कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव (Assembly ByElection) में हो रही देरी को लेकर राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार की एक संसदीय टीम आज दोपहर चुनाव आयोग (Election Commission) से मिलेगी. जानकारी के मुताबिक यह संसदीय टीम आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपेगी.
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पश्चिम बंगाल की खाली सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव कराने में देरी को लेकर नाराजगी जताई है. वह जल्द से जल्द राज्य में उपचुनाव कराए जाने की मांग उठा रहा है.
बता दें, चुनाव आयोग (ECI) से मिलने वाली संसदीय टीम में सुदीप बंदोपाध्याय, सौगत रॉय, कल्याण बंदोपाध्याय, डॉ काकोली घोष दस्तीदार और डेरेक ओ'ब्रायन शामिल हैं. पश्चिम बंगाल के जिन सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं, उनमें दक्षिण कोलकाता का भबनीपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की उम्मीद है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के मौजूदा नेता शुभेंदु अधिकारी से नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से हारने के बाद भी उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
संविधान के अनुसार ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह महीने के भीतर किसी भी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होना है. तृणमूल कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार सोवन्देब चट्टोपाध्याय मुख्यमंत्री को जगह देने के लिए पहले ही उस निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे चुके हैं. अन्य छह निर्वाचन क्षेत्र खरदा, गोसाबा, समसेरगंज, जंगीपुर, शांतिपुर और दिनहाटा हैं.
शुभेंदु अधिकारी ने उपचुनावों को शीघ्र पूरा करने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी उपचुनावों को जल्दी पूरा करने के लिए इतनी उत्सुक क्यों है. यह शर्म की बात है कि वही तृणमूल शासित राज्य सरकार राज्य में विभिन्न नगर पालिकाओं और नगर निगमों के चुनाव में देरी कर रही है और स्थगित कर रही है.
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हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि राज्य में कोविड-19 की स्थिति अब बहुत नियंत्रण में है, इसलिए उस अवधि के दौरान उपचुनाव को कराना बेहतर होगा.