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तिलक स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता के महत्व को समझते थे : प्रधानमंत्री मोदी

लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद समारोह को संबोधित पीएम नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक पत्रकारिता और अखबारों के महत्व को समझते थे.

Prime Minister Narendra Modi
पीएम नरेन्द्र मोदी
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Published : Aug 1, 2023, 10:31 PM IST

पुणे : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि बाल गंगाधर तिलक आजादी की मांग को जोरदार तरीके से रखने में पत्रकारिता और अखबारों के महत्व को समझते थे. वह यहां लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे. मोदी ने कहा, 'तिलक आजादी की मांग को जोरदार तरीके से रखने में पत्रकारिता और अखबारों के महत्व को समझते थे. उन्होंने अंग्रेजी सप्ताहिक 'मराठा' की शुरुआत की और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों गोपाल गणेश अगरकर और विष्णु शास्त्री चिपलुणकर की मदद से मराठी दैनिक 'केसरी' की शुरुआत की.

  • तिलक जी ने आज़ादी की आवाज़ को बुलंद करने के लिए पत्रकारिता और अखबार की अहमियत को भी समझा। pic.twitter.com/lS9Btzauj0

    — PMO India (@PMOIndia) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि केसरी का मुद्रण 140 साल से हो रहा है, जो दिखाता है कि तिलक ने संस्थान का ठोस आधार रखा था. इस मौके पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी प्रेस के महत्व पर बात की. उन्होंने कहा कि तिलक ने पत्रकारिता का इस्तेमाल आम लोगों को ब्रिटिश गुलामी से आजादी के लिए प्रेरित करने के वास्ते हथियार के तौर पर किया.

पवार ने कहा, 'उन्होंने 25 साल की उम्र में दैनिक केसरी और साप्ताहिक मराठा की शुरुआत की. इन अखबारों की मदद से उन्होंने अंग्रेजों पर हमला किया...वह कहते थे कि पत्रकारिता दबाव से मुक्त होनी चाहिए. यह उनका रुख था और वह इस पर अमल करते थे.'

  • लोकमान्य तिलक ने परम्पराओं को भी पोषित किया था। pic.twitter.com/gkb8q8ynt8

    — PMO India (@PMOIndia) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में नीतियों और लोगों की कड़ी मेहनत दोनों में बेहद भरोसा (ट्रस्ट सरप्लस) झलकता है. मोदी ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही, जिसमें उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मोदी के साथ मंच साझा किया. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि अविश्वास के माहौल में देश का विकास संभव नहीं होता.

मोदी ने भारत की 'विश्वास की कमी' से 'बेहद भरोसे' तक की यात्रा के बारे में बात की. मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि भारत ऐसा देश है जहां लोग अपनी सरकार पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं.

ये भी पढ़ें - देश की नीतियों और देशवासियों के परिश्रम दोनों में आज बेहद भरोसा झलकता है: प्रधानमंत्री मोदी

(पीटीआई-भाषा)

पुणे : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि बाल गंगाधर तिलक आजादी की मांग को जोरदार तरीके से रखने में पत्रकारिता और अखबारों के महत्व को समझते थे. वह यहां लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे. मोदी ने कहा, 'तिलक आजादी की मांग को जोरदार तरीके से रखने में पत्रकारिता और अखबारों के महत्व को समझते थे. उन्होंने अंग्रेजी सप्ताहिक 'मराठा' की शुरुआत की और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों गोपाल गणेश अगरकर और विष्णु शास्त्री चिपलुणकर की मदद से मराठी दैनिक 'केसरी' की शुरुआत की.

  • तिलक जी ने आज़ादी की आवाज़ को बुलंद करने के लिए पत्रकारिता और अखबार की अहमियत को भी समझा। pic.twitter.com/lS9Btzauj0

    — PMO India (@PMOIndia) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि केसरी का मुद्रण 140 साल से हो रहा है, जो दिखाता है कि तिलक ने संस्थान का ठोस आधार रखा था. इस मौके पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी प्रेस के महत्व पर बात की. उन्होंने कहा कि तिलक ने पत्रकारिता का इस्तेमाल आम लोगों को ब्रिटिश गुलामी से आजादी के लिए प्रेरित करने के वास्ते हथियार के तौर पर किया.

पवार ने कहा, 'उन्होंने 25 साल की उम्र में दैनिक केसरी और साप्ताहिक मराठा की शुरुआत की. इन अखबारों की मदद से उन्होंने अंग्रेजों पर हमला किया...वह कहते थे कि पत्रकारिता दबाव से मुक्त होनी चाहिए. यह उनका रुख था और वह इस पर अमल करते थे.'

  • लोकमान्य तिलक ने परम्पराओं को भी पोषित किया था। pic.twitter.com/gkb8q8ynt8

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इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में नीतियों और लोगों की कड़ी मेहनत दोनों में बेहद भरोसा (ट्रस्ट सरप्लस) झलकता है. मोदी ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही, जिसमें उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मोदी के साथ मंच साझा किया. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि अविश्वास के माहौल में देश का विकास संभव नहीं होता.

मोदी ने भारत की 'विश्वास की कमी' से 'बेहद भरोसे' तक की यात्रा के बारे में बात की. मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि भारत ऐसा देश है जहां लोग अपनी सरकार पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं.

ये भी पढ़ें - देश की नीतियों और देशवासियों के परिश्रम दोनों में आज बेहद भरोसा झलकता है: प्रधानमंत्री मोदी

(पीटीआई-भाषा)

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