हैदराबाद : कौन कहता है कि सरकारी नौकरी में से वक्त निकालकर अपने परिवार और समाज के लिए कार्य नहीं किया जा सकता है. सरकारी पद पर रहकर भी लोग अपने परिवार के लिए वक्त निकालते हैं. ऐसी ही सरकारी पद पर कार्य कर रही महिला तेलंगाना की सरपंच थोटा पद्मा हैं, जो दिन में सरकारी सेवा और दोपहर में नर्स का काम करती हैं.
पद्मा इस तरह से सरकारी पद पर दोहरी भूमिका निभाने वाली अपनी गांव की पहली नागरिक हैं. वह सुबह सरपंच और दोपहर में एक निजी क्लिनिक में नर्स के रूप में काम करती है. इससे कमाई के रुपयों से वह अपने पति का इलाज करा रही हैं.
जानकारी के मुताबिक, निजामाबाद जिले के मकलूर मंडल के बोंकनपल्ली गांव की रहने वाली थोटा पद्मा ने बहुउद्देशीय स्वास्थ्यकर्मी की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह वहां के एक निजी अस्पताल में नर्स के रूप में काम करती थी. साल 2019 में पद्मा सरपंच पद के लिए खड़ी हुईं और टीआरएस के समर्थन से जीत हासिल कर ली.
सरपंच बनने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी. उन्होंने गांव के विकास पर ध्यान केंद्रित किया और पल्ले प्रगति और मनरेगा फंड से 20 लाख रुपये के प्रोजेक्ट्स हाथ में लिये. साल 2020 में पद्मा को महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया गया, तब तक चीजें ठीक थीं. लेकिन एक दिन उनके पति की तबियत बिगड़ी और उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया. वहीं, उनके आर्थिक हालात भी खराब होने लगे, जिसके बाद वह नर्स के पेशे में दोबारा लौटी और एक बार उन्हें इस पेशे को अपनाना पड़ा. अब वह सरपंच होने के साथ एक जिम्मेदार नर्स की नौकरी भी कर रही हैं.