वस्थ्य भविष्य के लिये कुछ विशेष कदम उठाए जाने की सिफारिश की गई है.

जीवन और मृत्यु की असमानताएं

रिपोर्ट के मुताबिक पाया गया कि बुनियादी सेवाओं तक पहुंच के अभाव, और कई असमानताओं के कारण कोविड-19 महामारी के असर को रोकने में असमर्थ रहे हैं. गरीब और ज्यादा घनी आबादी वाले इलाकों में कोविड-19 महामारी को बढ़ाने में मुख्य कारक रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों को सोचना होगा कि किस तरह से लोग सीटी के अंदर और शहरीय इलाकों से होकर गुजरते हैं. इन बातों को ध्यान में रखने के बाद ही महामारी के फैलाव को रोका जा सकता है.

योजना और सामर्थ्य

रिपोर्ट में नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर स्वस्थ्य जीवन और भविष्य के लिए कदम उठाए जाने पर जरुरी सुझाव दिया गया हैं. जिनमें स्थानीय स्तर पर आस-पास के घरों और अनेक गतिविधियों में शामिल कम्युनिटी पर योजनावद्ध तरीके से ध्यान देने पर जोर दिया गया है.

रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि किस तरह से एक बेहतर प्लानिंग वाला शहर लोगों के रहन-सहन, अर्थव्यवस्था, वातावरण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है. बेहतर प्लानिंग के जरिये ही महामारी के प्रभाव को रोका जा सकता है.

यूएन हैबिटेट के बारे में

संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास (यूएन हैबिटेट) यूएन की एक एजेंसी है, जो मानव बस्तियों के लिए काम करती है, यूएन असेंबली ने सबके लिए बेहतर आवास उपलब्ध करने की दिशा में, कस्बों और शहरों में पर्यावरण को बढ़ावा देने का दायित्व सौंपा है. यूएन हैबिटेट का मुख्यालय केन्या के नैरोबी में है.

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास (UN-HABITAT) ने एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कोविड-19 महामारी के बाद स्वस्थ भविष्य के लिए नगरों की अहम भूमिका पर चर्चा की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया भर में किस तरह नगरीय क्षेत्र फ्रंटफुट पर रहे हैं.

महामारियों और नगरों पर, यूएन पर्यावास की इस नई रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि शहरी इलाके महामारी के बाद निकट भविष्य में उसके प्रभाव को कम करने के लिए कार्य कर सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि किस तरह ये नगरीय क्षेत्र, किसी भी निकट भविष्य में पनपने वाली बीमारियों या महामारियों को रोक सकते है या उसके असर को कम कर सकते हैं और न्यायसंगत, स्वस्थ और हरित पर्यावरण के अनुकूल बन सकते हैं.

नगर - महामारी के दौरान फ्रंटफुट पर

संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास (UN-HABITAT) की रिपोर्ट में, 1,700 शहरों से प्रमाण एकत्र करने के आधार पर, मज़बूत और स्वस्थ्य भविष्य के लिये कुछ विशेष कदम उठाए जाने की सिफारिश की गई है.

जीवन और मृत्यु की असमानताएं

रिपोर्ट के मुताबिक पाया गया कि बुनियादी सेवाओं तक पहुंच के अभाव, और कई असमानताओं के कारण कोविड-19 महामारी के असर को रोकने में असमर्थ रहे हैं. गरीब और ज्यादा घनी आबादी वाले इलाकों में कोविड-19 महामारी को बढ़ाने में मुख्य कारक रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों को सोचना होगा कि किस तरह से लोग सीटी के अंदर और शहरीय इलाकों से होकर गुजरते हैं. इन बातों को ध्यान में रखने के बाद ही महामारी के फैलाव को रोका जा सकता है.

योजना और सामर्थ्य

रिपोर्ट में नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर स्वस्थ्य जीवन और भविष्य के लिए कदम उठाए जाने पर जरुरी सुझाव दिया गया हैं. जिनमें स्थानीय स्तर पर आस-पास के घरों और अनेक गतिविधियों में शामिल कम्युनिटी पर योजनावद्ध तरीके से ध्यान देने पर जोर दिया गया है.

रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि किस तरह से एक बेहतर प्लानिंग वाला शहर लोगों के रहन-सहन, अर्थव्यवस्था, वातावरण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है. बेहतर प्लानिंग के जरिये ही महामारी के प्रभाव को रोका जा सकता है.

यूएन हैबिटेट के बारे में

संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास (यूएन हैबिटेट) यूएन की एक एजेंसी है, जो मानव बस्तियों के लिए काम करती है, यूएन असेंबली ने सबके लिए बेहतर आवास उपलब्ध करने की दिशा में, कस्बों और शहरों में पर्यावरण को बढ़ावा देने का दायित्व सौंपा है. यूएन हैबिटेट का मुख्यालय केन्या के नैरोबी में है.

Last Updated : Mar 31, 2021, 9:37 AM IST
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