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Karnataka: मंगलुरु में शुरू हुआ थंबूला, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

कर्नाटक के मंगलुरू शहर के बाहरी इलाके गंजीमथा मल्लई में मस्जिद के जीर्णोद्धार के दौरान मिले मंदिर जैसे ढांचे के मद्देनजर तंबुला मनाया जा रहा है. यह भी बात सामने आई है कि इस मसले को सामूहिक रूप से हल किया जाना चाहिए.

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Published : May 25, 2022, 2:39 PM IST

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मंगलुरू: केरल के ज्योतिषी गोपालकृष्ण पणिक्कर ने विहिप और बजरंग दल द्वारा आयोजित तंबुला को संबोधित किया. प्राचीन काल में इस स्थान पर एक गुरमठ की उपस्थिति तंबुला के रुप में सामने आती है. अतीत में इसे शैव/वैष्णव विवाद द्वारा नष्ट कर दिया गया था. जो लोग इस जगह पर थे जब इसे नष्ट कर दिया गया तो वे यहां से चले गए. मठ को भी कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया. हालांकि उन्हें पूरी तरह से स्थानांतरित नहीं किया गया है.

अब इस जगह के मालिकों सहित सभी को इसका कायाकल्प करना चाहिए. नहीं तो शहर खतरे में है जिसे तंबुला प्रसने में बताया गया है. इस क्षेत्र में शिव की लहर है. शिव सानिध्य हैं औ वे अपने पूर्वजों के घर में अभी भी पूजा कर रहे हैं. 21 अप्रैल को मंगलुरू के बाहरी इलाके में गंजीमथा के पास मलाली में एक मस्जिद के नवीनीकरण के दौरान मंदिर जैसी संरचना की खोज की गई थी. बाद में मंगलुरू के तहसीलदार ने उन्हें काम जारी न रखने की सलाह दी और फिर अदालत ने किसी भी काम को रोकने के लिए निषेधाज्ञा भी जारी की.

इस बीच विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मलाली मस्जिद में मंदिर शैली की खोज पर अष्टमंगला आयोजित करने का फैसला किया. जिसे ज्योतिष में सर्वोच्च माना जाता है. प्रारंभिक पूछताछ में यह जानने के लिए किया गया है कि मस्जिद में कौन सी दैवीय शक्ति है और अष्टमंगला प्रसने कहां और कब रखें.

तंबुला प्रसने क्या है: तटीय कर्नाटक में पीढ़ियों के इतिहास के बारे में जानने के लिए पुजारियों से संपर्क करना आम बात है. यह व्यापक रूप से प्रचलित प्रथा है जिस पर लोगों ने विश्वास किया. हिंदू कार्यकर्ता मस्जिद के इतिहास का पता लगाने के लिए अगले कदम के रूप में तंबुला प्रसने के बाद अष्टमंगला भी करेंगे.

धारा 144 लागू: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के तंबुला प्रसने के कार्यक्रम को देखते हुए मस्जिद के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. इस पृष्ठभूमि में जुम्मा मस्जिद के आसपास के 500 मीटर के क्षेत्र को मंगलुरू शहर के पुलिस आयुक्त शशिकुमार द्वारा निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. दक्षिण कन्नड़ के जिला प्रशासन ने बुधवार को मलाली के आसपास के इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी.

गृह मंत्री की प्रतिक्रिया: कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मलाली मस्जिद मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन हर चीज की निगरानी कर रहा है. इलाके में (मस्जिद के पास) धारा 144 लागू की गई है.

यह भी पढ़ें- अयोध्या मसला खत्म होने के बाद उछाला गया काशी का मुद्दा: शरद पवार

मंगलुरू: केरल के ज्योतिषी गोपालकृष्ण पणिक्कर ने विहिप और बजरंग दल द्वारा आयोजित तंबुला को संबोधित किया. प्राचीन काल में इस स्थान पर एक गुरमठ की उपस्थिति तंबुला के रुप में सामने आती है. अतीत में इसे शैव/वैष्णव विवाद द्वारा नष्ट कर दिया गया था. जो लोग इस जगह पर थे जब इसे नष्ट कर दिया गया तो वे यहां से चले गए. मठ को भी कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया. हालांकि उन्हें पूरी तरह से स्थानांतरित नहीं किया गया है.

अब इस जगह के मालिकों सहित सभी को इसका कायाकल्प करना चाहिए. नहीं तो शहर खतरे में है जिसे तंबुला प्रसने में बताया गया है. इस क्षेत्र में शिव की लहर है. शिव सानिध्य हैं औ वे अपने पूर्वजों के घर में अभी भी पूजा कर रहे हैं. 21 अप्रैल को मंगलुरू के बाहरी इलाके में गंजीमथा के पास मलाली में एक मस्जिद के नवीनीकरण के दौरान मंदिर जैसी संरचना की खोज की गई थी. बाद में मंगलुरू के तहसीलदार ने उन्हें काम जारी न रखने की सलाह दी और फिर अदालत ने किसी भी काम को रोकने के लिए निषेधाज्ञा भी जारी की.

इस बीच विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मलाली मस्जिद में मंदिर शैली की खोज पर अष्टमंगला आयोजित करने का फैसला किया. जिसे ज्योतिष में सर्वोच्च माना जाता है. प्रारंभिक पूछताछ में यह जानने के लिए किया गया है कि मस्जिद में कौन सी दैवीय शक्ति है और अष्टमंगला प्रसने कहां और कब रखें.

तंबुला प्रसने क्या है: तटीय कर्नाटक में पीढ़ियों के इतिहास के बारे में जानने के लिए पुजारियों से संपर्क करना आम बात है. यह व्यापक रूप से प्रचलित प्रथा है जिस पर लोगों ने विश्वास किया. हिंदू कार्यकर्ता मस्जिद के इतिहास का पता लगाने के लिए अगले कदम के रूप में तंबुला प्रसने के बाद अष्टमंगला भी करेंगे.

धारा 144 लागू: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के तंबुला प्रसने के कार्यक्रम को देखते हुए मस्जिद के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. इस पृष्ठभूमि में जुम्मा मस्जिद के आसपास के 500 मीटर के क्षेत्र को मंगलुरू शहर के पुलिस आयुक्त शशिकुमार द्वारा निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. दक्षिण कन्नड़ के जिला प्रशासन ने बुधवार को मलाली के आसपास के इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी.

गृह मंत्री की प्रतिक्रिया: कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मलाली मस्जिद मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन हर चीज की निगरानी कर रहा है. इलाके में (मस्जिद के पास) धारा 144 लागू की गई है.

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