कोलकाता : पहले तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में फिर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal assembly elections) के बाद वापस पुरानी पार्टी में. क्या इतने सारे बदलावों ने मुकुल रॉय (Mukul Roy) को भ्रमित कर दिया है? पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में कृष्णानगर नगर पालिका कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि आने वाले उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की बुरी तरह हार होगी और भाजपा वहां अपनी स्थिति बहाल करेगी.
उनके बयानों ने मंच पर मौजूद तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के अन्य नेताओं को शर्मिंदा कर दिया. मुकुल रॉय ने कहा, 'उपचुनाव होने दीजिए. मैं बीजेपी की तरफ से कह रहा हूं कि वहां तृणमूल कांग्रेस की बुरी तरह हार होगी. भाजपा अपनी स्थिति बहाल करेगी.'
मंच पर शर्मिंदा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें टोकने की कोशिश की लेकिन वह बोलते रहे. हालांकि बाद में उन्होंने खुद को सुधारा और तृणमूल के पक्ष में आवाज उठाई.
अभिषेक के काफिले पर हमले पर ये बोले
लेकिन अंत यही नहीं था. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, अभिषेक बंदोपाध्याय के काफिले पर हाल ही में त्रिपुरा में भाजपा समर्थकों द्वारा किए गए हमले पर उनकी टिप्पणी और भी चौंकाने वाली थी. उन्होंने कहा कि 'ऐसा कुछ नहीं हुआ. राजनीति में जो कुछ भी हुआ वह कोई नई बात नहीं है.'
हालांकि, इसके तुरंत बाद उन्होंने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस के त्रिपुरा मिशन कार्यक्रम में भाग लेंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की जमकर तारीफ की.
बहरहाल, इस पूरी घटना ने उस समय जिले के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को चौंका कर रख दिया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें. आधिकारिक तौर पर मुकुल रॉय क्रिसनगर (उत्तर) निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. हालांकि चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.
उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा के लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में भी नामित किया गया है, जिसके बाद वह तमाम तरह से सवालों में घिर गए. ऐसे में उनकी इस तरह की टिप्पणियां निश्चित रूप से भाजपा को मुद्दा देंगी. अब सवाल यह है कि उनके जैसे अनुभवी नेता ने इतनी महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस में ऐसी गलतियां कैसे की? क्या उस समय वह शारीरिक रूप से अस्वस्थ थे?
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