नई दिल्ली : विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी के बीच बिजली मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को भरोसा जताया कि देश में बिजली की कोई कमी नहीं होगी. साथ ही उन्होंने बिजली आपूर्ति के लिये वितरण इकाइयों द्वारा उत्पादक कंपनियों को समय पर भुगतान पर जोर दिया. देश भर में तापीय बिजली घरों में कोयले की कमी को देखते हुए मंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण है.
एक्सचेंज में नवीकरणीय ऊर्जा की बिक्री के लिये एक दिन पहले किये जाने वाले हरित बिजली कारोबार बाजार (ग्रीन डे अहेड मार्केट) की ऑनलाइन शुरुआत करने के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'बिजली की कोई कमी नहीं है. कल बिजली की कोई कटौती नहीं हुई. बिजली की कमी न पहले कभी हुई है और न आगे होगी. अगर कुछ कटौती होती भी है, तो यह हमारी अपनी (राज्यों के स्तर पर) समस्या होगी.'
उन्होंने कहा कि बिजली घरों के पास फिलहाल 80 लाख टन से अधिक कोयला है. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के अनुसार तापीय बिजली घरों में 23 अक्टूबर, 2021 को 81 लाख टन कोयला था, जो चार दिनों के लिये पर्याप्त है. सीईए 135 संयंत्रों पर नजर रखता है, जिनकी क्षमता 1,65,000 मेगावाट है.
कोल इंडिया के बकाये के बारे में सिंह ने कहा, 'करीब 16,000 करोड़ रुपये कोल इंडिया को भुगतान किया जाना है. जब तक वितरण कंपनियां बिजली उत्पादक कंपनियों को भुगतान नहीं करती, वे (उत्पादक कंपनियां) भुगतान करने में असमर्थ हैं.'
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उन्होंने कहा, 'सभी उत्पादक कंपनियों (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को छोड़कर) का बकाया 75,000 करोड़ रुपये है. ऐसे में आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि उत्पादक कंपनियां कोयला या रेलवे को भुगतान करेंगी? यह लंबे समय तक चलने वाली व्यवस्था नहीं है. हर राज्य को यह समझना होगा कि बिजली मुफ्त नहीं है.'
(पीटीआई-भाषा)