हैदराबाद: लोगों को ज्यादा ब्याज की लालच देकर ठगने वाले आरोपियों को तेलंगाना सीआईडी ने 29 साल बाद गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. ये आरोपी जमानत मिलने के आरोप फरार हो गए थे. बताया जाता है कि केरल के तिरुवनंतपुरम के टीजे जॉन ने अपने दोस्त टीडे मैथ्यू, एमएम टॉमी, शर्ली टॉमी, सीआई जोसेफ सहित कुल दस लोगों ने मिलकर वर्ष 1986 में हैदराबाद में त्रावणकोर फाइनेंस एंड लीजिंग कंपनी के नाम से एक कंपनी की स्थापना की थी.
इसके बाद इन लोगों ने जोर-शोर से प्रचार किया और लोगों को ऊंचा ब्याज देने की बात कही. इस पर कई लोगों ने उनकी कंपनी में रुपये जमा किए. इस तरह कंपनी ने उस समय 12 लाख 54 हजार 915 रुपये एकत्र कर लिए थे. इसमें से कंपनी ने मात्र 94 हजार 921 रुपये का ही भुगतान किया. शेष 11.50 लाख रुपये बिना ब्याज का भुगतान किए अपने खातों में भेज दिया. इस संबंध में 1987 में हैदराबाद सीसीएस में मामला दर्ज किया गया था.
इसी सिलसिले में कोर्ट के आदेश पर 29 जनवरी 1994 को एमएम टॉमी, शर्ली टॉमी, सीआई जोसेफ को पुलिस ने गिरफ्तार के जेल भेज दिया था. लेकिन सभी आरोपी जमानते से छूटने के बाद फरार हो गए. तभी से इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट लंबित था. इसी बीच पुराने मामलों की समीक्षा के दौरान इस मामले को लेकर चर्चा हुई. इस पर सीआईडी के अतिरिक्त डीजी महेश भागवत ने आरोपियों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया.
इस टीम में सीआई लिंगास्वामी, एसआई रमेश, हेड कांस्टेबल आनंद और महिला कांस्टेबल अनीता शामिल थीं. इसके बाद यह टीम केरल गई और वहां से शर्ली टॉमी (70) और सीआई जोसेफ (67) को गिरफ्तार कर हैदराबाद ले आई. वहीं कोर्ट के आदेश पर उन्हें जेल भेज दिया गया. बता दें कि 41 साल की आयु में फरार हुई शर्ली को 70 साल की उम्र में दोबारा गिरफ्तार किया गया है.
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