विशाखापत्तनम : उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को हजारों अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन और शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देते हुए भारत के वास्तविक इतिहास को रेखांकित करने वाली पाठ्यपुस्तकों और अकादमिक पाठ्यक्रम को फिर से लिखे जाने का आह्वान किया.
उप राष्ट्रपति ने कहा, हमें अपने युवाओं और नयी पीढ़ी को देशभर के हजारों अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदान और संघर्ष के बारे में बताना चाहिए. उनमें से अधिकांश के बारे में जानकारी नहीं है क्योंकि उनका इतिहास लोगों को नहीं पता. हमारे इतिहास, पाठ्य पुस्तकों और पाठ्यक्रम में इन महान लोगों के जीवन तथा उनकी शिक्षाओं का जिक्र होना चाहिए.
नायडू ने दामोदरम संजीवैया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में 'आजादी का अमृत महोत्सव' का उद्घाटन किया. इस दौरान समारोह का विषय 'स्वतंत्रता संग्राम की भावना: आगे की राह' पर केंद्रित रहा.
इस अवसर पर विधि विश्वविद्यालय के फैकल्टी और छात्रों को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि औपनिवेशिक शासन के दौरान अंग्रेजों ने हम पर शासन किया, हमें लूटा और धोखा दिया और कुछ हद तक हमारे दिमाग को भी बर्बाद कर दिया.
वेंकैया नायडू ने कहा, वे हमारे लोगों की महानता को नहीं जानते हैं। हमें इस तरह का इतिहास पढ़ाया गया. रॉबर्ट क्लाइव द ग्रेट अल्लूरी सीताराम राजू, छत्रपति शिवाजी महाराज और अन्य दिग्गजों के बारे में क्या? इनके इतिहास, जीवन और शिक्षाओं को प्रमुखता नहीं दी गई. यही कारण है कि युवा पीढ़ी को गुमराह किया जाता है.
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उन्होंने कहा कि केवल कुछ लोगों का इतिहास प्रमुखता से प्रकाशित किया गया और उनके बारे में जानकारी दी गई.
उप राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारे इतिहास, हमारी पाठ्यपुस्तकों और पाठ्यक्रम में इन महान लोगों के जीवन और शिक्षाओं को शामिल किया जाना चाहिए. राजा राममोहन राय, कंदुकूरि वीरेशलिंगम् पन्तुलु, अल्लूरी सीताराम राजू जैसे सुधारकों और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन, शिक्षाओं और बलिदान पर प्रकाश डाला जाना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी प्रेरित हो.
(पीटीआई-भाषा)