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भौकाल या दीवानगी...प्रतिदिन 30 लाख रुपये से अधिक का पान खा रहे बनारसी - Lakhs of betel business in Varanasi

धर्मनगरी वाराणसी वैसे धर्म और मंदिरों को लेकर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इसके साथ ही यहां का खान-पान भी मशहूर है, जो कि स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले लोगों को भी खूब भाता है. इसी में से एक है बनारसी पान, जो लोग काफी पसंद करते हैं. आइए जानते हैं कि बनारस में पान से जुड़े रोचक तथ्य और इसके पीछे की कहानी...

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Published : Mar 17, 2023, 6:44 PM IST

बनारस में जानिए कैसा पान का कारोबार.

वाराणसी: कहते हैं कि बनारस का पान यहां की शान है. यही वजह है कि यहां आने वाला हर व्यक्ति पान का स्वाद जरूर लेना चाहता है. यही नहीं बनारस के लोग भी यहां के पान के दीवाने हैं. पान के प्रति यहां के लोगों की दीवानगी प्रतिदिन बिकने वाले पान के आंकड़ों के जरिए देखी जा सकती है. प्रतिदिन यहां एक ट्रक पान प्रतिदिन बिक जाते हैं. जिनमें पानों की संख्या तीन लाख से ज्यादा होती है. वहीं, यदि इनकी कीमत की बात करें तो इनकी कीमत लाखों में होती है.

पान के दीवाने है बनारसी: स्थानीय लोग बताते हैं कि कि हमारी सुबह और रात दोनों बाबा के नाम और पान से होती है. हमारे यहां हर शुभ काम पर पान का बीड़ा चढ़ाया और खाया जाता है. बनारस का पान हमारी शान के साथ-साथ बनारसियों का भौकाल है. जिसे मुंह में रखकर हर बनारसी महादेव की नगरी की जिंदादिली को जीता है. लोगों का कहना है कि वो एक दिन में वह 10 बीड़ा पान खाते हैं.

लगभग 30 लाख का बिक जाता है पान: स्थानीय निवासी हरीश मिश्रा का कहना है कि सुबह से लेकर शाम तक सैकड़ों की संख्या में लोग पान खाते हैं. कोई 5 तो कोई 10 और कोई 25 बीड़ा खाता है. उन्होंने बताया कि लगभग 40 लाख बनारस की आबादी है, जहां लगभग 25 लाख लोग पान खाते होगें. एक पान यदि 5 रुपये का है तो इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके अनुसार तो हर दिन एक करोड़ से ज्यादा का पान लोग खा जाते होंगे.

5 रुपये से शुरू होती है पान की कीमत: दुकानदारों की मानें तो पान की कीमत अलग-अलग वैरायटी पर निर्भर करती है. बाजार में सामान्यतः 5 रुपये से लेकर 50 रुपये तक का का पान उपलब्ध है. पाना व्यापारियों का दावा है कि प्रतिदन लगभग 25 से 30 लाख का पान बनारस में बिक जाता है.

प्रतिदिन एक ट्रक पान की होती है खपत: बरई संघ के महामंत्री बबलू चौरसिया बताते हैं कि बनारस में पान का कारोबार काफी पुराना है. यहां कई दशकों से पान की बिक्री होती है. उन्होंने बताया कि बनारस में प्रतिदिन 700 से 800 टोकरी पान बिकती है, जो एक ट्रक के समान होती है. यहां 1 सप्ताह में लगभग 6 ट्रक पान बिक जाते हैं. उन्होंने बताया कि एक ट्रक में मौजूद 700 टोकरियों में लगभग 3 लाख पान होते हैं और समय-समय पर इनकी कीमत बदलती रहती है.

मगही पान की कीमत सबसे ज्यादा: बबलू चौरसिया ने बताया कि मंदी के समय एक टोकरी डेढ़ सौ से 300 रुपये कीमत में बिकती है. जब शॉर्टेज होता है तो यह टोकरी 800 से 1000 में भी बिक जाती है. उन्होंने बताया कि हरे कच्चे पान की कीमत कम होती है. यह एक डोली लगभग 20 से 25 रुपये में ही बिकता है. पके हुए मगही पान की बात करें तो, यह एक डोली लगभग 100 रुपये का बिकता है. यही वजह है कि इस पान की कीमत ज्यादा होती है. दुकानदार इस पान को 10 से 20 रुपये में बेचते हैं.

इस कारोबार से लगभग 10,000 हजार लोग जुड़े हैंः गौरतलब हो कि वाराणसी में पान दरीबा पान का एक बड़ा बाजार माना जाता है. जहां पान व उसे तैयार करने वाले सामानों की बिक्री की जाती है. बनारस के इस बाजार से पूर्वांचल तक पानों की बिक्री होती है. बनारस में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 5000 से 10000 लोग इस कारोबार से जुड़े है. जिनमें छोटे से लेकर बड़े कारोबारी व दुकानदार शामिल है.

यह भी पढ़ें:Mahashmashan Manikarnika: मोक्ष के घाट का अलग होगा ठाठ, अंतिम स्नान के लिये गंगा आएंगी ऊपर

बनारस में जानिए कैसा पान का कारोबार.

वाराणसी: कहते हैं कि बनारस का पान यहां की शान है. यही वजह है कि यहां आने वाला हर व्यक्ति पान का स्वाद जरूर लेना चाहता है. यही नहीं बनारस के लोग भी यहां के पान के दीवाने हैं. पान के प्रति यहां के लोगों की दीवानगी प्रतिदिन बिकने वाले पान के आंकड़ों के जरिए देखी जा सकती है. प्रतिदिन यहां एक ट्रक पान प्रतिदिन बिक जाते हैं. जिनमें पानों की संख्या तीन लाख से ज्यादा होती है. वहीं, यदि इनकी कीमत की बात करें तो इनकी कीमत लाखों में होती है.

पान के दीवाने है बनारसी: स्थानीय लोग बताते हैं कि कि हमारी सुबह और रात दोनों बाबा के नाम और पान से होती है. हमारे यहां हर शुभ काम पर पान का बीड़ा चढ़ाया और खाया जाता है. बनारस का पान हमारी शान के साथ-साथ बनारसियों का भौकाल है. जिसे मुंह में रखकर हर बनारसी महादेव की नगरी की जिंदादिली को जीता है. लोगों का कहना है कि वो एक दिन में वह 10 बीड़ा पान खाते हैं.

लगभग 30 लाख का बिक जाता है पान: स्थानीय निवासी हरीश मिश्रा का कहना है कि सुबह से लेकर शाम तक सैकड़ों की संख्या में लोग पान खाते हैं. कोई 5 तो कोई 10 और कोई 25 बीड़ा खाता है. उन्होंने बताया कि लगभग 40 लाख बनारस की आबादी है, जहां लगभग 25 लाख लोग पान खाते होगें. एक पान यदि 5 रुपये का है तो इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके अनुसार तो हर दिन एक करोड़ से ज्यादा का पान लोग खा जाते होंगे.

5 रुपये से शुरू होती है पान की कीमत: दुकानदारों की मानें तो पान की कीमत अलग-अलग वैरायटी पर निर्भर करती है. बाजार में सामान्यतः 5 रुपये से लेकर 50 रुपये तक का का पान उपलब्ध है. पाना व्यापारियों का दावा है कि प्रतिदन लगभग 25 से 30 लाख का पान बनारस में बिक जाता है.

प्रतिदिन एक ट्रक पान की होती है खपत: बरई संघ के महामंत्री बबलू चौरसिया बताते हैं कि बनारस में पान का कारोबार काफी पुराना है. यहां कई दशकों से पान की बिक्री होती है. उन्होंने बताया कि बनारस में प्रतिदिन 700 से 800 टोकरी पान बिकती है, जो एक ट्रक के समान होती है. यहां 1 सप्ताह में लगभग 6 ट्रक पान बिक जाते हैं. उन्होंने बताया कि एक ट्रक में मौजूद 700 टोकरियों में लगभग 3 लाख पान होते हैं और समय-समय पर इनकी कीमत बदलती रहती है.

मगही पान की कीमत सबसे ज्यादा: बबलू चौरसिया ने बताया कि मंदी के समय एक टोकरी डेढ़ सौ से 300 रुपये कीमत में बिकती है. जब शॉर्टेज होता है तो यह टोकरी 800 से 1000 में भी बिक जाती है. उन्होंने बताया कि हरे कच्चे पान की कीमत कम होती है. यह एक डोली लगभग 20 से 25 रुपये में ही बिकता है. पके हुए मगही पान की बात करें तो, यह एक डोली लगभग 100 रुपये का बिकता है. यही वजह है कि इस पान की कीमत ज्यादा होती है. दुकानदार इस पान को 10 से 20 रुपये में बेचते हैं.

इस कारोबार से लगभग 10,000 हजार लोग जुड़े हैंः गौरतलब हो कि वाराणसी में पान दरीबा पान का एक बड़ा बाजार माना जाता है. जहां पान व उसे तैयार करने वाले सामानों की बिक्री की जाती है. बनारस के इस बाजार से पूर्वांचल तक पानों की बिक्री होती है. बनारस में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 5000 से 10000 लोग इस कारोबार से जुड़े है. जिनमें छोटे से लेकर बड़े कारोबारी व दुकानदार शामिल है.

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