प्रयागराजः शहर में 24 फरवरी को हुए वकील उमेश पाल तिहरे हत्याकांड में इस्तेमाल की गई कोल्ट पिस्टल की बैलेस्टिक रिपोर्ट आ गयी है. इस रिपोर्ट से साबित होता है कि उमेश पाल के शरीर मे मिली कोल्ट पिस्टल की गोलियां उसी पिस्टल से चलाईं गईं थी जो माफिया अतीक अहमद के कार्यालय और कसारी मसारी के जंगल में छिपाई गयी थी. इसमें से एक पिस्टल वह है जिससे अतीक अहमद के बेटे असद ने उमेश पाल पर गोलियां बरसाईं थीं. साथ ही कोल्ट पिस्टल से निकली अन्य गोलियां उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात दोनों पुलिस वालों के शरीर से भी मिली थी.
इसी के साथ शूटर विजय चौधरी के द्वारा जिस पिस्टल से उमेश पाल को गोली मारी गयी थी उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है यानी उस पिस्टल से चली गोली भी उमेश पाल के शरीर से मिली थी. साथ ही मुठभेड़ में मारे गए अरबाज के पास से जो पिस्टल मिली थी उससे चली गोलियां पुलिस वालों के शरीर से बरामद हुई थी. बैलेस्टिक रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अब अपराधियों को अधिकतम सजा दिलवा सकती है.
अतीक अशरफ की निशानदेही पर बरामद हुई थी पिस्टल
बीती 15 अप्रैल को रात में जब अतीक अहमद और अशरफ की तीन शूटरों ने मिलकर हत्या की थी. उस वारदात से पहले से अतीक अहमद और अशरफ की निशानदेही पर पुलिस ने कसारी मसारी इलाके से एक कोल्ट पिस्टल समेत दो पिस्टल बरामद करवाईं थीं. 45 बोर की उस कोल्ट पिस्टल के अलावा एक कोल्ट पिस्टल अतीक अहमद के कार्यालय से भी बरामद हुई थी. इन पिस्टल को बैलेस्टिक जांच के लिए पुलिस द्वारा लखनऊ स्थित एफएसएल लैब भेजा गया था जहां से आई एफएसएल रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि जो दो .45 बोर की कोल्ट पिस्टल अतीक अहमद के द्वारा बरामद करवाई गई थी और जो दूसरी कोल्ट पिस्टल उसके कार्यालय से बरामद हुई थी. उन दोनों से उमेश पाल हत्याकांड में फायरिंग की गयी थी जिसमें से एक कोल्ट पिस्टल अतीक अहमद का बेटा असद लेकर पहुंचा था और उसने उमेश पाल को घर के अंदर तक दौड़ा कर गोलियों से छलनी किया था.
उमेश पाल के शरीर में मिली गोलियों और गन पाउडर की जांच जब फोरेंसिक लैब और बैलेस्टिक लैब में की गयी तो उनका मिलान हुआ है. जिससे यह पता चलता है कि बरामद पिस्टल का ही उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल किया गया था. इसी के साथ मुठभेड़ में मारे जा चुके उस्मान चौधरी उर्फ विजय और अरबाज के पास से बरामद पिस्टल की रिपोर्ट भी बैलेस्टिक जांच में पॉजिटिव मिली है जिससे पता चलता है कि उन पिस्टल्स का भी इस्तेमाल उमेश पाल और उसके दो गनरों की हत्या में किया गया था.
आरोपियों को सजा दिलाने में मिलेगी मदद
उमेश पाल तिहरे हत्याकाण्ड के आरोपियों को अधिकतम सजा दिलाने में एफएसएल की रिपोर्ट मददगार साबित होगी. इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज होने के साथ ही वारदात में इस्तेमाल की गयी पिस्टल्स कि बैलेस्टिक काफी मददगार साबित होगी. कोर्ट में बैलेस्टिक रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों को अधिकतम सजा दिलवायी जा सकती है.इस पूरे घटनाक्रम में प्रयागराज पुलिस ने सबसे ज्यादा ध्यान वैज्ञानिक साक्ष्यों पर दिया है.जिससे कि साजिश रचने वालों से लेकर शूटरों तक को उनके अपराध की सजा दिलाई जा सके.इसमें फॉरेंसिक लैब और एफएसएल की रिपोर्ट को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
ये भी पढ़ेंः ज्योति मौर्या के खिलाफ सरकार की शुरू हुई बड़ी कार्रवाई, जानिए क्या?