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सैन्य उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता: राजनाथ सिंह - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) की वार्षिक आम बैठक में (rajnath singh to indian defence manufacturers) रक्षा उत्पादन के लिए रणनीतिक साझेदारी मॉडल पर भी प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य देश में लड़ाकू जेट, सैन्य हेलीकॉप्टर, टैंक और पनडुब्बियों के उत्पादन को प्रोत्साहित करना है.

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राजनाथ सिंह
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Published : Sep 27, 2022, 5:27 PM IST

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh to indian defence manufacturers) ने मंगलवार को कहा कि भारत ने 2025 तक रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है और सैन्य उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने घरेलू रक्षा उद्योगों को समर्थन देने के प्रयासों के तहत घरेलू कंपनियों से सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए इस साल के रक्षा बजट में लगभग 85,000 करोड़ रुपये की राशि अलग से रखी है.

सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) की वार्षिक आम बैठक में सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय अलग-अलग समयसीमा के बाद 309 रक्षा वस्तुओं का आयात न करने से संबंधित तीन सूची पहले ही जारी कर चुका है. उन्होंने रक्षा उत्पादन के लिए रणनीतिक साझेदारी मॉडल पर भी प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य देश में लड़ाकू जेट, सैन्य हेलीकॉप्टर, टैंक और पनडुब्बियों के उत्पादन को प्रोत्साहित करना है. उन्होंने कहा, 'हमें बस चलते रहना है, बिना थके चलते रहना है.'

भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देश को पिछले वित्त वर्ष में कुल 83.57 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ जो एक 'रिकॉर्ड' है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भारत में निवेश करने को लेकर दिलचस्पी दिखा रही है क्योंकि देश एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है. सिंह ने कहा, 'यह दर्शाता है कि अब बहुत तेज गति से आगे बढ़ने का समय है.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh to indian defence manufacturers) ने मंगलवार को कहा कि भारत ने 2025 तक रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है और सैन्य उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने घरेलू रक्षा उद्योगों को समर्थन देने के प्रयासों के तहत घरेलू कंपनियों से सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए इस साल के रक्षा बजट में लगभग 85,000 करोड़ रुपये की राशि अलग से रखी है.

सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) की वार्षिक आम बैठक में सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय अलग-अलग समयसीमा के बाद 309 रक्षा वस्तुओं का आयात न करने से संबंधित तीन सूची पहले ही जारी कर चुका है. उन्होंने रक्षा उत्पादन के लिए रणनीतिक साझेदारी मॉडल पर भी प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य देश में लड़ाकू जेट, सैन्य हेलीकॉप्टर, टैंक और पनडुब्बियों के उत्पादन को प्रोत्साहित करना है. उन्होंने कहा, 'हमें बस चलते रहना है, बिना थके चलते रहना है.'

भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देश को पिछले वित्त वर्ष में कुल 83.57 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ जो एक 'रिकॉर्ड' है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भारत में निवेश करने को लेकर दिलचस्पी दिखा रही है क्योंकि देश एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है. सिंह ने कहा, 'यह दर्शाता है कि अब बहुत तेज गति से आगे बढ़ने का समय है.'

(पीटीआई-भाषा)

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