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केरल में नदियां उफान पर, हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया, मरने वालों की संख्या हुई 22

केरल में गुरुवार भारी बारिश की वजह से बांधों और नदियों में बाढ़ आ गई. बाढ़ में फंसे हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया. वहीं बारिश के होने वाली मौत का आंकड़ा भी 22 पर पहुंच गया है.

Thousands evacuated in Kerala as rivers swell
केरल में नदियां उफान पर
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Published : Aug 4, 2022, 10:38 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 10:54 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल में गुरुवार को एक बार फिर से भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन, बांधों और नदियों में बाढ़ आ गई. बाढ़ का पानी बढ़ने के बाद मध्य और उत्तरी केरल जिलों के हजारों निवासियों को सुरक्षित निकाला गया. वहीं अधिकारियों को जलाशयों में जल स्तर का प्रबंधन करने के लिए बांधों के शटर खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा.दूसरी तरफ भारी बारिश के कारण मौतों की संख्या रविवार से 22 हो गई. राज्य के 14 में से 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि पांच अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि, राज्य की राजधानी जिले में ऐसा कोई अलर्ट नहीं है.

केरल में नदियां उफान पर

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जलाशयों के किनारे रहने वाले लोगों से बेहद सतर्क रहने को कहा है. उन्हें जिला अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने और जरूरत पड़ने पर राहत शिविरों में जाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. जो लोग त्रिशूर और एर्नाकुलम जिलों के निचले इलाकों में रहते हैं और 2018 की बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में चले गए थे, उन्हें इस बार भी ऐसा करना चाहिए. रात में राज्य के ऊंचे इलाकों में यात्रा नहीं की जानी चाहिए. अधिकांश नदियां उफान पर हैं, किसी को भी इसे पार करने का प्रयास नहीं करना चाहिए और मछली पकड़ने और तैराकी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कमजोर स्थानों में, निवासियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास एक आपातकालीन किट पैक और तैयार रखी जाए.

राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा कि चालकुडी नदी के तट पर रहने वाले सभी लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया जाएगा, क्योंकि यह उफान पर है. मलयालम कैलेंडर की शुरूआत के दौरान कुछ दिनों के लिए खुलने वाले प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर ने भक्तों को प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया है, क्योंकि दोपहर 3 बजे के बाद किसी को भी पहाड़ी पर स्थित मंदिर में जाने की अनुमति नहीं होगी. शाम छह बजे के बाद किसी को भी मंदिर परिसर में नहीं रहने दिया जाएगा.

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि ऐसे समय में संक्रामक मामलों में तेजी आई है और उचित चिकित्सा सहायता भी ली जानी चाहिए. एर्नाकुलम जिले में, जिला कलेक्टर रेणु एस.राज ने घोषणा की कि जिले में शैक्षणिक अंतज्र्ञान गुरुवार को सुबह 8.25 बजे बंद हो जाएगा, लेकिन तब तक, बच्चों का स्कूलों में आना शुरू हो चुका था. रविवार को आए आईएमडी के पूर्वानुमान ने गुरुवार तक बारिश के कम होने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन चीजें अलग होती दिख रही हैं.

ये भी पढ़ें - उत्तराखंड के श्रीनगर में बादल फटा, पानी और मलबा आने से खेत तबाह, दिखा बर्बादी का मंजर

तिरुवनंतपुरम : केरल में गुरुवार को एक बार फिर से भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन, बांधों और नदियों में बाढ़ आ गई. बाढ़ का पानी बढ़ने के बाद मध्य और उत्तरी केरल जिलों के हजारों निवासियों को सुरक्षित निकाला गया. वहीं अधिकारियों को जलाशयों में जल स्तर का प्रबंधन करने के लिए बांधों के शटर खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा.दूसरी तरफ भारी बारिश के कारण मौतों की संख्या रविवार से 22 हो गई. राज्य के 14 में से 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि पांच अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि, राज्य की राजधानी जिले में ऐसा कोई अलर्ट नहीं है.

केरल में नदियां उफान पर

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जलाशयों के किनारे रहने वाले लोगों से बेहद सतर्क रहने को कहा है. उन्हें जिला अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने और जरूरत पड़ने पर राहत शिविरों में जाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. जो लोग त्रिशूर और एर्नाकुलम जिलों के निचले इलाकों में रहते हैं और 2018 की बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में चले गए थे, उन्हें इस बार भी ऐसा करना चाहिए. रात में राज्य के ऊंचे इलाकों में यात्रा नहीं की जानी चाहिए. अधिकांश नदियां उफान पर हैं, किसी को भी इसे पार करने का प्रयास नहीं करना चाहिए और मछली पकड़ने और तैराकी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कमजोर स्थानों में, निवासियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास एक आपातकालीन किट पैक और तैयार रखी जाए.

राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा कि चालकुडी नदी के तट पर रहने वाले सभी लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया जाएगा, क्योंकि यह उफान पर है. मलयालम कैलेंडर की शुरूआत के दौरान कुछ दिनों के लिए खुलने वाले प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर ने भक्तों को प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया है, क्योंकि दोपहर 3 बजे के बाद किसी को भी पहाड़ी पर स्थित मंदिर में जाने की अनुमति नहीं होगी. शाम छह बजे के बाद किसी को भी मंदिर परिसर में नहीं रहने दिया जाएगा.

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि ऐसे समय में संक्रामक मामलों में तेजी आई है और उचित चिकित्सा सहायता भी ली जानी चाहिए. एर्नाकुलम जिले में, जिला कलेक्टर रेणु एस.राज ने घोषणा की कि जिले में शैक्षणिक अंतज्र्ञान गुरुवार को सुबह 8.25 बजे बंद हो जाएगा, लेकिन तब तक, बच्चों का स्कूलों में आना शुरू हो चुका था. रविवार को आए आईएमडी के पूर्वानुमान ने गुरुवार तक बारिश के कम होने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन चीजें अलग होती दिख रही हैं.

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Last Updated : Aug 4, 2022, 10:54 PM IST
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