हैदराबाद: केंद्र की मोदी सरकार ने आम जनता के लिए कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराने से पहले एक ड्राई टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. सरकार ने इन ड्राई टेस्ट के लिए देश के 3 राज्यों को चुना है. इनमें दक्षिण भारत से तेलंगाना राज्य के चुना गया है. इसके अलावा हरियाणा को भी इसके लिए चयनित किया गया है. वहीं, तीसरे राज्य के रूप में गुजरात या उत्तर प्रदेश को चुना जाएगा.
तेलंगान ने सबसे पहले शुरू किया था मिशन इंद्रधनुष
बता दें, 3 साल पहले तेलंगाना देश का पहला टीकाकरण कार्यक्रम 'मिशन इंद्रधनुष' लागू करने वाला पहला राज्य था. खसरा-रुबेला(एमआर) वैक्सीन, पोलियो इंजेक्शन आदि को ध्यान में रखकर ही मेडिकल संस्था ने तेलंगाना को इस ड्राई टेस्ट के लिए चुना.
चरणबद्ध तरीके से होगा टेस्ट
टीकाकरण के दौरान जिन प्रक्रियाओं का पालन किया जाना होता है, उन्हें सूखे में परीक्षण किया जाता है. कोविड टीकों को वहां से राज्य के ठंडे स्थान पर संग्रहित किया जाता है, उसके बाद जिला स्तर के भंडारण में भेजा जाता है. सबसे आखिरी में अस्पताल में टीका लगाया जाता है. इस क्रम में सावधानी बरतनी होती है. यहां तक की सबसे छोटे दोषों को भी अच्छी तरह से परखा जाता है.
पढ़ें: पिछले 24 घंटे में 44,376 हजार से अधिक नए कोरोना पॉजिटिव केस, 481 मौतें
पहले चरण में 26 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी
बता दें, केंद्र सरकार देशभर के 30 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन देने की तैयारी कर रही है. करोड़ों स्वास्थयकर्मियों और 2 करोड़ से अधिक पुलिस, सफाई कर्मचारी समेत 1 करोड़ लोग इस वायरस से प्रभावित हैं. जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक पहले चरण में 50 साल से ऊपर 26 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की संभावना है. इससे पहले, तेलंगाना से 3 लाख सरकारी और प्राइवेट डॉक्टरों और कर्मचारियों की एक लिस्ट केंद्र सरकार को भेजी गई है.