ETV Bharat / bharat

सरकार ने 2020-21 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को दी मंजूरी - कर्मचारी भविष्य निधि

सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधिन संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए PF पर मिलने वाला ब्याज दर को 8.5 फीसदी करने की मंजूरी दी है. जल्द ही यह खाताधारकों के अकाउंट में क्रेडिट किया जा सकता है.

The
The
author img

By

Published : Oct 29, 2021, 3:22 PM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधिन संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए PF पर मिलने वाला ब्याज दर को 8.5 फीसदी करने की मंजूरी दे दी है. कर्मचारी भविष्य निधिन संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए PF पर मिलने वाला ब्याज जल्द ही खाताधारकों के अकाउंट में क्रेडिट किया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक अब कुल 8.50 फीसदी का ब्याज मिलेगा. हालांकि यह ब्याज दर पिछले 7 साल में सबसे कम है. वित्त वर्ष 2016-17 में 8.65% ब्याज मिलता था. एक दौर वह भी था जब PF पर मिलने वाला ब्याज 12% होता था. इसके बाद लगातार कटौती होती गई और आज ब्याज 8.50 फीसदी पर रूका हुआ है.

पहली बार 8 प्रतिशत हुई ब्याज दर

1977-78 में पहली बार ब्याज दर 8 प्रतिशत पहुंची थी. उसके बाद से यह इससे ऊपर ही है. लेकिन 1978-79 में सबसे बड़ा फायदा पीएफधारकों को मिला. जब सरकार ने इसे 8.25% करने के साथ ही 0.5% का बोनस भी दिया. हालांकि यह बोनस उन लोगों के लिए लिया था, जिन्होंने कभी अपना पीएफ नहीं निकाला हो. बोनस के रूप में मिलने वाली रकम को सिर्फ 1976-1977 और 1977-1978 के पीएफ पर ही दिया गया.

1952 में की गई थी शुरुआत

भारत सरकार ने 1952 में EPFO की शुरुआत की थी. यह वह दौर था, जब भारत आजादी के बाद पहली बार मजदूरों को सोशल सिक्योरिटी देने का प्रयास कर रहा था. उस वक्त EPFO के अंतर्गत 1952 एक्ट लागू किया गया. यहीं से PF पर मिलने वाले ब्याज की शुरुआत हुई. शुरुआत में ब्याज काफी कम महज 3 फीसदी थी. वित्त वर्ष 1955-56 में PF पर ब्याज दर को 3.50% तय की गई. 1963-64 में यह बढ़ते हुए 4% पर पहुंची.

यह है भविष्य निधि फंड

एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) एक तरह का निवेश है, जो किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी के लिए होता है. पीएफ हर नौकरीपेशा के भविष्य में सहायक होता है. इस फंड को EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) मेनटेन रखता है.

कानून के नियमानुसार वह कंपनी जिसके पास 20 से ज्यादा व्यक्ति काम करने वाले हैं, उसका पंजीकरण EPFO में होना जरुरी है. इसके तहत वेतन पाने वाले व्यक्ति की सैलरी का कुछ भाग हर महीने में यहां जमा होता है और यह पैसा रिटायरमेंट के समय काम आता है.

इतना कटता है पीएफ

EPFO के तहत आने वाली कंपनियों में नौकरी करने वाले कर्मचारी की सैलरी से 12% हिस्सा कटता है. इतना ही हिस्सा कंपनी के खाते से भी जमा होता है. यह ध्यान देने वाली बात यह है कि आपकी सैलरी से कटा पूरा 12% आपके खाते में जाएगा.

लेकिन कंपनी के खाते से कटे 12% हिस्से में से 3.67% हिस्सा PF में और 8.33% EPS (एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम) में जमा होता है. उदाहरण के तौर पर आपकी बेसिक सैलरी 6500 से है तो आपकी कंपनी का 8.33% यानि 541 रुपए ही EPS में जमा होंगे. बाकी पैसा EPF में जाएगा. कुल 24% हिस्सा आपके EPF में जमा होता है.

नई दिल्ली : भारत सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधिन संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए PF पर मिलने वाला ब्याज दर को 8.5 फीसदी करने की मंजूरी दे दी है. कर्मचारी भविष्य निधिन संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए PF पर मिलने वाला ब्याज जल्द ही खाताधारकों के अकाउंट में क्रेडिट किया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक अब कुल 8.50 फीसदी का ब्याज मिलेगा. हालांकि यह ब्याज दर पिछले 7 साल में सबसे कम है. वित्त वर्ष 2016-17 में 8.65% ब्याज मिलता था. एक दौर वह भी था जब PF पर मिलने वाला ब्याज 12% होता था. इसके बाद लगातार कटौती होती गई और आज ब्याज 8.50 फीसदी पर रूका हुआ है.

पहली बार 8 प्रतिशत हुई ब्याज दर

1977-78 में पहली बार ब्याज दर 8 प्रतिशत पहुंची थी. उसके बाद से यह इससे ऊपर ही है. लेकिन 1978-79 में सबसे बड़ा फायदा पीएफधारकों को मिला. जब सरकार ने इसे 8.25% करने के साथ ही 0.5% का बोनस भी दिया. हालांकि यह बोनस उन लोगों के लिए लिया था, जिन्होंने कभी अपना पीएफ नहीं निकाला हो. बोनस के रूप में मिलने वाली रकम को सिर्फ 1976-1977 और 1977-1978 के पीएफ पर ही दिया गया.

1952 में की गई थी शुरुआत

भारत सरकार ने 1952 में EPFO की शुरुआत की थी. यह वह दौर था, जब भारत आजादी के बाद पहली बार मजदूरों को सोशल सिक्योरिटी देने का प्रयास कर रहा था. उस वक्त EPFO के अंतर्गत 1952 एक्ट लागू किया गया. यहीं से PF पर मिलने वाले ब्याज की शुरुआत हुई. शुरुआत में ब्याज काफी कम महज 3 फीसदी थी. वित्त वर्ष 1955-56 में PF पर ब्याज दर को 3.50% तय की गई. 1963-64 में यह बढ़ते हुए 4% पर पहुंची.

यह है भविष्य निधि फंड

एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) एक तरह का निवेश है, जो किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी के लिए होता है. पीएफ हर नौकरीपेशा के भविष्य में सहायक होता है. इस फंड को EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) मेनटेन रखता है.

कानून के नियमानुसार वह कंपनी जिसके पास 20 से ज्यादा व्यक्ति काम करने वाले हैं, उसका पंजीकरण EPFO में होना जरुरी है. इसके तहत वेतन पाने वाले व्यक्ति की सैलरी का कुछ भाग हर महीने में यहां जमा होता है और यह पैसा रिटायरमेंट के समय काम आता है.

इतना कटता है पीएफ

EPFO के तहत आने वाली कंपनियों में नौकरी करने वाले कर्मचारी की सैलरी से 12% हिस्सा कटता है. इतना ही हिस्सा कंपनी के खाते से भी जमा होता है. यह ध्यान देने वाली बात यह है कि आपकी सैलरी से कटा पूरा 12% आपके खाते में जाएगा.

लेकिन कंपनी के खाते से कटे 12% हिस्से में से 3.67% हिस्सा PF में और 8.33% EPS (एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम) में जमा होता है. उदाहरण के तौर पर आपकी बेसिक सैलरी 6500 से है तो आपकी कंपनी का 8.33% यानि 541 रुपए ही EPS में जमा होंगे. बाकी पैसा EPF में जाएगा. कुल 24% हिस्सा आपके EPF में जमा होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.