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'सिर्फ खरगोश और चिकन, नो हिरण', बाघ करे तो क्या करे ? - tiger to eat not deer after dental operation

दांत का ऑपरेशन होने के बाद बाघ को हिरण का शिकार करने दिया जाए या नहीं, इस पर अन्नामलाई टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने स्पष्टीकरण मांगा है. अभी जिस बाघ का ऑपरेशन हुआ है, उसे खरगोश और चिकन दिया जा रहा है. लेकिन हिरण नहीं मिलने से उसकी स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है.

tiger concept photo
बाघ, प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 2, 2023, 1:39 PM IST

चेन्नई : पिछले एक साल से अन्नामलाई टाइगर रिजर्व (एटीआर) में कैद बाघ के लिए अधिकारियों ने तमिलनाडु के मुख्य वन संरक्षक से हिरण प्रदान करने की अनुमति मांगी है. दरअसल, बाघ दांतों की गंभीर समस्या से गुजर रहा है, ऐसे में उसके स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुए एटीआर के अधिकारियों ने बाघ को हिरण खिलाने की अनुमति मांगी है.

बाघ वालपराई के मांद्रीमट्टम के एक बाड़े में डेंटल सर्जरी के बाद से पिछले एक साल से रह रहा है. हिरण को पकड़ने और उसे बाघ को दिए जाने के लिए मुख्य वन्य जीवन वार्डन श्रीनिवास के. रेड्डी से अनुमति मांगी गई है.

एटीआर अधिकारियों के अनुसार, सर्जरी से उबरने वाला बाघ अब शिकार करने में सक्षम नहीं है. वह खरगोश का मांस, बीफ और चिकन खा रहा है. यह बाघ की शिकार करने की क्षमता को कम कर देगा और जंगल में शिफ्ट करने के बाद उसे शिकार को पकड़ने में काफी परेशानी होगी, उसका जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा.

एटीआर के सूत्रों ने बताया कि बाघ एक्टिव है और बाड़े में एक गुफा में है. वह 2 से 3 लीटर पानी पीता है और करीब 6 से 7 किलो मांस खाता है, वह जो मांस खाता है वह उसके जीवित रहने के लिए पर्याप्त नहीं है. इसलिए हिरण का शिकार करने की अनुमति मांगने वाले प्रस्ताव को भेजा गया है. एक साल तक कैद में रहने के बावजूद, दांतों की समस्या को छोड़कर बाघ का बाकी स्वास्थ्य ठीक है.

एटीआर के एक अधिकारी ने बताया कि बाघ को अब अपना शिकार फिर से शुरू करना होगा और बाघ को एक बाड़े में जीवित जानवरों की आपूर्ति के लिए अनुमति की आवश्यकता होगी.

ये भी पढ़ें : बाघ के चलते उत्तराखंड के इस इलाके में लगी धारा-144, जानें कारण

(आईएएनएस)

चेन्नई : पिछले एक साल से अन्नामलाई टाइगर रिजर्व (एटीआर) में कैद बाघ के लिए अधिकारियों ने तमिलनाडु के मुख्य वन संरक्षक से हिरण प्रदान करने की अनुमति मांगी है. दरअसल, बाघ दांतों की गंभीर समस्या से गुजर रहा है, ऐसे में उसके स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुए एटीआर के अधिकारियों ने बाघ को हिरण खिलाने की अनुमति मांगी है.

बाघ वालपराई के मांद्रीमट्टम के एक बाड़े में डेंटल सर्जरी के बाद से पिछले एक साल से रह रहा है. हिरण को पकड़ने और उसे बाघ को दिए जाने के लिए मुख्य वन्य जीवन वार्डन श्रीनिवास के. रेड्डी से अनुमति मांगी गई है.

एटीआर अधिकारियों के अनुसार, सर्जरी से उबरने वाला बाघ अब शिकार करने में सक्षम नहीं है. वह खरगोश का मांस, बीफ और चिकन खा रहा है. यह बाघ की शिकार करने की क्षमता को कम कर देगा और जंगल में शिफ्ट करने के बाद उसे शिकार को पकड़ने में काफी परेशानी होगी, उसका जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा.

एटीआर के सूत्रों ने बताया कि बाघ एक्टिव है और बाड़े में एक गुफा में है. वह 2 से 3 लीटर पानी पीता है और करीब 6 से 7 किलो मांस खाता है, वह जो मांस खाता है वह उसके जीवित रहने के लिए पर्याप्त नहीं है. इसलिए हिरण का शिकार करने की अनुमति मांगने वाले प्रस्ताव को भेजा गया है. एक साल तक कैद में रहने के बावजूद, दांतों की समस्या को छोड़कर बाघ का बाकी स्वास्थ्य ठीक है.

एटीआर के एक अधिकारी ने बताया कि बाघ को अब अपना शिकार फिर से शुरू करना होगा और बाघ को एक बाड़े में जीवित जानवरों की आपूर्ति के लिए अनुमति की आवश्यकता होगी.

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(आईएएनएस)

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