अगरतला : कोयले के संकट के बीच (coal crisis in tripura), त्रिपुरा चाय विकास निगम (Tripura Tea Development Corporation -TTDC) अपने दो कारखानों को गैस आधारित प्रसंस्करण यूनिटों में बदलने के लिए तैयार (two factories convert into gas-based process units) है. TTDC ने त्रिपुरा प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (Tripura Natural Gas Corporation Limited-TNGCL) के साथ करार किया है.
TTDC के अध्यक्ष संतोष साहा ने यहां एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि कोयला संकट से निपटने के लिए TTDC ने TNGCL के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि फरवरी के अंत तक दुर्गाबाड़ी क्षेत्र में हमारे कारखानों के लिए गैस लाइनों का विस्तार पूरा हो जाएगा. TNGC के अधिकारियों ने इस पर काम शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि मार्च के अंत या अप्रैल के पहले सप्ताह से चाय प्रसंस्करण का मौसम (tea processing season) शुरू हो जाएगा. उम्मीद है कि फैक्ट्रियों को गैस आधारित इकाइयों में तब्दील करने के बाद उत्पादकों को सस्ती कीमत पर ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति होगी.
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साहा ने कहा कि त्रिपुरा में चाय उद्योग के गठन के 42 साल के बाद, शायद यह पहली बार है जब चाय उद्योग ने एक करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक का लाभ कमाया है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में TTDC ने पहली बार एक करोड़ 12 लाख रुपये का मुनाफा दर्ज किया है. मुझे उम्मीद है कि हम घरेलू और राष्ट्रीय बाजारों में त्रिपुरा चाय को लोकप्रिय बनाने के अपने प्रयासों के माध्यम से मुनाफा कमाना जारी रखेंगे.
उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही निगम ग्रीन टी के उत्पादकों का भी नेटवर्क बनाएगा.