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जलवायु परिवर्तन का असर अभी से दिख रहा : उपराष्ट्रपति

पुडुचेरी विश्वविद्यालय में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 2.4 मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि अगले कुछ वर्ष जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए हमारी सामूहिक कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहा है.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू
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Published : Sep 13, 2021, 7:34 PM IST

पुडुचेरी : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन भविष्य में होने वाली घटना नहीं है और हम सब पहले से ही इसका अनुभव कर रहे हैं. पुडुचेरी केंद्रीय विश्वविद्यालय में 2.4 मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करते हुए नायडू ने कहा कि अगले कुछ वर्ष जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए हमारी सामूहिक कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सौर, वायु और जल जैसी हरित ऊर्जा बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक व्यवहार्य विकल्प प्रदान करती है. पुडुचेरी के दो दिवसीय दौरे पर आए नायडू ने कहा कि सौर ऊर्जा ने हाल के वर्षों में अपनी उपयोगिता साबित की है. ऊर्जा स्रोतों की तुलना में सौर संयंत्रों और सौर ऊर्जा को प्राथमिकता देना स्वागत योग्य संकेत है.

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उन्होंने कहा कि जहां एक ओर सौर ऊर्जा के सकारात्मक पहलू हैं, वहीं कुछ संरचनात्मक मुद्दे भी हैं जो सौर ऊर्जा के विकास में बाधक हैं. सबसे बड़ा मुद्दा घरेलू रूप से निर्मित सौर सेल और सौर मॉड्यूल की कमी है. जिनका अभी भी आयात किया जाता है और भारतीय कंपनियों द्वारा पैनल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है.

उन्होंने कहा कि पुडुचेरी विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों को अनुसंधान कार्य और परियोजनाएं शुरू करनी चाहिए जिनमें अक्षय ऊर्जा घटक के तौर पर शामिल हो और विद्यार्थियों को अंतिम वर्ष की परियोजनाओं और इंटर्नशिप अक्षय ऊर्जा एवं वस्तु विज्ञान के क्षेत्र में करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

पुडुचेरी : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन भविष्य में होने वाली घटना नहीं है और हम सब पहले से ही इसका अनुभव कर रहे हैं. पुडुचेरी केंद्रीय विश्वविद्यालय में 2.4 मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करते हुए नायडू ने कहा कि अगले कुछ वर्ष जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए हमारी सामूहिक कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सौर, वायु और जल जैसी हरित ऊर्जा बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक व्यवहार्य विकल्प प्रदान करती है. पुडुचेरी के दो दिवसीय दौरे पर आए नायडू ने कहा कि सौर ऊर्जा ने हाल के वर्षों में अपनी उपयोगिता साबित की है. ऊर्जा स्रोतों की तुलना में सौर संयंत्रों और सौर ऊर्जा को प्राथमिकता देना स्वागत योग्य संकेत है.

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उन्होंने कहा कि जहां एक ओर सौर ऊर्जा के सकारात्मक पहलू हैं, वहीं कुछ संरचनात्मक मुद्दे भी हैं जो सौर ऊर्जा के विकास में बाधक हैं. सबसे बड़ा मुद्दा घरेलू रूप से निर्मित सौर सेल और सौर मॉड्यूल की कमी है. जिनका अभी भी आयात किया जाता है और भारतीय कंपनियों द्वारा पैनल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है.

उन्होंने कहा कि पुडुचेरी विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों को अनुसंधान कार्य और परियोजनाएं शुरू करनी चाहिए जिनमें अक्षय ऊर्जा घटक के तौर पर शामिल हो और विद्यार्थियों को अंतिम वर्ष की परियोजनाओं और इंटर्नशिप अक्षय ऊर्जा एवं वस्तु विज्ञान के क्षेत्र में करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

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