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हिमाचल में ट्रक-बस ड्राइवरों की हड़ताल का असर, पेट्रोल पंप पर भीड़, जरूरी चीजों की सप्लाई पर भी असर - himachal Petrol shortage

Hit And Run Law Protest Impact In Himachal: हिट एंड रन कानून को लेकर देशभर में ट्रक और बस ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं. हिमाचल में भी इसका असर दिख रहा है. अगर जल्द इस समस्या का हल नहीं निकला तो आने वाले दिनों में वो समस्या और भी विकराल हो जाएगी जिसका ट्रेलर मंगलवार को दिखा. पढ़ें पूरी ख़बर

HP hit and run protest
हिमाचल में ट्रक-बस ड्राइवरों की हड़ताल का असर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 2, 2024, 7:29 PM IST

शिमला: हिट एंड रन कानून के विरोध में देशभर के ट्रक और बस ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं. जिसका असर अब आम जनजीवन पर दिखने लगा है. खासकर हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में इसका असर ज्यादा पड़ेगा क्योंकि यहां ट्रांसपोर्टेशन पूरी तरह से ट्रकों पर निर्भर है. हड़ताल का असर पूरे प्रदेश में दिखने लगा है और यही हाल रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटे में आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

पेट्रोल पंपों पर लगी गाड़ियों की कतार- प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई टैंकरों से होती है. ड्राइवरों की इस हड़ताल का असर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर भी पड़ा है. पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हैं. प्रदेशभर के पेट्रोल पंपों पर लगभग एक जैसा नजारा दिखा.

HP hit and run protest
हिमाचल के पेट्रोल पंपों पर उमड़ रही भीड़

टैंकर, बस और ट्रकों के ड्राइवर नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं. प्रदेश में करीब 600 पेट्रोल पंप हैं और अगर टैंकरों से सप्लाई सुचारू रूप से नहीं होती है तो पेट्रोल पंप जल्द ही सूख जाएंगे. - अमित नंदा, हिमाचल पेट्रोल पंप एसोसिएशन के पदाधिकारी

बिलासपुर के पेट्रोल पंपों पर भी मंगलवार को तेल भरवाने के लिए मारामारी दिखी. पेट्रोल पंप पर बाइक और कारों का जमावड़ा लग गया. वहीं बिलासपुर बस अड्डे पर निजी बसों के पहिये पूरी तरह से थमे हुए थे जिसके कारण आम लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. टैंकर ड्राइवरों की हड़ताल और पेट्रोल पंप पर उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन आपातकालीन सेवाओं के लिए पेट्रोल-डीजल की राशनिंग के साथ-साथ रिजर्व रखने के आदेश दिए गए हैं.

पुलिस प्रोटेक्शन में हो रही पेट्रोल-डीजल की सप्लाई- हिमाचल प्रदेश के ऊना में इंडियन ऑयल के टर्मिनल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात दिखा. मंगलवार को 65 टैंकर यहां पहुंचे और उन्हें लोड करने के बाद पुलिस सुरक्षा के बीच पेट्रोल पंप तक सप्लाई के लिए ले जाया गया. जबकि टर्मिनल कैंपस के बाहर ट्रक चालकों का प्रदर्शन जारी रहा.

HP hit and run protest
ट्रक और बस ड्राइवरों का प्रदर्शन

हड़ताल का असर ऊना में भी है. जिसे देखते हुए डीलर्स की बैठक बुलाई थी. जो डीलर्स इस हड़ताल में शामिल नहीं है और रीफिलिंग के लिए टर्मिनल पर अपने टैंकर भेजना चाहते हैं उन्हें आश्वस्त किया गया है कि वो रीफीलिंग के टैंकर भेजें उन्हें इसके लिए पूरी सुरक्षा दी जाएगी. -राघव शर्मा, डीसी, ऊना

हम ड्राइवरों ने स्टेयरिंग छोड़ आंदोलन है. हम गाड़ी नहीं चलाएंगे लेकिन कुछ मालिक है जो अपने ड्राइवरों को डरा धमकाकर नौकरी से निकालने की बात कहकर रीफिलिंग के लिए भेज रहे हैं. जो हमारे साथ है ठीक है, हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक था और शांतिपूर्वक ही रहेगा. 4 से 5 दिन से हम सड़कों पर बैठे हैं, हमें किसी ने नहीं पूछा. हम ऐसे ही शांतिपूर्वक बैठेंगे. - शिव कुमार, अध्यक्ष, ट्रक चालक यूनियन

HP hit and run protest
बसों के पहिये थमने से यात्री परेशान

सार्वजनिक परिवहन पर भी असर- सरकारी बसों के ड्राइवर भी इस हड़ताल के समर्थन में उतर गए हैं. जिसका असर कई रूटों पर पड़ा है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ रूटों पर बस सेवा बंद रही तो कुछ पर नाम मात्र की बसें चली हैं. वहीं अगर पेट्रोल डीजल की कमी हुई तो सार्वजनिक परिवहन की चल रही बसों के साथ-साथ निजी वाहनों के पहिये भी थम जाएंगे. ट्रक और बस ड्राइवरों ने जगह-जगह केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और नारेबाजी की.

निगम के पास अब एक-दो दिन का ही डीजल बचा है. सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखकर निगम की बसों के लिए डीजल के लिए तेल उपलब्ध करवाने की मांग की गई है ताकि परिवहन व्यवस्था ना चरमाराए- रोहन चंद ठाकुर, एमडी, HRTC

परेशान होते रहे यात्री- ट्रक और बसों की ड्राइवरों की इस हड़ताल का सबसे ज्यादा खामियाजा रोजमर्रा के यात्रियों ने भुगता. नौकरी पेशा लोग हों या फिर रिश्तेदारी में जाने वाले यात्री, हर किसी को बसों के थमे पहियों ने परेशान कर दिया. लोग जगह-जगह फंसे रहे और घंटों तक बसों का इंतजार करते रहे. कोई भी वक्त पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाया.

HP hit and run protest
सप्लाई ना होने से फल-सब्जियां महंगी

जरूरी चीजों की सप्लाई पर भी असर- ट्रकों के पहिये थमने का सीधा असर सप्लाई चेन पर पड़ा है और रोजमर्रा के जरूरत की चीजें नहीं पहुंच पा रही हैं. फिर चाहे राशन हो या दूध, एलपीजी सिलेंडर या रेत, बजरी, सरिया जैसा घर बनाने का सामान. अगर जल्द इस मुश्किल का हल नहीं निकला तो आम जनजीवन का अस्त-व्यस्त होना तय है. अगर ट्रकों के पहिये थमे रहे तो बुधवार से मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं.

नेता या सांसद अपनी कार की पिछली सीट पर बैठ जाते हैं और पूरी सुरक्षा के साथ खाली सड़क पर निकलते हैं. उन्हें प्रैक्टिकल होकर सोचना होगा और देश की सड़कों पर ट्रक, बस, टैक्सी में सफर करके देखना होगा. तब जाकर वो प्रैक्टिकल प्रॉब्लम को जान पाएंगे. कानून के बारे में प्रैक्टिकल होकर सोचना चाहिए. ये काला कानून सिर्फ ट्रक और बस ऑपरेटर के लिए नहीं है. ये कानून कार, बाइक, टैक्सी चलाने वाले आम लोगों के लिए भी है. आम जनता के बारे में सोचकर कानून बनाना चाहिए. हमारी आम लोगों से अपील है कि हमारा साथ दें, सरकार को ये काला कानून वापस लेना पड़ेगा- पवन ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष, निजी बस ऑपरेटर यूनियन

महंगी हो रही फल-सब्जियां- ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का सीधा असर सब्जी मंडी पर भी पड़ा है. सब्जी और फलों की सप्लाई कम होने का सीधा असर कीमतों पर पड़ा है. सोलन की सब्जी मंडी में इन दिनों नासिक और राजस्थान के अलवर से प्याज की सप्लाई होती है. पंजाब से भी आलू, टमाटर जैसी अन्य सब्जियों की सप्लाई भी होती है. ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण माल मंडियों तक नहीं पहुंच रहा जिसके कारण फल औऱ सब्जियां महंगी हो रही हैं.

ड्राइवरों की हड़ताल का असर ट्रांसपोर्टेशन पर पड़ रहा है. पेट्रोल-डीजल की कमी को लेकर भी बात सामने आ रही है. जिसे देखते हुए विभाग ने पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल-डीजल की राशनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. फिलहाल कोई कमी नहीं है लेकिन एहतियातन ये निर्देश दिए गए हैं- नरेंद्र धीमान, नियंत्रक, खाद्य आपूर्ति विभाग, सोलन

HP hit and run protest
ऊना में पुलिस प्रोटेक्शन में रवाना हुए तेल टैंकर

पर्यटक भी हो रहे परेशान- हिमाचल पहुंच रहे पर्यटकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. निजी वाहनों से शिमला पहुंचे पर्यटकों को पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी कतारें मिल रही हैं. घंटों लाइन में लगने के बाद पेट्रोल मिल रहा है. कुछ बिना पेट्रोल लिए ही पंप से वापस लौट रहे हैं. जो पर्यटक सार्वजनिक परिवहन के भरोसे हैं उन्हें भी वापस लौटने या अपने गंतव्य तक जाने के लिए बसें नहीं मिल रही हैं और यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें और ज्यादा बढ़ जाएंगी.

देशभर में चल रही इस हड़ताल का असर हिमाचल प्रदेश के हर जिले में देखने को मिला. शिमला से लेकर कांगड़ा और सिरमौर, सोलन से लेकर कुल्लू, मंडी तक हर जगह पेट्रोल पंपों पर भीड़ देखी गई. जिसके बाद अहतियातन पेट्रोल डीजल की राशनिंग और रिजर्व रखने के आदेश दिए गए हैं.

पेट्रोल पंप मालिकों को इमरजेंसी सेवाओं के लिए न्यूनतम रिजर्व रखने के लिए कहा गया है. आपातकालीन वाहनों जैसे एंबुलेंस, फायरब्रिगेड और सार्वजनिक परिवहन से जुड़े वाहनों को तेल भरवाने में प्राथमिकता दी जाएगी. किसी तरह के कंटेनर में भरकर ले जाने की अनुमति नहीं होगी और 10 लीटर से अधिक रीफिलिंग ना करने के आदेश दिए गए हैं. - निपुण जिंदल, डीसी, कांगड़ा

ये भी पढ़ें: जानिए उस कानून को जिसकी वजह से हड़ताल पर गए वाहन चालक

शिमला: हिट एंड रन कानून के विरोध में देशभर के ट्रक और बस ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं. जिसका असर अब आम जनजीवन पर दिखने लगा है. खासकर हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में इसका असर ज्यादा पड़ेगा क्योंकि यहां ट्रांसपोर्टेशन पूरी तरह से ट्रकों पर निर्भर है. हड़ताल का असर पूरे प्रदेश में दिखने लगा है और यही हाल रहा तो आने वाले 24 से 48 घंटे में आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

पेट्रोल पंपों पर लगी गाड़ियों की कतार- प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई टैंकरों से होती है. ड्राइवरों की इस हड़ताल का असर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर भी पड़ा है. पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हैं. प्रदेशभर के पेट्रोल पंपों पर लगभग एक जैसा नजारा दिखा.

HP hit and run protest
हिमाचल के पेट्रोल पंपों पर उमड़ रही भीड़

टैंकर, बस और ट्रकों के ड्राइवर नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं. प्रदेश में करीब 600 पेट्रोल पंप हैं और अगर टैंकरों से सप्लाई सुचारू रूप से नहीं होती है तो पेट्रोल पंप जल्द ही सूख जाएंगे. - अमित नंदा, हिमाचल पेट्रोल पंप एसोसिएशन के पदाधिकारी

बिलासपुर के पेट्रोल पंपों पर भी मंगलवार को तेल भरवाने के लिए मारामारी दिखी. पेट्रोल पंप पर बाइक और कारों का जमावड़ा लग गया. वहीं बिलासपुर बस अड्डे पर निजी बसों के पहिये पूरी तरह से थमे हुए थे जिसके कारण आम लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. टैंकर ड्राइवरों की हड़ताल और पेट्रोल पंप पर उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन आपातकालीन सेवाओं के लिए पेट्रोल-डीजल की राशनिंग के साथ-साथ रिजर्व रखने के आदेश दिए गए हैं.

पुलिस प्रोटेक्शन में हो रही पेट्रोल-डीजल की सप्लाई- हिमाचल प्रदेश के ऊना में इंडियन ऑयल के टर्मिनल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात दिखा. मंगलवार को 65 टैंकर यहां पहुंचे और उन्हें लोड करने के बाद पुलिस सुरक्षा के बीच पेट्रोल पंप तक सप्लाई के लिए ले जाया गया. जबकि टर्मिनल कैंपस के बाहर ट्रक चालकों का प्रदर्शन जारी रहा.

HP hit and run protest
ट्रक और बस ड्राइवरों का प्रदर्शन

हड़ताल का असर ऊना में भी है. जिसे देखते हुए डीलर्स की बैठक बुलाई थी. जो डीलर्स इस हड़ताल में शामिल नहीं है और रीफिलिंग के लिए टर्मिनल पर अपने टैंकर भेजना चाहते हैं उन्हें आश्वस्त किया गया है कि वो रीफीलिंग के टैंकर भेजें उन्हें इसके लिए पूरी सुरक्षा दी जाएगी. -राघव शर्मा, डीसी, ऊना

हम ड्राइवरों ने स्टेयरिंग छोड़ आंदोलन है. हम गाड़ी नहीं चलाएंगे लेकिन कुछ मालिक है जो अपने ड्राइवरों को डरा धमकाकर नौकरी से निकालने की बात कहकर रीफिलिंग के लिए भेज रहे हैं. जो हमारे साथ है ठीक है, हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक था और शांतिपूर्वक ही रहेगा. 4 से 5 दिन से हम सड़कों पर बैठे हैं, हमें किसी ने नहीं पूछा. हम ऐसे ही शांतिपूर्वक बैठेंगे. - शिव कुमार, अध्यक्ष, ट्रक चालक यूनियन

HP hit and run protest
बसों के पहिये थमने से यात्री परेशान

सार्वजनिक परिवहन पर भी असर- सरकारी बसों के ड्राइवर भी इस हड़ताल के समर्थन में उतर गए हैं. जिसका असर कई रूटों पर पड़ा है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ रूटों पर बस सेवा बंद रही तो कुछ पर नाम मात्र की बसें चली हैं. वहीं अगर पेट्रोल डीजल की कमी हुई तो सार्वजनिक परिवहन की चल रही बसों के साथ-साथ निजी वाहनों के पहिये भी थम जाएंगे. ट्रक और बस ड्राइवरों ने जगह-जगह केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और नारेबाजी की.

निगम के पास अब एक-दो दिन का ही डीजल बचा है. सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखकर निगम की बसों के लिए डीजल के लिए तेल उपलब्ध करवाने की मांग की गई है ताकि परिवहन व्यवस्था ना चरमाराए- रोहन चंद ठाकुर, एमडी, HRTC

परेशान होते रहे यात्री- ट्रक और बसों की ड्राइवरों की इस हड़ताल का सबसे ज्यादा खामियाजा रोजमर्रा के यात्रियों ने भुगता. नौकरी पेशा लोग हों या फिर रिश्तेदारी में जाने वाले यात्री, हर किसी को बसों के थमे पहियों ने परेशान कर दिया. लोग जगह-जगह फंसे रहे और घंटों तक बसों का इंतजार करते रहे. कोई भी वक्त पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाया.

HP hit and run protest
सप्लाई ना होने से फल-सब्जियां महंगी

जरूरी चीजों की सप्लाई पर भी असर- ट्रकों के पहिये थमने का सीधा असर सप्लाई चेन पर पड़ा है और रोजमर्रा के जरूरत की चीजें नहीं पहुंच पा रही हैं. फिर चाहे राशन हो या दूध, एलपीजी सिलेंडर या रेत, बजरी, सरिया जैसा घर बनाने का सामान. अगर जल्द इस मुश्किल का हल नहीं निकला तो आम जनजीवन का अस्त-व्यस्त होना तय है. अगर ट्रकों के पहिये थमे रहे तो बुधवार से मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं.

नेता या सांसद अपनी कार की पिछली सीट पर बैठ जाते हैं और पूरी सुरक्षा के साथ खाली सड़क पर निकलते हैं. उन्हें प्रैक्टिकल होकर सोचना होगा और देश की सड़कों पर ट्रक, बस, टैक्सी में सफर करके देखना होगा. तब जाकर वो प्रैक्टिकल प्रॉब्लम को जान पाएंगे. कानून के बारे में प्रैक्टिकल होकर सोचना चाहिए. ये काला कानून सिर्फ ट्रक और बस ऑपरेटर के लिए नहीं है. ये कानून कार, बाइक, टैक्सी चलाने वाले आम लोगों के लिए भी है. आम जनता के बारे में सोचकर कानून बनाना चाहिए. हमारी आम लोगों से अपील है कि हमारा साथ दें, सरकार को ये काला कानून वापस लेना पड़ेगा- पवन ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष, निजी बस ऑपरेटर यूनियन

महंगी हो रही फल-सब्जियां- ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का सीधा असर सब्जी मंडी पर भी पड़ा है. सब्जी और फलों की सप्लाई कम होने का सीधा असर कीमतों पर पड़ा है. सोलन की सब्जी मंडी में इन दिनों नासिक और राजस्थान के अलवर से प्याज की सप्लाई होती है. पंजाब से भी आलू, टमाटर जैसी अन्य सब्जियों की सप्लाई भी होती है. ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण माल मंडियों तक नहीं पहुंच रहा जिसके कारण फल औऱ सब्जियां महंगी हो रही हैं.

ड्राइवरों की हड़ताल का असर ट्रांसपोर्टेशन पर पड़ रहा है. पेट्रोल-डीजल की कमी को लेकर भी बात सामने आ रही है. जिसे देखते हुए विभाग ने पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल-डीजल की राशनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. फिलहाल कोई कमी नहीं है लेकिन एहतियातन ये निर्देश दिए गए हैं- नरेंद्र धीमान, नियंत्रक, खाद्य आपूर्ति विभाग, सोलन

HP hit and run protest
ऊना में पुलिस प्रोटेक्शन में रवाना हुए तेल टैंकर

पर्यटक भी हो रहे परेशान- हिमाचल पहुंच रहे पर्यटकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. निजी वाहनों से शिमला पहुंचे पर्यटकों को पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी कतारें मिल रही हैं. घंटों लाइन में लगने के बाद पेट्रोल मिल रहा है. कुछ बिना पेट्रोल लिए ही पंप से वापस लौट रहे हैं. जो पर्यटक सार्वजनिक परिवहन के भरोसे हैं उन्हें भी वापस लौटने या अपने गंतव्य तक जाने के लिए बसें नहीं मिल रही हैं और यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें और ज्यादा बढ़ जाएंगी.

देशभर में चल रही इस हड़ताल का असर हिमाचल प्रदेश के हर जिले में देखने को मिला. शिमला से लेकर कांगड़ा और सिरमौर, सोलन से लेकर कुल्लू, मंडी तक हर जगह पेट्रोल पंपों पर भीड़ देखी गई. जिसके बाद अहतियातन पेट्रोल डीजल की राशनिंग और रिजर्व रखने के आदेश दिए गए हैं.

पेट्रोल पंप मालिकों को इमरजेंसी सेवाओं के लिए न्यूनतम रिजर्व रखने के लिए कहा गया है. आपातकालीन वाहनों जैसे एंबुलेंस, फायरब्रिगेड और सार्वजनिक परिवहन से जुड़े वाहनों को तेल भरवाने में प्राथमिकता दी जाएगी. किसी तरह के कंटेनर में भरकर ले जाने की अनुमति नहीं होगी और 10 लीटर से अधिक रीफिलिंग ना करने के आदेश दिए गए हैं. - निपुण जिंदल, डीसी, कांगड़ा

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