हैदराबाद: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि तीन नए कानूनों - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम- ने दंड के बजाय न्याय पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली को औपनिवेशिक विरासत से बंधनमुक्त कर दिया है.
आंध्र प्रदेश और मुंबई उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, कानूनविद दिवंगत न्यायमूर्ति कोंडा माधव रेड्डी की 100वीं जयंती के मौके पर एक विशेष डाक लिफाफा जारी करने के बाद धनखड़ ने यहां कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि तीनों अंग - न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका सराहनीय कार्य कर रहे हैं और भारत के अभूतपूर्व उत्थान को उत्प्रेरित कर रहे हैं.
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#WATCH | Vice-President Jagdeep Dhankhar says, "Just a few days ago, three new criminal law bills received the assent of the President of India. The new laws have unshackled the Indian criminal justice system from the colonial legacy while keeping the focus on justice rather than… pic.twitter.com/0ot9THCVq7
— ANI (@ANI) December 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 27, 2023#WATCH | Vice-President Jagdeep Dhankhar says, "Just a few days ago, three new criminal law bills received the assent of the President of India. The new laws have unshackled the Indian criminal justice system from the colonial legacy while keeping the focus on justice rather than… pic.twitter.com/0ot9THCVq7
— ANI (@ANI) December 27, 2023
उन्होंने कहा कि पिछले दशक के दौरान, न्यायिक प्रणाली में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जिसमें ई-कोर्ट परियोजना और राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के माध्यम से डिजिटलीकरण पर जोर दिया गया है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इनसे न केवल पारदर्शिता और पहुंच बढ़ी है, बल्कि लंबित मामलों में भी कमी आई है. उन्होंने कहा कि 'विधायिका की बात करूं तो कुछ दिन पहले ही तीन नए (आपराधिक संहिता) विधेयक पेश किए गए थे. उन्हें भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई.'
धनखड़ ने कहा कि 'नए कानूनों - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने दंड के बजाय न्याय पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली को औपनिवेशिक विरासत से बंधनमुक्त कर दिया है. कार्यक्रम में तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन और तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे समेत विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.