हैदराबाद: भारतीय महिला हाकी टीम पहले ही इतिहास रच चुकी है और अब उसका लक्ष्य टोक्यो ओलिंपिक खेलों के सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को हराकर अपनी उपलब्धियों को चरम पर पहुंचाना होगा. आत्मविश्वास से भरी भारतीय महिला टीम ने सोमवार को तीन बार की चैंपियन आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश किया.
वहीं टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) भारत के लिए बुधवार (5 अगस्त) का दिन महत्वपूर्ण है. भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Womens Hockey Team) और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) पहली बार फाइनल में प्रवेश की कोशिश करेंगे.
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इसके साथ ही पदक उम्मीद नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) भालाफेंक में चुनौती पेश करेंगे. वहीं बॉक्सिंग में रवि दहिया (57 किलो), दीपक पूनिया और अंशु मलिक पर नजर रहेगी. रवि दहिया तकनीक के धनी और काफी ताकतवर पहलवान हैं. इसके अलावा गोल्फ में महिला गोल्फर अदिति अशोक अपनी शुरुआत करेंगी.
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वहीं ओलंपिक इतिहास की बात करें, तो भारत ने अब तक कुल 28 मेडल अपने नाम किए हैं. इनमें नौ गोल्ड, सात सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. भारत ने सबसे ज्यादा आठ गोल्ड मेडल हॉकी में जीते हैं.
वहीं एक गोल्ड व्यक्तिगत शूटिंग स्पर्धा में अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में जीता था. 2012 का लंदन ओलंपिक भारत का सबसे शानदार अभियान रहा. 2012 के टूर्नामेंट में भारत ने कुल छह पदक अपने नाम किए थे.
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हालांकि भारत गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब नहीं हो पाया था. भारतीय दल के प्रदर्शन को देखते हुए यह लग रहा है कि भारत इस साल इतिहास रच सकता है और टोक्यो में अभी कई और मेडल अपने नाम कर सकता है.