श्रीनगर : जम्मू में भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर ड्रोन हमले के बाद आसपास के क्षेत्रों ने सतर्कता बढ़ा दी गई है, लेकिन क्षेत्र में लगातार चौथे दिन ड्रोन देखे गए हैं. जानकारी के अनुसार, बुधवार सुबह जम्मू के मीरान साबिह, कालूचक और कुंजवानी इलाके में ड्रोन देखे गए.
सैन्य प्रतिष्ठानों के पास फिर से ड्रोन दिखने पर सतर्क सैनिकों ने फायरिंग की और ड्रोन को वहां से वापस जाने को मजबूर कर दिया. पुलिस सूत्रों ने कहा कि जम्मू शहर के मीरान साहिब, कालूचक और कुंजवानी इलाकों में सेना के प्रतिष्ठानों पर सुबह करीब छह बजे ड्रोन देखे गए.
सूत्रों ने कहा, अलर्ट सैनिकों ने इन ड्रोनों पर गोलीबारी की, जिसके बाद वे पीछे हट गए. वहीं, जम्मू सैन्य प्रतिष्ठानों के पास लगातार चौथे दिन ड्रोन देखे जाने के बाद जम्मू में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस की टीमें शहर में जगह-जगह तलाशी अभियान चला रही हैं.
मंगलवार को कालूचक और रत्नुचक क्षेत्रों में सैन्य शिविरों पर ड्रोन देखे गए, जिन पर भी गोलीबारी की गई. इससे पहले सेना के सतर्क जवानों ने रत्नुचक-कालूचक स्टेशन के ऊपर उड़ रहे दो ड्रोन पर रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात को गोलीबारी कर सैन्य प्रतिष्ठान पर हमले की एक कोशिश को नाकाम कर दिया था. अधिकारियों ने आतंरिक जांच की और सुरक्षा एजेंसियों को सूचित किया कि एक कार सड़क पर रक्षा प्रतिष्ठान के साथ बहुत धीमी गति से गुजरती देखी गई.
एनआईए ने संभाली ड्रोन हमले की जांच
जम्मू में भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर रविवार (27 जून) तड़के दो ड्रोन से विस्फोटक गिराए गए थे, जिसमें दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस ड्रोन हमले की जांच औपचारिक रूप से एनआईए को सौंपने के आदेश जारी किए हैं. जिसके बाद एनआईए सतवारी थाने में मामला पंजीकृत किया है.
एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए जम्मू में विस्फोटक तत्व अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की अनेक धाराओं तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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प्रवक्ता ने कहा कि मामला जम्मू के वायु सेना केंद्र, सतवारी परिसर के अंदर एक विस्फोट तथा उसके करीब छह मिनट बाद एक और विस्फोट होने से संबंधित है.