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महाराष्ट्र में आतंकवाद से जुड़े मामले में तीन लोगों को 10 साल का कारावास

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Published : Jun 15, 2021, 6:16 PM IST

हिन्दू नेताओं और पत्रकारों की हत्या का षड्यंत्र रचने के मामले में महाराष्ट्र के नांदेड़ से 2012 में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों को अदालत ने 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है. सबूतों के अभाव में दो आरोपियों को बरी कर दिया गया है.

फैसला
10 साल का कारावास

मुंबई : देश में अशांति फैलाने के लिए हिन्दू नेताओं और पत्रकारों की हत्या का षड्यंत्र रचने के मामले में महाराष्ट्र के नांदेड़ से 2012 में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों को यहां स्थित विशेष एनआईए अदालत ने मंगलवार को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई.

विशेष न्यायाधीश डी ई कोठलीकर ने दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

एटीएस (ATS) ने गिरफ्तार किया था

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने 2012 में नांदेड़ से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.

अदालत ने मंगलवार को मोहम्मद अकरम, मोहम्मद मुजम्मिल और मोहम्मद सादिक को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) तथा शस्त्र कानून के तहत दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल के कारावास की सजा सुनाई.

दो आरोपियों को बरी कर दिया

मामले में मोहम्मद इरफान और मोहम्मद इलियास को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. एनआईए के अनुसार अकरम रोजगार के बहाने सऊदी अरब गया था और वहां रहने के दौरान वह पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के विभिन्न लोगों के संपर्क में आया.

अकरम ने रचा षड्यंत्र

एजेंसी ने कहा कि सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अकरम ने अपने आकाओं के साथ मिलकर नांदेड़, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में जाने-माने हिन्दू नेताओं, पत्रकारों और पुलिस अधिकारियों की हत्या करने का षड्यंत्र रचा.

पढ़ें- 'कश्मीर के बाहर के अधिकारियों पर भरोसा नहीं', युवक के इस बयान से अधिकारी नाराज

एनआईए ने अदालत से कहा कि इससे पहले कि आरोपी अपने षड्यंत्र को अंजाम दे पाते, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : देश में अशांति फैलाने के लिए हिन्दू नेताओं और पत्रकारों की हत्या का षड्यंत्र रचने के मामले में महाराष्ट्र के नांदेड़ से 2012 में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों को यहां स्थित विशेष एनआईए अदालत ने मंगलवार को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई.

विशेष न्यायाधीश डी ई कोठलीकर ने दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

एटीएस (ATS) ने गिरफ्तार किया था

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने 2012 में नांदेड़ से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.

अदालत ने मंगलवार को मोहम्मद अकरम, मोहम्मद मुजम्मिल और मोहम्मद सादिक को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) तथा शस्त्र कानून के तहत दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल के कारावास की सजा सुनाई.

दो आरोपियों को बरी कर दिया

मामले में मोहम्मद इरफान और मोहम्मद इलियास को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. एनआईए के अनुसार अकरम रोजगार के बहाने सऊदी अरब गया था और वहां रहने के दौरान वह पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के विभिन्न लोगों के संपर्क में आया.

अकरम ने रचा षड्यंत्र

एजेंसी ने कहा कि सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अकरम ने अपने आकाओं के साथ मिलकर नांदेड़, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में जाने-माने हिन्दू नेताओं, पत्रकारों और पुलिस अधिकारियों की हत्या करने का षड्यंत्र रचा.

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एनआईए ने अदालत से कहा कि इससे पहले कि आरोपी अपने षड्यंत्र को अंजाम दे पाते, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

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