हैदराबाद: लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी रविवार और सोमवार को हैदराबाद में अहम बैठकें करेगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण, प्रदेश प्रभारी तरूणचुग, सुनील बंसल और अन्य प्रमुख नेता बैठक में शामिल होंगे और लोकसभा चुनाव अभियान के रोडमैप को अंतिम रूप देंगे.
पार्टी पहले ही विधान सभा चुनावों के परिणामों का विश्लेषण कर चुकी है. पार्टी लोकसभा सीटों पर मिले वोटों के आधार पर समीक्षा करेगी और प्रत्येक क्षेत्र के लिए विशेष रणनीति तैयार करेगी. यह विचार के साथ लोकसभा चुनाव विधानसभा से ज्यादा सकारात्मक होंगे, जरूरी मुद्दों पर फोकस किया जाएगा.
शीर्ष नेताओं के साथ प्रारंभिक चुनाव अभियान संस्थागत मजबूती पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. कोशिश रहेगी कि उम्मीदवार पहले ही तय कर लिए जाएं. कहा जा रहा है कि पार्टी को चार सीटों पर पूरा भरोसा है. वहीं नेताओं का कहना है कि अन्य तीन सीटों पर सकारात्मक परिणाम है. यदि विशेष ध्यान दिया जाए, तो बाकी पर बेहतर परिणाम आने की संभावना है. इस संदर्भ में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक प्रभारी नियुक्त किया जाएगा और उन्हें अभी से चुनाव समाप्त होने तक पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
उम्मीदवारों का चयन महत्वपूर्ण है...! इन दो दिवसीय बैठकों में मौजूदा सीटों के अलावा बाकी 13 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन पर भी चर्चा होगी. दावेदारों के बीच मजबूत उम्मीदवारों की पहचान की जाएगी और सामाजिक लामबंदी के अनुसार समर्थन की सीमा का आकलन किया जाएगा. दूसरी ओर क्षेत्र-स्तरीय सर्वेक्षणों का एक चरण पहले ही पूरा हो चुका है.
उम्मीदवार के आधार के बजाय पार्टी की ताकत की पहचान करने के लिए 17 लोकसभा क्षेत्रों में सर्वेक्षण किए गए. दो दिवसीय बैठकों में इन सर्वेक्षणों पर भी चर्चा होगी. भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का ध्यान विशेष रूप से राज्य में सांसद पदों पर है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें विधानसभा चुनाव के नतीजों से निराश न होकर आगे बढ़ने की सलाह दी. इस संदर्भ में पार्टी रैंकों को पूर्ण स्तर पर लाने के लिए क्षेत्र-स्तरीय बैठकों को प्राथमिकता दी जाएगी. अयोध्या राम मंदिर के मुद्दे को मजबूती से लोगों तक ले जाने के लिए केंद्रीय योजनाएं बनाई जा रही हैं.
दो चरणों में शीर्ष नेताओं का प्रचार अभियान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह और नड्डा जैसे अन्य शीर्ष नेताओं ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि जितनी संभव हो उतनी बैठकें हों और जनवरी के अंतिम सप्ताह से उनके प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यह अपेक्षा की जाती है कि प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में दो प्रमुख बैठकें आयोजित की जाएं. चुनाव कार्यक्रम से पहले एक चरण पूरा हो जाना चाहिए. कुल मिलाकर रविवार और सोमवार को होने वाली प्रमुख बैठकों में रोड मैप को अंतिम रूप दिया जाएगा और लोकसभा चुनाव के एजेंडे पर पार्टी लाइन को स्पष्टता दी जाएगी.