मदुरै : विश्व प्रसिद्ध मदुरै जिला अलंकनल्लूर जल्लीकट्टू प्रतियोगिता मंगलवार को पोंगल पर्व के अवसर पर सुबह 8 बजे शुरू हुई. खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने टूर्नामेंट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इससे पहले, प्रतियोगियों ने उदयनिधि स्टालिन की उपस्थिति में शपथ ली. स्कूल शिक्षा मंत्री अनिल महेश पोइयामोझी और वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. 1,000 बैलों को वश में करने की प्रतियोगिता में 350 पुरुषों ने भाग लिया.
प्रतियोगिता कुल 10 राउंड में होगी. प्रत्येक दौर में 25 से 40 खिलाड़ियों हिस्सा लेंगे. इसी तरह प्रतियोगिता में छोड़े जाने वाले सभी बैलों को सोने के सिक्के दिए जाएंगे. और प्रतियोगिता जीतने वाले को पुस्कार में कार मिलेगा. साथ ही बेस्ट बुल के मालिक को भी पुरस्कार में कार दिया जायेगा. सुरक्षा के लिए 2,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. टूर्नामेंट के दौरान इलाज के लिए 160 डॉक्टरों, नर्सों और 60 पशु चिकित्सकों की एक मेडिकल टीम नियुक्त की गई है. दमकलकर्मी भी मुस्तैद हैं. इस मैच को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जमा होते हैं.
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तमिलनाडु में सोमवार को अलग-अलग जल्लीकट्टू आयोजनों में सांडों को काबू करने वाले एक व्यक्ति समेत दो लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और पालामेडु के सांडों को पकड़ने वाले अरविंद राज और पुडुकोट्टई जिले के दर्शक एम अरविंद के परिवारों को तीन-तीन लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की, जिनकी एक सांड द्वारा वार किए जाने के बाद मृत्यु हो गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं शोक संतप्त परिवारों और दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. मैंने दोनों मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री जन राहत कोष से तीन-तीन लाख रुपये देने का आदेश दिया है.
26 वर्षीय अरविंद राज, जो नौ बैलों को वश में कर सकते थे को पलामेडु में जल्लीकट्टू कार्यक्रम में एक सांड ने घायल कर दिया था. पुलिस ने कहा कि पलामेडु के अरविंद राज को प्राथमिक उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) ले जाया गया. बाद में यहां राजाजी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि खेल के दौरान जब उसने सांड को पकड़ने की कोशिश की तो उसके पेट में घाव हो गया. राज जानवरों से भी तेज था और उसने बैल को सफलतापूर्वक काबू करने में एक अद्वितीय कौशल का प्रदर्शन किया था.
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उनका नाम उन टैमर्स की सूची में शामिल है, जिन्होंने लगभग 860 बैलों में से अधिकतम संख्या में बैलों को गले लगाया, जो कि वादीवसल (प्रवेश बिंदु) से अखाड़े में छोड़े गए थे. वह प्रतिष्ठित मुख्यमंत्री पुरस्कार - एक कार के साथ घर लौटना चाहता था लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था. इस घटना में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस निरीक्षक सहित कम से कम 34 लोगों के अलावा 10 सांडों को काबू करने वाले घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि तिरुचिरापल्ली जिले के सुरीयुर गांव में जल्लीकट्टू देखने वाले पुडुकोट्टई जिले के एक दर्शक एम अरविंद (25) की एक सांड द्वारा मारे जाने के बाद मौत हो गई.
मदुरै के अवनियापुरम में रविवार को आयोजित जल्लीकट्टू खेल के दौरान सांडों को काबू करने वालों और सांड मालिकों सहित कम से कम 75 लोग घायल हो गए. इसके अलावा सोमवार को पलामेडु में शुरू हुए कार्यक्रम में भी 18 लोग घायल हुए हैं. पलामेडु में अखाड़े से एक प्लास्टिक की कुर्सी जीत कर बाहर निकल रहे एक सांड मालिक ने सांड के हमले से बचने के लिए प्लास्टिक की कुर्सी का सहारा लिया. इस दौरान एक युवा व्यक्ति सांड को काबू करने में चूक गया जिसके बाद मालिक ने सांड पर कुर्सी से हमला कर दिया और कुर्सी टूट गई. हालांकि इस दौरान मालिक खुद को सांड के नुकीले सींगों से बचाने में सफल रहा.
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जल्लीकट्टू, पलामेडु जिले की बहुत ही चर्चित प्रतियोगिता है. वहीं, एक अन्य घटना में सांड को काबू कर रहे 10 युवकों को सांड ने उछाल दिया. सभी युवा सांड के कुबड़ को पकड़ने के लिए उसके पास पहुंचे थे लेकिन ताकतवर सांड ने गुस्से में अपने सिर को हिलाकर सभी को इधर-उधर फेंक दिया और पकड़े जाने से बच गया. इसके बाद सांड को विजेता घोषित कर दिया गया जिसके मालिक को पुरस्कार के रूप में चार ग्राम सोना मिला.