जम्मू/पंचकूला : मेजर रोहित कुमार और मेजर अनुज राजपूत एक प्रशिक्षण उड़ान पर थे तब उनका चीता हेलीकॉप्टर पटनीटॉप के पास शिव गढ़ धार में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गंभीर चोटें आईं. दोनों पायलटों ने उधमपुर के कमांड अस्पताल में दम तोड़ दिया.
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि उधमपुर में आयोजित समारोह में उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहूति देने वाले भारत के बहादुर सपूतों को श्रद्धांजलि दी.
उन्होंने कहा, 'मेजर कुमार (35) और मेजर राजपूत (28) बहादुर अधिकारी थे जिन्होंने ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया. भारतीय सेना हमेशा उनके सर्वोच्च बलिदान की ऋणी रहेगी. सेना उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है.'
नोएडा के रहने वाले मेजर कुमार के पार्थिव शरीर का उधमपुर जिले के देविका घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. वह उधमपुर जिले में परिवार के साथ रह रहे थे. अधिकारियों ने कहा कि तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट लाया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग 'भारत माता की जय' और 'शहीद मेजर अमर रहे' के नारों के बीच उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई देने पहुंचे.
उन्होंने कहा कि पूरे सैन्य सम्मान के साथ किये गए अंतिम संस्कार के दौरान दिवंगतों को पुष्पांजलि अर्पित की गई. इसके अलावा बंदूकों की सलामी भी दी गई.
शहीद हुए मेजर अनुज राजपूत का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पंचकूला सेक्टर-20 लाया गया है. जहां अनुज राजपूत को राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. शहीद मेजर अनुज राजपूत के माता-पिता और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.
मेजर अनुज अपने परिवार के इकलौते बेटे थे. अनुज राजपूत की मां ऊषा आर्य सेक्टर-20 स्थित गांव कुंडी के सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं. 18 सितंबर को उनका जन्मदिन था. वहीं करीब दो महीने पहले ही उनकी सगाई हुई थी. घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन इस सब के बीच मंगलवार को अनुज के शहीद होने की खबर परिवार को मिलने से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. शहीद अनुज राजपूत को पंचकूला के उपायुक्त ने भी श्रद्धांजलि दी.
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