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स्विस बैंक में छिपाये गये काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं: सरकार

लोक सभा में विन्सेंट एच पाला के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, हाल के वर्षों में विदेशों में छिपाये गये काले धन को वापस लाने के लिए सरकार ने अनेक प्रयास किये हैं, जिनमें काला धन एवं कर अधिरोपण कानून को प्रभावी करना, विशेष जांच दल (SIT) का गठन करना आदि शामिल हैं.

संसद
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Published : Jul 26, 2021, 7:25 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने आज (सोमवार) कहा कि पिछले 10 वर्ष से स्विस बैंक ( swiss bank) में छिपाये गये काले धन (black money) का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है. लोक सभा में विन्सेंट एच पाला के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री (Minister of State for Finance) पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) ने यह बात कही.

उन्होंने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में विदेशों में छिपाये गये काले धन को वापस लाने के लिए सरकार ने अनेक प्रयास किये हैं, जिनमें काला धन एवं कर अधिरोपण कानून को प्रभावी करना, विशेष जांच दल (SIT) का गठन करना आदि शामिल हैं.

चौधरी ने बताया कि इस साल 31 मई तक काला धन अधिनियम, 2015 की धारा 10(3)/10(4) के तहत 66 मामलों में निर्धारण आदेश जारी किये गये हैं, जिसमें 8,216 करोड़ रुपये की मांग की गयी है.

पढ़ें- संसद में हंगामे के बीच माइक बंद करने पर उठे सवाल, जानें क्या बोली सरकार ?

उन्होंने कहा कि एचएसबीसी मामलों में लगभग 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति को कर के अधीन लाया गया है और 1,294 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आईसीआईजे (खोजी पत्रकारों का अंतरराष्ट्रीय संघ) मामलों में लगभग 11,010 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है.

चौधरी ने कहा कि पनामा पेपर्स लीक मामलों (Panama Papers leak case) में 20,078 करोड़ रुपये (लगभग) के अघोषित जमाधन का पता चला है. वहीं, पेराडाइज पेपर्स लीक मामलों में लगभग 246 करोड़ रुपये के अघोषित जमाधन का पता चला है.

(भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने आज (सोमवार) कहा कि पिछले 10 वर्ष से स्विस बैंक ( swiss bank) में छिपाये गये काले धन (black money) का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है. लोक सभा में विन्सेंट एच पाला के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री (Minister of State for Finance) पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) ने यह बात कही.

उन्होंने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में विदेशों में छिपाये गये काले धन को वापस लाने के लिए सरकार ने अनेक प्रयास किये हैं, जिनमें काला धन एवं कर अधिरोपण कानून को प्रभावी करना, विशेष जांच दल (SIT) का गठन करना आदि शामिल हैं.

चौधरी ने बताया कि इस साल 31 मई तक काला धन अधिनियम, 2015 की धारा 10(3)/10(4) के तहत 66 मामलों में निर्धारण आदेश जारी किये गये हैं, जिसमें 8,216 करोड़ रुपये की मांग की गयी है.

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उन्होंने कहा कि एचएसबीसी मामलों में लगभग 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति को कर के अधीन लाया गया है और 1,294 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आईसीआईजे (खोजी पत्रकारों का अंतरराष्ट्रीय संघ) मामलों में लगभग 11,010 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है.

चौधरी ने कहा कि पनामा पेपर्स लीक मामलों (Panama Papers leak case) में 20,078 करोड़ रुपये (लगभग) के अघोषित जमाधन का पता चला है. वहीं, पेराडाइज पेपर्स लीक मामलों में लगभग 246 करोड़ रुपये के अघोषित जमाधन का पता चला है.

(भाषा)

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