चेन्नई: तमिलनाडु की रहने वाली महिला ने बांग्लादेशी लड़की से पूरे रीति-रिवाज से शादी की. ब्राह्मण परिवार में जन्मी सुभिक्षा अपनी शादी के दिन तमिल ब्राह्मण शैली में पिता की गोद में बैठी, जिसके बाद उसने और साथी बांग्लादेश की रहने वाली टीना दास ने एक-दूसरे को माला पहनाई. चेन्नई में एक पारंपरिक शादी के बाद वह और पत्नी टीना एक दूसरे के हो गए. कनाडा के कैलगरी में बसे तमिल ब्राह्मण माता-पिता की बेटी सुभिक्षा ने कहा कि हमने जो सपना देखा था, वह हमारे लिए सब कुछ था, लेकिन हमने इसे कभी संभव नहीं सोचा था. सुभिक्षा और हार्मोन में बदलाव के कारण पुरुष बन गई. सुभिक्षा की पत्नी टीना बांग्लादेश में एक रूढ़िवादी हिंदू परिवार से है और वह भी कैलगरी में ही रहती है.
पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट सुभिक्षा ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि छह साल से अधिक समय के बाद हमारे पूरा परिवार हमारे साथ है और हमारे लिए उत्साहित है. उन्होंने कहा कि हमारे संबंधित रीति-रिवाजों के अनुसार हर अनुष्ठान को पूरा किया गया. दरअसल सुभिक्षा तब केवल 19 साल की थी, जब उसने अपने माता-पिता को यह बात बताई की वह समलैंगिक है. सुभिक्षा की मां पूर्णपुष्कला सुब्रमणि कहती हैं, मैं मदुरै में पली-बढ़ी और बाद में कतर में रही. कनाडा जाने के बाद ही हमें समलैंगिक समुदाय के बारे में पता चला. हमारा पहला और सबसे बड़ा डर यह था कि भारत में रहने वाला हमारा पूरा परिवार हमारे साथ रिश्ते तोड़ देगा. साथ भी इस बात का भी डर लगा रहता था कि सुभिक्षा समाज के सवालों का जवाब देगी और सामना करेगी.
वहीं टीना की मां पूर्णपुष्कला ने कहा कि हमने महसूस किया कि अगर हमारी बेटी दुखी है तो हमारे परिवार की एकजुटता या फिर समाज की लाग-लपेट का कोई मतलब ही नहीं बचता है. उन्होंने कहा कि टीना ने खुद को एक समलैंगिक के रूप में पहचाना और फिर उस शादी के रिश्ते से बाहर निकलने का फैसला किया जो कि उसकी बहन ने बिना उसकी रजामंदी के करवा दी थी. बिना मन की गई इस शादी में समलैंगिक होने के बाद भी टीना ने एक विषमलैंगिक पुरुष के साथ शादी के चार साल किसी तरह से बिताए. टीना ने कहा कि मैं उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश के एक छोटे से शहर मौलवीबाजार में पली-बढ़ी हूं. मैं और मेरे माता-पिता 2003 में मॉन्ट्रियल आए थे. मेरी बहन की वजह से हम यहां आए थे, जो कि शादी के बाद यहां रह रही थी.
टीना ने कहा कि मेरे माता-पिता को समलैंगिकता के बारे में कुछ भी पता नहीं था.उनका मानना था कि मुझे कोई बीमारी है, इसलिए जब मैं महज 19 साल की थी, तब मेरी शादी एक ऐसे व्यक्ति से कर दी गई. यह विश्वास दिलाया गया कि मुझे जो कथित बीमारी है, वह इससे ठीक हो जाएगी. टीना और सुभिक्षा की मुलाकात छह साल पहले कैलगरी में एक ऐप पर हुई थी. जो कि प्राइड मंथ सेलेब्रेशन का हिस्सा था. वहीं टीना की बड़ी बहन ने उसके साथ सभी रिश्ते तोड़ दिए और उसके परिवार से भी दूरी बनाए रखी, लेकिन बदलते समय ने कई मतभेदों को ठीक कर दिया.
इसी क्रम में टीना के परिवार ने सुभिक्षा और उसकी तरफ से चचेरे भाई से भी बातचीत की. इसके बाद एक संस्कृत विद्वान और प्रोफेसर सौरभ बोंद्रे के जरिए शादी का आयोजन किया गया. जहां पूरा परिवार इस शादी में मौजूद था. शादी में मेहमानों में सुभिक्षा की 84 वर्षीय दादी एस पद्मावती शामिल थीं. इस दौरान नई बहू को पाकर उनकी भी खुशी का ठिकाना नहीं था. वे अपनी खुशी का इजहार थोड़ी हिंदी और कुछ अंग्रेजी के शब्दों के साथ संवाद कर रही थीं और मुस्कुरा रही थीं.
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