जालना (महाराष्ट्र) : ओमीक्रोन के संक्रमण की दर अधिक है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के अनुभव के कारण लोगों का ओमीक्रोन से डरना स्वाभाविक है. कर्नाटक में ओमीक्रोन के संक्रमित दो मरीजों के मिलने की वजह से संक्रमण का डर है. वहीं लोगों के ध्यान नहीं रखने पर ओमीक्रोन के माध्यम से तीसरी लहर आ सकती है.
उक्त बातें महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Maharashtra health minister Rajesh Tope) ने संवाददाताओं से कहीं. उन्होंने नागरिकों से टीका लगवाने और मास्क न हटाने की अपील की. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में अब तक ओमीक्रोन से संक्रमित केवल दो रोगी मिले हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कोई प्रतिबंध या तालाबंदी नहीं की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमने केंद्र से मांग की है कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों की टीकाकरण किया जाए और इस बारे में केंद्र सरकार जल्द फैसला करे. उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज के डॉक्टरों ने कहा है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ओमीक्रोन का खतरा अधिक होता है.
ये भी पढ़ें - गुजरात : दो दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका से जामनगर लौटा व्यक्ति मिला ओमीक्रोन संक्रमित
उन्होंने कहा कि जो बच्चे कोरोना से संक्रमित थे, लेकिन उनकी हालत गंभीर नहीं थी. हालांकि टोपे ने कहा कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए टीका लगाया जाना चाहिए.
टोपे ने कहा कि राज्य सरकार की कोरोना टास्क फोर्स ने भी केंद्र के स्वास्थ्य विभाग से बच्चों को टीका लगाने का अनुरोध किया था और केंद्र से इस मामले पर निर्णय लेने को कहा था. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तीसरी लहर की संभावनाओं के सिलसिले में तमाम जरूरी चीजों की समीक्षा की है.