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परेश बरुआ का दावा, असम पुलिस के एक जवान को किया अपह्रत - पुलिस का जासूस पकड़ने का दावा

असम से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने दावा किया है कि उसने असम पुलिस के एक जवान को अपह्रत कर लिया है. संगठन ने जवान का वीडियो भी जारी किया है.

Ulfa claimed to have nabbed Assam police spy in organization
असम पुलिस
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Published : Apr 26, 2022, 7:43 PM IST

Updated : Apr 26, 2022, 9:20 PM IST

गुवाहाटी : परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने दावा किया है कि उसने असम पुलिस के जवान का अपहरण कर लिया है. उग्रवादी संगठन ने इस संबंध में मीडिया को एक वीडियो बयान भेजा है. वीडियो में जवान को दिखाया गया है. संगठन ने ये भी दावा किया है कि असम पुलिस ने संगठन को विभाजित करने और कमजोर करने के लिए कुछ युवाओं को लगाया है. कई युवाओं को संगठन में शामिल होने और बाद में संगठन की जासूसी करने के लिए भेजा गया है.

जवान का नाम संजीब सरमा बताया गया है. संजीब सरमा के वीडियो बयान में यह स्वीकार करते हुए दिखाया गया है कि उसे असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संगठन में रखा था. जिसने न केवल उसे संगठन में शामिल होने में मदद की, बल्कि अगर वह मिशन में सफल होता है तो उसे एक करोड़ रुपये का भुगतान करने का भी आश्वासन दिया. बताया जाता है कि संजीब सरमा का भाई आतंकवादी हमले में मारा गया था.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों का पालन करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उल्फा-I प्रमुख परेश बरुआ के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू की थी. पूर्वोत्तर क्षेत्र (DoNER) विकास मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने भी पूर्वोत्तर के सभी आतंकवादी संगठनों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और बातचीत के लिए आगे आने की अपील की थी. वहीं, हाल ही में जारी एक गजट अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने असम, मणिपुर और नागालैंड के कई स्थानों से AFSPA को निरस्त कर दिया था.

गुवाहाटी : परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने दावा किया है कि उसने असम पुलिस के जवान का अपहरण कर लिया है. उग्रवादी संगठन ने इस संबंध में मीडिया को एक वीडियो बयान भेजा है. वीडियो में जवान को दिखाया गया है. संगठन ने ये भी दावा किया है कि असम पुलिस ने संगठन को विभाजित करने और कमजोर करने के लिए कुछ युवाओं को लगाया है. कई युवाओं को संगठन में शामिल होने और बाद में संगठन की जासूसी करने के लिए भेजा गया है.

जवान का नाम संजीब सरमा बताया गया है. संजीब सरमा के वीडियो बयान में यह स्वीकार करते हुए दिखाया गया है कि उसे असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संगठन में रखा था. जिसने न केवल उसे संगठन में शामिल होने में मदद की, बल्कि अगर वह मिशन में सफल होता है तो उसे एक करोड़ रुपये का भुगतान करने का भी आश्वासन दिया. बताया जाता है कि संजीब सरमा का भाई आतंकवादी हमले में मारा गया था.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों का पालन करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उल्फा-I प्रमुख परेश बरुआ के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू की थी. पूर्वोत्तर क्षेत्र (DoNER) विकास मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने भी पूर्वोत्तर के सभी आतंकवादी संगठनों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और बातचीत के लिए आगे आने की अपील की थी. वहीं, हाल ही में जारी एक गजट अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने असम, मणिपुर और नागालैंड के कई स्थानों से AFSPA को निरस्त कर दिया था.

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Last Updated : Apr 26, 2022, 9:20 PM IST
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