अहमदाबाद : गुजरात पुलिस ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट टेस्ट मैच से पहले नरेंद्र मोदी स्टेडियम में घुसने की धमकी देने वाले एक खालिस्तान समर्थक समूह द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए वीडियो और आवाज संदेश के मामले में मध्य प्रदेश के रीवा जिले से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा और अंतिम टेस्ट नौ मार्च से अहमदाबाद में शुरू हुआ. अधिकारी ने कहा कि अहमदाबाद पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने पड़ोसी राज्य के रीवा में संदेश की उत्पत्ति का पता लगाया और वहां से दो लोगों को गिरफ्तार किया.
बड़ी संख्या में भेजे गए संदेश में लोगों से घर पर सुरक्षित रहने का आग्रह किया गया था क्योंकि खालिस्तान समर्थक समूह ने क्रिकेट स्टेडियम में घुसने और अपना झंडा लगाने की योजना बनाई थी. यह संदेश भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टेस्ट मैच से पहले जारी किया गया था जिसके लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथोनी अल्बानीज भी स्टेडियम पहुंचे थे.
सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध) जितेंद्र यादव ने कहा, 'हमने रीवा जिले से दो लोगों को गिरफ्तार किया है और कॉल स्पूफिंग के लिए वहां स्थापित एक सुविधा का भंडाफोड़ किया है. हमने सुविधा से धमकी भरे वीडियो संदेश का पता लगाया और 11 सिम बॉक्स, लगभग 300 सिम कार्ड, चार से पांच राउटर बरामद किए.'
उन्होंने आरोपियों की पहचान राहुल कुमार और नरेंद्र कुशवाहा के रूप में की जो मध्य प्रदेश के सतना के रहने वाले हैं. यादव ने कहा, 'धमकी एक रिकॉर्ड किए गए संदेश के जरिए दी गई थी. कॉल को जंप किया गया था और इस तरह से स्पूफ किया गया कि उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है. हमने उस केंद्र का भंडाफोड़ किया है जहां से कॉल स्पूफ किया जा रहा था. आगे की जांच से पता चलेगा कि कौन लोग इसके पीछे हैं.'
अमेरिका स्थित आतंकवादी संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नून द्वारा कथित रूप से जारी किए गए संदेशों में क्रिकेट मैच को बाधित करने की धमकी दी गई थी. पुलिस ने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों में दहशत पैदा करना था.
इस संदेश में कहा गया था, 'गुजरात के लोग नौ मार्च (भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच के पहले दिन) को घर में रहें और सुरक्षित रहें क्योंकि खालिस्तानी सिख नरेंद्र मोदी स्टेडियम में घुसने जा रहे हैं और खालिस्तानी झंडा लगाएंगे.' पुलिस के अनुसार यह संदेश कई लोगों को उनके फोन पर प्राप्त हुआ था.
(पीटीआई-भाषा)