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त्रिपुरा हाईकोर्ट का टीएमसी नेता अभिषेक व पांच अन्य के खिलाफ जांच पर रोक से इनकार

त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी तथा पांच अन्य के खिलाफ कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों के कार्य में बाधा डालने के मामले की जांच पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया. राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर यह बताने को कहा कि मामले को खारिज क्यों नहीं किया जाना चाहिए.

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Published : Aug 18, 2021, 8:39 PM IST

अगरतला : त्रिपुरा में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी, सांसद डोला सेन, पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री बी बसु, तृणमूल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के नेता सुबल भौमिक तथा दो अन्य के खिलाफ ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत शिकायत दर्ज की गई है.

इसके बाद भौमिक ने अदालत में एक याचिका दाखिल करके मामले को खारिज करने और पार्टी नेताओं के खिलाफ जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. न्यायाधीश एए कुरैशी ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को दो सप्ताह में यह बताने का निर्देश दिया कि मामले को क्यों नहीं खारिज किया जाए.

साथ ही अदालत ने पुलिस को जांच जारी रखने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति कुरैशी ने कहा कि पुलिस को अदालत से विचार विमर्श किए बिना अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपनी चाहिए. खोवाई जिले के पुलिस अधीक्षक किरन कुमार ने कहा कि तृणमूल नेताओं के खिलाफ 10 अगस्त को एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिन्होंने दो दिन पहले ड्यूटी पर तैनात पुलिसर्मियों के साथ बदसलूकी की थी.

उन्होंने कहा कि हमने भारतीय दंड संहिता की धारा 186 और 36 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह प्राथमिकी खोवाई पुलिस थाने में आने से जुड़ी है. उन्हें तलब किया जाएगा.

गौरतलब है कि त्रिपुरा के खोवई जिले में कोविड नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आठ अगस्त को तृणमूल कांग्रेस के कम से कम 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया.

यह भी पढ़ें-उच्च न्यायालय ने सीबीआई के कामकाज में और स्वायत्तता की वकालत की

इनमें वे कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के कथित हमले में घायल हो गए थे. गिरफ्तार किए गए लोगों को बाद में एक स्थानीय अदालत में पेश किया था, जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

अगरतला : त्रिपुरा में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी, सांसद डोला सेन, पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री बी बसु, तृणमूल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के नेता सुबल भौमिक तथा दो अन्य के खिलाफ ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत शिकायत दर्ज की गई है.

इसके बाद भौमिक ने अदालत में एक याचिका दाखिल करके मामले को खारिज करने और पार्टी नेताओं के खिलाफ जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. न्यायाधीश एए कुरैशी ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को दो सप्ताह में यह बताने का निर्देश दिया कि मामले को क्यों नहीं खारिज किया जाए.

साथ ही अदालत ने पुलिस को जांच जारी रखने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति कुरैशी ने कहा कि पुलिस को अदालत से विचार विमर्श किए बिना अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपनी चाहिए. खोवाई जिले के पुलिस अधीक्षक किरन कुमार ने कहा कि तृणमूल नेताओं के खिलाफ 10 अगस्त को एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिन्होंने दो दिन पहले ड्यूटी पर तैनात पुलिसर्मियों के साथ बदसलूकी की थी.

उन्होंने कहा कि हमने भारतीय दंड संहिता की धारा 186 और 36 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह प्राथमिकी खोवाई पुलिस थाने में आने से जुड़ी है. उन्हें तलब किया जाएगा.

गौरतलब है कि त्रिपुरा के खोवई जिले में कोविड नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आठ अगस्त को तृणमूल कांग्रेस के कम से कम 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया.

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इनमें वे कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के कथित हमले में घायल हो गए थे. गिरफ्तार किए गए लोगों को बाद में एक स्थानीय अदालत में पेश किया था, जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

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