नई दिल्ली : भारत के दबाव के बाद आखिरकार ब्रिटेन ने वैक्सीन 'कोविशील्ड' को स्वीकृत वैक्सीन मान लिया है. ब्रिटेन के अद्यतन यात्रा परामर्श में कोविशील्ड को स्वीकृत टीके रूप में शामिल किया गया है. हालांकि इससे इतनी जल्दी राहत नहीं मिलने वाली है.
नए नियमों के अनुसार, यात्रा परामर्श 4 अक्टूबर से लागू होगा. ब्रिटिश सरकार के नए फैसले का मतलब है कि कोविशील्ड टीके की दोनों खुराकें ले चुके लोगों को 10 दिनों के पृथक वास में रहने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही उन्हें यह भी नहीं बताना होगा कि वह ब्रिटेन में कहां रहेंगे.
ब्रिटेन के परिवहन विभाग और स्वास्थ्य एवं समाज देखभाल विभाग की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है कि एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और मॉडर्ना टाकेडा जैसे चार टीकों को स्वीकृत टीकों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.
इसमें कहा गया है कि आपके लिये ब्रिटेन आने से 14 दिन पहले टीके की दोनों खुराकें लेना अनिवार्य है.
भारत ने जताई थी नराजगी
इससे पहले भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा था कि विदेश मंत्री ने ब्रिटेन के नए विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रुस के समक्ष इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है. उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को जल्द सुलझा लिये जाने का उन्हें आश्वासन दिया गया है.
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उन्होंने कहा था कि कोविशील्ड को मान्यता नहीं देना, उनकी एक भेदभाव से पूर्ण पॉलिसी है तथा ब्रिटेन जाने वाले भारतीय नागरिकों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है.
इससे पहले, ब्रिटेन के नये यात्रा नियम के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लेने वाले लोगों के टीकाकरण को मान्यता नहीं दी गई थी और ब्रिटेन पहुंचने पर उन्हें 10 दिनों के पृथक-वास में रहने की जरुरत बताई गई थी. ब्रिटेन के इस फैसले की व्यापक निंदा हुई थी.
दरअसल, ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं. कोविड-19 खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है. चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी. लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा. भारत अब भी एम्बर सूची में है. इस सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन जाने पर कुछ पाबंदियों से गुजरना पड़ सकता है.
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