अमरावती : आंध्र प्रदेश में प्लास्टिक फ्लेक्सी के उपयोग पर एक नवंबर से प्रतिबंध लगाने के सरकार के निर्णय से व्यापारियों में विशेष रूप से प्रकाशम जिले के फ्लेक्सी व्यापारी काफी चिंतित हैं. बता दें कि प्रकाशम जिले में करीब सौ फ्लेक्सी प्रिटिंग इकाइयां हैं. वहीं इस काम को करने से हजारों परिवार अपना गुजर बसर करते हैं. इसमें ग्राफिक डिजाइनर, प्रिटिंग वर्कर, फ्लेक्सी फ्रेम मेकर और फ्लेक्सी असेंबली करने वाले अपनी आजीविका के लिए इस उद्योग पर निर्भर हैं.
वहीं प्रतिबंध तिथि के पास आने के साथ ही व्यापारी शिकायत कर रहे हैं कि अचानक प्रतिबंध लगाने से उनके समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें. उनका कहना है कि वैकल्पिक रास्ता बताने के बाद ही प्रतिबंध लागू किया जाना चाहिए. व्यापारियों ने कहा कि उन्होंने प्लास्टिक फ्लेक्सी प्रिटिंग मशीन को लाखों रुपये का कर्ज लेकर खरीदा है और ऐसी स्थिति में वे बैंक के कर्ज का भुगतान नहीं कर पाएंगे.
उनका कहना है कि कोरोना की वजह से दो साल से वे कारोबार और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और अब सरकर के इस फैसले से उनके कर्ज से निकलने का कोई रास्ता नहीं है.व्यापारियों ने कहा कि यदि राज्य सरकार पुनर्विचार करती है और कम से कम एक साल की समय सीमा देती है, तो वे वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे नहीं तो लाखों परिवार बेघर हो जाएंगे.
ये भी पढ़ें - सिंगल यूज ऑफ प्लास्टिक पर बैन, पेय पदार्थ कंपनियां तलाश रहीं प्लास्टिक स्ट्रॉ का विकल्प