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तीन दिन के अधिवेशन के बाद क्या करने वाले हैं किसान? ईटीवी भारत ने की बात

किसान फिर से सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं और एमएसपी गारंटी को लेकर आंदोलन करने की तैयारी कर चुके हैं. किसानों ने दिल्ली में हुए तीन दिवसीय अधिवेशन के (farmers convention concluded in Delhi) बाद ये बयान दिया है. और क्या कहा किसानों ने जानते हैं इस रिपोर्ट में.

Farmers demand msp
किसानों की एमएसपी गांरटी की मांग
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Published : Oct 8, 2022, 8:01 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 8:15 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली देहात में चल रहे किसानों के तीन दिवसीय अधिवेशन का शनिवार को समापन (farmers convention concluded) हो गया. एमएसपी (MSP) गारंटी किसान मोर्चा के बैनर तले हुए इस कार्यक्रम में कुल 27 राज्यों से किसान प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. शनिवार को लगातार हो रही भारी बारिश के बीच भी गांव पंजाब खोड़ के खेत में टेंट के नीचे बैठे सैकड़ों किसान प्रतिनिधियों ने ढाई घंटे तक चले समापन सत्र में भाग लिया. बैठक के बाद एक बार फिर एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) की एक सूत्रीय मांग के साथ नया देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने की योजना तैयार हो चुकी है और इस बार यह बाकी आंदलनों से अलग होगा.

किसानों की एमएसपी गांरटी की मांग

ईटीवी भारत ने अधिवेशन के बाद अलग-अलग राज्यों के कुछ किसान प्रतिनिधियों से बातचीत की जिन्होंने बताया कि यहां से वह 'हर गांव एमएसपी, हर घर एमएसपी' के नए नारे के साथ जा रहे हैं और अपने अपने क्षेत्र में किसानों को जागरूक करने का काम करेंगे. इस साल के अंत तक वह अपने क्षेत्र में किसानों को लामबंद करेंगे और नया साल आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एमएसपी गारंटी कानून की मांग के साथ देश के सभी गांव से किसानों द्वारा पत्र लिखने का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा.

उन्होंने बताया कि सभी पत्र को इकट्ठा कर 23 मार्च, शहीदी दिवस (Martyrs Day) के दिन प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय पहुंचाने की जिम्मेदारी किसान नेता वीएम सिंह ने ली है. किसानों का कहना है कि सरकार ने यदि समय रहते एमएसपी कानून नहीं बनाया तो एक बार फिर उन्हें बड़े संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा. साल 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) से पहले किसान संगठन एक बार फिर लामबंद होकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करेंगे.

इसे भी पढ़ें- दिल्ली में जुटे किसान संगठन, कहा-न्यूनतम मजदूरी हो सकती है तो MSP गारंटी क्यों नहीं?

नई दिल्लीः दिल्ली देहात में चल रहे किसानों के तीन दिवसीय अधिवेशन का शनिवार को समापन (farmers convention concluded) हो गया. एमएसपी (MSP) गारंटी किसान मोर्चा के बैनर तले हुए इस कार्यक्रम में कुल 27 राज्यों से किसान प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. शनिवार को लगातार हो रही भारी बारिश के बीच भी गांव पंजाब खोड़ के खेत में टेंट के नीचे बैठे सैकड़ों किसान प्रतिनिधियों ने ढाई घंटे तक चले समापन सत्र में भाग लिया. बैठक के बाद एक बार फिर एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) की एक सूत्रीय मांग के साथ नया देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने की योजना तैयार हो चुकी है और इस बार यह बाकी आंदलनों से अलग होगा.

किसानों की एमएसपी गांरटी की मांग

ईटीवी भारत ने अधिवेशन के बाद अलग-अलग राज्यों के कुछ किसान प्रतिनिधियों से बातचीत की जिन्होंने बताया कि यहां से वह 'हर गांव एमएसपी, हर घर एमएसपी' के नए नारे के साथ जा रहे हैं और अपने अपने क्षेत्र में किसानों को जागरूक करने का काम करेंगे. इस साल के अंत तक वह अपने क्षेत्र में किसानों को लामबंद करेंगे और नया साल आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एमएसपी गारंटी कानून की मांग के साथ देश के सभी गांव से किसानों द्वारा पत्र लिखने का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा.

उन्होंने बताया कि सभी पत्र को इकट्ठा कर 23 मार्च, शहीदी दिवस (Martyrs Day) के दिन प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय पहुंचाने की जिम्मेदारी किसान नेता वीएम सिंह ने ली है. किसानों का कहना है कि सरकार ने यदि समय रहते एमएसपी कानून नहीं बनाया तो एक बार फिर उन्हें बड़े संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा. साल 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) से पहले किसान संगठन एक बार फिर लामबंद होकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करेंगे.

इसे भी पढ़ें- दिल्ली में जुटे किसान संगठन, कहा-न्यूनतम मजदूरी हो सकती है तो MSP गारंटी क्यों नहीं?

Last Updated : Oct 8, 2022, 8:15 PM IST
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