रांची : कहते हैं जहां चाह है वहीं राह है यानी हमारी दृढ इच्छाशक्ति ही लक्ष्य को पाने में सहायक होता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है रांची के कोकर के रहनेवाले अभिषेक ने. कोरोना काल में रोजी रोजगार की कमी से मारा अभिषेक ने ऐसा काम शुरू किया. जिससे न केवल अन्य लोगों को रोजगार मिल रहा है, बल्कि स्थानीय पब्लिक ट्रांसपोर्ट कंपनी के लिए एक चुनौती भी खड़ी हो गई है. अपनी सवारी के नाम से शुरू की गई बाइक टैक्सी अभिषेक के लिए किसी ड्रीम प्रोजेक्ट से कम नहीं है.
12वीं पास अभिषेक की पारिवारिक स्थिति काफी कमजोर है. उनके पिता ऑटो चलाकर घर का खर्चा चलाते हैं. पिता की परेशानी को देखकर अभिषेक ने एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट कंपनी बनाने का प्रण लिया. जिसपर लगभग डेढ साल तक मंथन करने के बाद आखिरकार बाइक को टैक्सी के रूप में बाजार में उतारने का मन बनाया. अभिषेक का अपनी सवारी नाम से शुरू हुई बाइक टैक्सी हाल ही में 5 अक्टूबर से रांची में फिलहाल शुरू हुआ है, जो आनेवाले समय में जमशेदपुर और पटना के अलावा देश के अन्य शहरों में सेवा प्रदान करेगा. आर्थिक स्थिति कमजोर रहने के कारण अभिषेक ने अपनी सवारी का कार्यालय कम किराया होने के वजह से लोअर चुटिया के स्वर्णरेखा नगर में रखा गया है. आज अभिषेक के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर इंजीनियर और कई प्रोफेशनल लोग काम कर रहे हैं.
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सस्ते दर पर मिलती है सवारी
रांची के प्रमुख चौक चौराहों से शुरू हुआ अपनी सवारी आम यात्रियों को केवल पांच रुपये प्रति किलोमीटर की दर से सफर कराता है. फिलहाल अपनी सवारी के पास 20 मोटरसाइकिल राइडर हैं, जो राजधानी की सड़कों पर लोगों को सेवा दे रहे हैं. सस्ते दर पर सफर कराने के पीछे ओला, उबर और रेपीडो जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों को टक्कर देने का मंशा है. राइडर को कंपनी की ओर से 8 हजार रुपये महीना वेतन और गाड़ी का पेट्रोल अलग से मुहैया कराया जाता है. इसके अलावा राइडर को पांच लाख का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस की भी सुविधा दी जाती है.
सुरक्षित सफर के लिए रखी जाती है ऑनलाइन नजर
यात्रियों की अपनी सवारी से सुरक्षित सफर हो इसके लिए खास नजर रखी जाती है. ऑफिस से ऑनलाइन राइडर और यात्रियों पर नजर रखी जाती है. अपनी सवारी में सफर शुरू करने से पहले आपको हेलमेट और मास्क लगाना अनिवार्य होगा. राइडर की नियुक्ति के वक्त पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आईडी कार्ड आदि देना अनिवार्य है. जिसके बाद कंपनी आईडी, दो हेलमेट और टी-शर्ट पहचान के लिए मुहैया कराती है. वर्तमान में पुरुष राइडर ही अपनी सवारी में काम कर रहे हैं. लेकिन महिलाओं को भी इसमें मौका देने की कोशिश की जा रही है. जिससे महिला यात्री भी अपनी सवारी से सफर कर सकें. ऑनलाइन, ऑफलाइन बुकिंग की सुविधा के माध्यम से राजधानी में कम दूरी की सफर जल्दी पूरा करने में दो पहिया वाहन काफी कारगर साबित हो रहा है.