जयपुर : एटीएम हैक प्रकरण मामले में कई खुलासे सामने आए हैं. आरोपी विदेशी महिलाओं का बहुत बड़े साइबर अपराध (Cyber Crime) गिरोह से भी संबंध होने की बात सामने आई है.
एसओजी की गिरफ्त में आई आरोपी महिलाएं 7 हजार के 'रेसपैडरी पीआई' से एटीएम को हैक करती थीं. दोनों महिलाएं पहले भी एटीएम हैक कर लाखों रुपये पार कर चुकी हैं. मंगलवार को एसओजी मुख्यालय पर दोनों विदेशी महिलाओं से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पूछताछ में सामने आया है कि विदेशी महिलाओं द्वारा दिल्ली में किराए का फ्लैट लेकर वहां पर साइबर ठगी का कार्य संचालित किया जा रहा था.
रेसपैडरी पीआई डिवाइस से हैक करती थी एटीएम
अमेजन से रेसपैडरी पीआई नाम का डिवाइस 7 हजार रुपये में मंगवाया गया. यह डिवाइस एक तरह का छोटा कंप्यूटर है, जो कंप्यूटर्स के बीच में स्विच के रूप में काम करता है और आरोपी एटीएम में जाकर इस डिवाइस को बैंक के सर्वर पोर्ट की जगह लगाकर WiFi से कनेक्ट करके एटीएम से जोड़ते हैं. जिससे एटीएम का बैंक के मुख्य सर्वर से संपर्क टूट जाता है. इसके बाद एटीएम कार्ड को एटीएम मशीन में लगाकर रुपये निकासी का कमांड मिल जाता है और फिर एटीएम से लाखों रुपये की धनराशि निकाल ले जाते हैं.
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जयपुर में भी वारदात को दे चुकी अंजाम
इसी तरीके से जयपुर में भी आरोपी महिलाओं ने 32 लाख रुपये निकाले थे और फिर उदयपुर में अपने नए मिशन पर निकल गईं. लेकिन वहां एसओजी के हत्थे चढ़ गईं. आरोपी महिलाओं का बहुत बड़े साइबर अपराध गिरोह से संबंध बताया जा रहा है. इसको लेकर एसीबी की टीम पूछताछ कर रही है. फिलहाल, एसओजी पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई हैं.
उदयपुर से पहले कोटा में हुई थी सेंधमारी की कोशिश
कोटा में भी विदेशी महिलाओं ने एटीएम को हैक (ATM Hack) करने की कोशिश 22 जुलाई को की थी. जिसकी जानकारी बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन को 23 जुलाई को मिली थी. जिसके बाद से पुलिस की सलाह पर 23 और 24 जुलाई को कोटा शहर के बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के एटीएम बंद कर दिए गए थे. एटीएम को हैक कर राशि निकालने की वारदात होने से बच गई. वारदात में शामिल महिलाएं शायद यहीं से उदयपुर (SOG Action in Udaipur) चली गईं, जहां पर एसओजी के हत्थे चढ़ी हैं.
क्या कहते हैं SOG के अधिकारी
एसओजी (Rajasthan SOG) अधिकारियों की मानें तो इस संबंध में जयपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम को हैक कर नकदी निकालने की रिपोर्ट एसओजी के साइबर थाने में दर्ज कराई गई थी. मामले की जांच के दौरान सामने आया कि ऐसी ही वारदात अन्य स्थानों पर भी की गई थी.