कोलकाता : गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री (former chief minister) लुइज़िन्हो फलेरियो (Luizinho Faleiro) सहित दस नेता बुधवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. गोवा के और नेता गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में शामिल होंगे. इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य (Trinamool Congress Lok Sabha member) सौगत रॉय (Saugata Roy) ने कहा कि हमारे चार नेता सुकेंदु शेखन रे, प्रसून बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन और मनोज तिवारी पहले से ही गोवा में हैं और उन्होंने सूचित किया है कि राज्य के और नेता कल तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे.
आज एक समारोह में जहां लुइज़िन्हो फलेरियो और नौ अन्य ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी में शामिल हुए.
पिछले सोमवार को लुइज़िन्हो फलेरियो ने कांग्रेस के सदस्य के साथ-साथ गोवा विधान सभा (Goa Legislative Assembly) के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया था.
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री होने के अलावा लुइज़िन्हो फलेरियो ने कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण संगठनात्मक पदों पर भी काम किया है, जिसमें त्रिपुरा सहित विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक शामिल हैं.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि गोवा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के अलावा, लुइज़िन्हो फलेरियो अब तृणमूल कांग्रेस की पूर्वोत्तर भारत में अपने संगठनात्मक आधार के विस्तार की योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
लुइज़िन्हो फलेरियो और नौ अन्य का तृणमूल कांग्रेस में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (party's national general secretar) अभिषेक बंदोपाध्याय (Avishek Bandopadhyay) द्वारा स्वागत किया गया, जिन्होंने उन्हें तृणमूल कांग्रेस के प्रतीक मुद्रित लबादे (symbol printed cloak) से लपेटा और उन्हें पार्टी का झंडा भी सौंपा.
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद लुइज़िन्हो फलेरियो ने कहा कि उन्होंने दो दिन पहले कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर खुश हैं. मेरा इस्तीफा कांग्रेस के एकीकरण के उद्देश्य से है, जो अब कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस, शरद पवार कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच विभाजित है.
मेरा लक्ष्य अब कांग्रेस का एकीकरण है और मैं भाजपा को हराने के लिए तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुआ हूं.
उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, भारत 45 साल पीछे चला गया है. गोवा में स्थिति बहुत खराब है. वहां आर्थिक मंदी है ,कोई शासन नहीं है. भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) के अवलोकन के अनुसार गोवा में अवैध खनन लूट हुई थी. गोवा भारत के लिए कभी ताज पर एक गहना की तरह था.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में दरकिनार किए जाने के बावजूद उन्होंने दो साल तक चुप्पी साधे रखी.
उन्होंने कहा कि गोवा के लोगों के साथ विश्वासघात किया गया, इसलिए जब मुझे गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Goa Pradesh Congress Committee) के अध्यक्ष के रूप में बने रहने के लिए कहा गया तो मैंने उस पद को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
हालांकि उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ किसी भी आलोचनात्मक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि एक पार्टी के रूप में कांग्रेस गोवा की नब्ज और जुनून को समझने में विफल रही है.
यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (West Bengal chief minister) ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी मंच का चेहरा होंगी, फलेरियो ने कहा कि उनके पिछले रिकॉर्ड के साथ उन्हें यकीन है कि ममता बनर्जी एक एकीकृत कांग्रेस का नेतृत्व चेहरा बनेंगी.
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उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि आने वाले गोवा विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस जीतेगी क्योंकि गोवा के लोग भाजपा से काफी चिढ़े हुए हैं और उन्हें सत्ताधारी पद पर एक विश्वसनीय चेहरे की जरूरत है.
फलेरियो ने कहा, 'एक बार दीदी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता थीं, लेकिन जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी तो उनमें आग थी और अब उनके पास सत्ता है.'
उनके अनुसार गोवा और पश्चिम बंगाल में फुटबॉल, संस्कृति और शांति के लिए प्रेम जैसी कई चीजें समान हैं.
उन्होंने कहा, 'इस पर मैंने मुख्यमंत्री के साथ लंबी चर्चा की. हमें यकीन है कि हम अगले दो से तीन महीनों में गोवा में बात करेंगे.'
इस अवसर पर अभिषेक बंदोपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच अब सबसे बड़ा अंतर यह है कि कांग्रेस लगातार बीजेपी से हार रही है, जबकि बीजेपी लगातार तृणमूल कांग्रेस से हार रही है.
बंदोपाध्याय ने कहा कि अगर कांग्रेस कुछ नहीं कर रही है तो हम चुप नहीं रह सकते. कांग्रेस की तरह कीबोर्ड योद्धा होने के बजाय, हम भाजपा के खिलाफ असली योद्धा बनना चाहते हैं.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गोवा में तृणमूल अकेले ही इसका मुकाबला करेगी.