हैदराबाद : ऑक्सीजन टैंकरों के लिए युद्धक विमानों का इस्तेमाल कर देश को एक नया रास्ता दिखाने वाला तेलंगाना पहला राज्य बन गया है. इसकी जानकारी राज्य सरकार ने रविवार को दी. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक यह अधिकतम लोक कल्याण और कई मामलों में एक अच्छा विचार है.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा, जरूरत के समय में टैंकरों के माध्यम से दूर के स्थानों पर ऑक्सीजन भेजने से समय की बर्बादी होगी, इसलिए युद्धक विमानों में ऑक्सीजन सिलेंडर स्थानांतरित करने का फैलसा लिया.
आपातकालीन समय में यह विचार देश के लिए आदर्श है. इस तरह से सीएम केसीआर ने उन तात्कालिक फैसलों के लिए एक दिशा दिखाई है, जो शासकों को कठिन समय में जनता के लिए लेने चाहिए और यह कार्यक्रम युद्ध स्तर पर लागू होने चाहिए.
सीएमओ ने ओडिशा में ऑक्सीजन टैंकरों की एयरलिफ्टिंग का वीडियो भी जारी किया. यह दावा करता है कि तेलंगाना देश का पहला राज्य है, जिसने ऑक्सीजन टैंकरों के परिवहन के लिए हवाई जहाजों का उपयोग किया है. मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने कहा कि पहली बार खाली ऑक्सीजन टैंकरों को हैदराबाद और देश में कहीं भी हवाई जहाजों द्वारा भेजा गया, जिससे समय और जान दोनों बचाई जा सके.
मुख्य सचिव के अनुसार, तेलंगाना के लिए 100 टन ऑक्सीजन पर्याप्त था, लेकिन आवश्यकता चार गुना बढ़ गई है. भारत सरकार ने उन स्थानों पर ऑक्सीजन आवंटित किया है जो बहुत दूर हैं. अतिरिक्त 260 टन प्राप्त करने के लिए टैंकरों को छह दिन लगते हैं. टैंकरों को चलाने से हम न केवल तीन दिनों का समय बचा पाएंगे, बल्कि हम कई लोगों की जान बचा सकते हैं.
हैदराबाद से नौ खाली ऑक्सीजन टैंकरों को 24 अप्रैल (शुक्रवार) को ओडिशा ले जाया गया, जिससे कोविड रोगियों का इलाज करने वाले अस्पतालों में आपूर्ति पूरी की जा सके.
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के दो सी-17 विमानों का इस्तेमाल हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे से टैंकरों को एयरलिफ्ट करने के लिए किया गया था.
स्वास्थ्य मंत्री इटाला राजेंद्र और मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने हवाई अड्डे पर एयरलिफ्टिंग ऑपरेशन का निरीक्षण किया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 27 अप्रैल तक टैंकर सड़क मार्ग से राज्य में लौट आएंगे.
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