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Uttarakhand: G20 समिट को लेकर एसएफजे की CM धामी को धमकी, 'मुकदमे दर्ज हुए तो खुद होंगे जिम्मेदार'

खालिस्तानी समर्थकों ने न सिर्फ पंजाब, बल्कि उत्तराखंड की परेशानी भी बढ़ा रखी है. दरअसल, प्रतिबंधित खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के नाम से उत्तराखंड के कई पत्रकारों और सरकारी अधिकारियों की धमकी भरे कॉल किए जा रहे हैं. कथित कॉल में जहां एक तरफ उत्तराखंड में जी 20 समिट का विरोध करने की धमकी दी गई है, तो वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम भी धमकी भरा मैसेज भेजा गया है, जिसके बाद से ही पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा हुआ है.

CM धामी
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Published : Mar 27, 2023, 3:42 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 7:34 PM IST

G20 समिट को लेकर एसएफजे की CM धामी को धमकी

देहरादून: उत्तराखंड में जी 20 समिट की तैयारियों के बीच प्रतिबंधित खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू के नाम कई लोगों को धमकी भरे कॉल आए हैं. इस कॉल के बाद सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की नींद उड़ी हुई है. सबसे ज्यादा चिंता बात ये है कि कथित कॉल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए धमकी दी गई है.

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड कई बड़े पत्रकारों और अधिकारियों को संगठन सिख फॉर जस्टिस के नाम से कॉल आए हैं. कॉल करने वाले व्यक्ति ने 28 मार्च को नैनीताल जिले के रामनगर में होने वाले जी 20 समिट में आने वाले बैठक विदेशी मेहमनों को काला झंडा दिखाने की बात कही है.
पढ़ें- जी 20 समिट में खालिस्तान की धमकी पर बोले सीएम धामी- पुलिस-प्रशासन है अलर्ट

रिकॉर्डिंग कॉल में बोलने वाला शख्स खुद को सिख फॉर जस्टिस जस्टिस का सदस्य और नाम गुरपतवंत सिंह पन्नू बता रहा है. कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि रामनगर खालिस्तान का हिस्सा है और जी 20 समिट का उसके संगठन के लोग विरोध करेंगे. चिंता की बात ये है कि कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि यदि उनके संगठन के लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसका नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहें.

बता दें कि यह रिकॉर्डेट कॉल राज्य में पत्रकार और अधिकारियों समेत कई लोगों को आए हैं और इस मामले की पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है. वहीं, डीआईजी एसटीएफ सेंथिल अबूदेई कृष्णराज एस की तरफ से साफ किया है कि संबंधित संगठन प्रतिबंधित है और इस कॉल के जरिए केवल लोगों में डर फैलाने की कोशिश की जा रही है. इस कॉल का मकसद केवल खुद को लोकप्रिय करना है. पुलिस पूरी तरह से सजग है और कोई भी संगठन या प्रतिबंधित लोग राज्य में किसी घटना को अंजाम नहीं दे सकते. किसी भी ऐसे व्यक्ति के मकसद को पूरा नहीं होने दिया जाएगा. पुलिस फोर्स को भी उस अंदर में सतर्क किया गया है.
पढ़ें- खालिस्तानी अलगाववादियों की धमकी के बाद रामनगर में अलर्ट, जी20 समारोह स्थल के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर

वहीं, इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. साथ ही सभी को अलर्ट कर दिया गया है. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पूरे मामले पर ज्यादा कुछ तो नही कहा, लेकिन इससे स्पष्ट है कि सरकार को भी खलिस्तानियों की ओर से दी जा रही धमकियां परेशान कर रही है.

वहीं, इस पूरे मामले पर विपक्षी दल कांग्रेस दुर्भाग्यपूर्ण बता रही है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि प्रदेश के चिंता की बात है, लेकिन उन्हें दु:ख इस बात की है कि सरकार की मशीनरी फैल हो गई है. क्योंकि, सरकार कि इंटेलिजेंस, खुफिया तंत्र और विजिलेंस पूरी तरह से फेल हो गई है. साथ ही कहा कि अगर मुख्यमंत्री को धमकी मिल रही है तो यह प्रदेश के लिए बड़ी दुर्भाग्य की बात है. ऐसे में इस पूरे मामले को गंभीरता से लेनी चाहिए.

G20 समिट को लेकर एसएफजे की CM धामी को धमकी

देहरादून: उत्तराखंड में जी 20 समिट की तैयारियों के बीच प्रतिबंधित खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू के नाम कई लोगों को धमकी भरे कॉल आए हैं. इस कॉल के बाद सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की नींद उड़ी हुई है. सबसे ज्यादा चिंता बात ये है कि कथित कॉल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए धमकी दी गई है.

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड कई बड़े पत्रकारों और अधिकारियों को संगठन सिख फॉर जस्टिस के नाम से कॉल आए हैं. कॉल करने वाले व्यक्ति ने 28 मार्च को नैनीताल जिले के रामनगर में होने वाले जी 20 समिट में आने वाले बैठक विदेशी मेहमनों को काला झंडा दिखाने की बात कही है.
पढ़ें- जी 20 समिट में खालिस्तान की धमकी पर बोले सीएम धामी- पुलिस-प्रशासन है अलर्ट

रिकॉर्डिंग कॉल में बोलने वाला शख्स खुद को सिख फॉर जस्टिस जस्टिस का सदस्य और नाम गुरपतवंत सिंह पन्नू बता रहा है. कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि रामनगर खालिस्तान का हिस्सा है और जी 20 समिट का उसके संगठन के लोग विरोध करेंगे. चिंता की बात ये है कि कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि यदि उनके संगठन के लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसका नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहें.

बता दें कि यह रिकॉर्डेट कॉल राज्य में पत्रकार और अधिकारियों समेत कई लोगों को आए हैं और इस मामले की पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है. वहीं, डीआईजी एसटीएफ सेंथिल अबूदेई कृष्णराज एस की तरफ से साफ किया है कि संबंधित संगठन प्रतिबंधित है और इस कॉल के जरिए केवल लोगों में डर फैलाने की कोशिश की जा रही है. इस कॉल का मकसद केवल खुद को लोकप्रिय करना है. पुलिस पूरी तरह से सजग है और कोई भी संगठन या प्रतिबंधित लोग राज्य में किसी घटना को अंजाम नहीं दे सकते. किसी भी ऐसे व्यक्ति के मकसद को पूरा नहीं होने दिया जाएगा. पुलिस फोर्स को भी उस अंदर में सतर्क किया गया है.
पढ़ें- खालिस्तानी अलगाववादियों की धमकी के बाद रामनगर में अलर्ट, जी20 समारोह स्थल के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर

वहीं, इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. साथ ही सभी को अलर्ट कर दिया गया है. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पूरे मामले पर ज्यादा कुछ तो नही कहा, लेकिन इससे स्पष्ट है कि सरकार को भी खलिस्तानियों की ओर से दी जा रही धमकियां परेशान कर रही है.

वहीं, इस पूरे मामले पर विपक्षी दल कांग्रेस दुर्भाग्यपूर्ण बता रही है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि प्रदेश के चिंता की बात है, लेकिन उन्हें दु:ख इस बात की है कि सरकार की मशीनरी फैल हो गई है. क्योंकि, सरकार कि इंटेलिजेंस, खुफिया तंत्र और विजिलेंस पूरी तरह से फेल हो गई है. साथ ही कहा कि अगर मुख्यमंत्री को धमकी मिल रही है तो यह प्रदेश के लिए बड़ी दुर्भाग्य की बात है. ऐसे में इस पूरे मामले को गंभीरता से लेनी चाहिए.

Last Updated : Mar 27, 2023, 7:34 PM IST
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