ETV Bharat / bharat

तेलंगाना: BRS को वापस TRS में बदलने को लेकर पार्टी नेताओं में चर्चा - केसीआर टीआरएस नाम

Convert BRS back to TRS: तेलंगाना में बीआरएस पार्टी के नाम को बदलने को लेकर नेताओं में सुगबुगाहट है. समीक्षा बैठकों में पार्टी की हार का कारण नाम (BRS) भी बताया गया. कुछ नेता इसके नाम को बदलने पर जोर दे रहे हैं.

Convert BRS back to TRS! Request of party lines in reviews
तेलंगाना: BRS को वापस TRS में बदलने को लेकर पार्टी नेताओं में चर्चा
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 11, 2024, 12:46 PM IST

हैदराबाद: भारत राष्ट्र समिति (BRS) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने हाल के वर्षों में अपनी पार्टी का नाम बदला था. इससे पहले पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) था. सूत्रों से खबर मिली है कि पार्टी के कुछ नेता नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि तेलगाना के लोग पुराने नाम (TRS) से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं.

बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव की तैयारी बैठकों में जिलों के पार्टी नेता मुख्य रूप से इसी मुद्दे का जिक्र कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार का विश्लेषण करने पर पता चला कि पार्टी के ज्यादातर नेता बीआरएस को टीआरएस के रूप में वापस जनता के बीच ले जाने का अनुरोध कर रहे हैं.

बताया गया है कि बुधवार को वारंगल लोकसभा क्षेत्र की तैयारी बैठक में वरिष्ठ बीआरएस नेता कादियाम श्रीहरि ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर की मौजूदगी में अहम टिप्पणियां की. जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा,'लोगों के बीच तेलंगाना पार्टी के रूप में हमारी मजबूत पहचान है. 'तेलंगाना' को हटाकर पार्टी के नाम में 'भारत' जोड़ने से तेलंगाना की भावना प्रभावित हो रही है.लोग इस नाम को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.'

श्रीहरि ने कहा,'भले ही कम से कम 1-2 फीसदी लोगों को ऐसा लगता हो, लेकिन कार्यकर्ताओं के बीच यह राय है कि हमारी पार्टी को उस हद तक वोट का नुकसान हुआ है. पार्टी के कार्यकर्ताओं में यह भी भावना है कि बीआरएस बनने के बाद उनकी आपस में नहीं बनी. अधिकांश कार्यकर्ता व लोग विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान इसी बात का जिक्र कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा,'तेलंगाना भावना को दूर न करें जो पार्टी के लिए वरदान है. टीआरएस में वापस जाना अच्छा रहेगा. अधिकांश कार्यकर्ताओं और लोगों की यही राय है. अगर हम राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में 'बीआरएस' रखना चाहते हैं.. तो हमें इसे वैसे ही रखना चाहिए. हमें राज्य की राजनीति में 'टीआरएस' को सामने लाने के बारे में सोचना चाहिए. अगर इसमें कोई कानूनी पहलू है तो बेहतर होगा कि पूर्व सांसद विनोद कुमार व अन्य संबंधित विशेषज्ञों से इस मामले पर चर्चा करें.' बताया गया है कि कादियाम श्रीहरि ने प्रस्ताव दिया है कि इस मुद्दे को प्राथमिकता के तौर पर अध्यक्ष केसीआर के संज्ञान में लाया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें-केसीआर तेलंगाना में बीआरएस विधायक दल के नेता चुने गए

हैदराबाद: भारत राष्ट्र समिति (BRS) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने हाल के वर्षों में अपनी पार्टी का नाम बदला था. इससे पहले पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) था. सूत्रों से खबर मिली है कि पार्टी के कुछ नेता नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि तेलगाना के लोग पुराने नाम (TRS) से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं.

बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव की तैयारी बैठकों में जिलों के पार्टी नेता मुख्य रूप से इसी मुद्दे का जिक्र कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार का विश्लेषण करने पर पता चला कि पार्टी के ज्यादातर नेता बीआरएस को टीआरएस के रूप में वापस जनता के बीच ले जाने का अनुरोध कर रहे हैं.

बताया गया है कि बुधवार को वारंगल लोकसभा क्षेत्र की तैयारी बैठक में वरिष्ठ बीआरएस नेता कादियाम श्रीहरि ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर की मौजूदगी में अहम टिप्पणियां की. जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा,'लोगों के बीच तेलंगाना पार्टी के रूप में हमारी मजबूत पहचान है. 'तेलंगाना' को हटाकर पार्टी के नाम में 'भारत' जोड़ने से तेलंगाना की भावना प्रभावित हो रही है.लोग इस नाम को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.'

श्रीहरि ने कहा,'भले ही कम से कम 1-2 फीसदी लोगों को ऐसा लगता हो, लेकिन कार्यकर्ताओं के बीच यह राय है कि हमारी पार्टी को उस हद तक वोट का नुकसान हुआ है. पार्टी के कार्यकर्ताओं में यह भी भावना है कि बीआरएस बनने के बाद उनकी आपस में नहीं बनी. अधिकांश कार्यकर्ता व लोग विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान इसी बात का जिक्र कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा,'तेलंगाना भावना को दूर न करें जो पार्टी के लिए वरदान है. टीआरएस में वापस जाना अच्छा रहेगा. अधिकांश कार्यकर्ताओं और लोगों की यही राय है. अगर हम राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में 'बीआरएस' रखना चाहते हैं.. तो हमें इसे वैसे ही रखना चाहिए. हमें राज्य की राजनीति में 'टीआरएस' को सामने लाने के बारे में सोचना चाहिए. अगर इसमें कोई कानूनी पहलू है तो बेहतर होगा कि पूर्व सांसद विनोद कुमार व अन्य संबंधित विशेषज्ञों से इस मामले पर चर्चा करें.' बताया गया है कि कादियाम श्रीहरि ने प्रस्ताव दिया है कि इस मुद्दे को प्राथमिकता के तौर पर अध्यक्ष केसीआर के संज्ञान में लाया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें-केसीआर तेलंगाना में बीआरएस विधायक दल के नेता चुने गए
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.