कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक कथित पोस्टर ने हलचल मचा रखा है. इस पोस्टर में पश्चिमी मेदनीपुर जिले में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम दिए गए हैं, जिनक सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया गया है.
पोस्टर को लेकर भाजपा (BJP) ने आरोप लगाया है कि उसके समर्थकों पर राज्य में विभिन्न प्रकार के अत्याचार हो रहे हैं. जिसमें हिंसा से लेकर सामाजिक बहिष्कार सभी शामिल है. वहीं टीएमसी (TMC) ने दावा किया कि इस पोस्टर से उसका कोई लेना-देना नहीं है. यह सब खुद भाजपा का किया धरा है.
जानकारी के मुताबिक मेदनीपुर (Medinipur) जिले के केशपुर इलाके के महिसदा में लगे पोस्टरों में दुकानदारों से कुछ खास लोगों को कुछ न बेचने को कहा गया और कहा गया कि उन्हें चाय की दुकानों पर चाय भी नहीं पिलाया जाए.
पोस्टरों ने दुकान मालिकों को उन निर्देशों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की धमकी भी दी.
पोस्टरों में जिन नामों का उल्लेख किया गया है, उन्हें भाजपा ने अपने समर्थक और कार्यकर्ता होने का दावा किया है.
यह पोस्टर 'महिस्दा सर्व भारतीय तृणमूल कांग्रेस' के नाम से छपे थे, जिन पर बूथ संख्या 176 और 179 छपे थे.
बंगाल में भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष किया घोष (Keya Ghosh) ने ट्वीट कर इस पोस्टर को साझा किया. इसे ट्वीट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि यह चौंकाने वाली घटना है. हम मुख्यमंत्रा ममता बनर्जी से आग्रह करते हैं कि बंगाल में सभी लोग सुरक्षित रहें और किसी भी आधार पर उनका बहिष्कार न किया जाए.
भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, 'यह कोई नई बात नहीं है. राज्य भर में हमारी पार्टी के लोग विभिन्न अत्याचारों का सामना कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद कई स्थानों पर भाजपा समर्थकों को बेघर किया गया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा का संज्ञान लिया है.
तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस को ऐसी चीजों में शामिल होने की जरूरत नहीं है. लोग भाजपा से दूर हो गए हैं.'
उन्होंने दावा किया कि भाजपा खुद ध्यान आकर्षित करने के लिए 'ऐसी गतिविधियों' में शामिल है.
घाटल से सांसद और अभिनेता दीपक अधिकारी (देव) ने भी पार्टी से इस पोस्टर के किसी भी तरह के संबंध से इंकार किया है.
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