कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष की संलिप्तता का संकेत देते हैं. शुक्रवार से शुरू हुए करीब 24 घंटे के छापे और तलाशी अभियान के बाद शनिवार सुबह केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने घोष को गिरफ्तार किया.
तलाशी अभियान के दौरान ईडी के सूत्रों ने घोटाले से संबंधित लेनदेन के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए. सूत्रों ने कहा कि ये दस्तावेज गिरफ्तार नेता की घोटाले में संलिप्तता का संकेत देते हैं. सूत्रों ने कहा कि उनके आवास से जब्त दस्तावेजों की जांच के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने देखा है कि पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन में घोष और घोटाले के मास्टरमाइंड के बीच मुख्य बिचौलिए के रूप में कोई तीसरा व्यक्ति है.
हालांकि ईडी जांच के लिए उस तीसरे शख्स का नाम गुप्त रख रही है. घोष के आवास से बरामद किए गए खातों के नोट्स की जांच से ईडी के अधिकारी इस गठजोड़ में शिक्षण और गैर-शिक्षण ग्रेड के लिए प्राप्त राशि का ब्रेकअप करने में सक्षम हैं. केंद्रीय एजेंसी के अनुमानों के अनुसार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के मामले में अधिकतम धन हस्तांतरण लगभग 10.50 करोड़ रुपये और उच्च-प्राथमिक ग्रेड में 3.24 करोड़ रुपये का किया गया था.
ईडी द्वारा गिरफ्तारी से पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने घोष से दो बार पूछताछ भी की थी, जो भर्ती घोटाले में समानांतर जांच कर रही है. ऑल बंगाल टीचर्स ट्रेनिंग अचीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस मंडल द्वारा सीबीआई को दिए गए बयान के बाद उनसे पूछताछ की गई थी, जो कि पश्चिम बंगाल में निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों का एकछत्र संगठन है, जिसमें घोष को 19 करोड़ रुपये मिले थे.
(आईएएनएस)