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अभिनेता सूर्या की फिल्म का विरोध, पीएमके की चेतावनी के बाद सिनेमाघरों के बाहर सुरक्षा बढ़ाई

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Published : Mar 16, 2022, 3:57 PM IST

तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी पाट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने अभिनेता सूर्या की फिल्म का विरोध शुरू कर दिया है. सूर्या की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'येथरकुम थुनिंथवन'(Yetharkum Thuninthavan) को लेकर सिनेमाघरों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

Tussle Continues Between PMK and Actor Suriya
अभिनेता सूर्या की फिल्म का विरोध

चेन्नई : तमिलनाडु में हाल के दिनों में पाट्टाली मक्कल काची (पीएमके) और अभिनेता सूर्या के बीच तनातनी लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. मुद्दा यह है कि सूर्या की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'येथरकुम थुनिंथवन' (Yetharkum Thuninthavan) मुश्किल में आ गई है, क्योंकि पीएमके के कैडर ने शिकायत दर्ज कराई है कि फिल्म को रिलीज नहीं किया जाना चाहिए. पाट्टाली मक्कल काची तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी है.

सिनेमाघरों में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रकरण पिछले साल रिलीज हुई सूर्या की 'जय भीम' फिल्म की पृष्ठभूमि में आता है. उत्तरी तमिलनाडु में एक प्रमुख समुदाय वन्नियार का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ ने फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा था. समुदाय की प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए अभिनेता सूर्या ने बिना शर्त माफी मांगने की मांग की थी.

तमिलनाडु में पीएमके और सिनेमा के बीच ये नया मामला नहीं है. जब 2002 में सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'बाबा' रिलीज हुई थी, तो पीएमके कैडर ने सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की और विरोध प्रदर्शन किया था. वजह कि फिल्म में बहुत सारे धूम्रपान के दृश्य थे. अब इस मुद्दे को 'जय भीम' ने बढ़ा दिया है जो बाबा से लेकर विजय की सरकार तक जारी रहा. जहां तक ​​सरकार फिल्म की बात है, तो इसमें एक सीन था जिसमें विजय सिगरेट पकड़े थे, जिससे पीएमके को नाराजगी है और फिल्म को विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि जय भीम का मामला अलग है.

सच्ची कहानी पर आधारित थी जय भीम
जय भीम के निर्देशक टीएस ज्ञानवेल (T.S Gnanavel) ने जय भीम फिल्म में प्रभावशाली जातियों के उत्पीड़न से प्रभावित इरुलर समुदाय (इरुला समुदाय) के लोगों की कहानी को चित्रित किया. फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है. हालांकि, पीएमके ने जोर देकर कहा कि फिल्म में पुलिस अधिकारियों ने उनके समुदाय को हिंसक के रूप में चित्रित किया है. पीएमके ने सूर्या से माफी की मांग करते हुए दावा किया कि जय भीम फिल्म में उनके समुदाय का अपमान किया गया था. मध्यस्थों का तर्क यह है कि फिल्म निर्देशक अभिनेता को भुगतान करती है इसका मतलब ये नहीं कि फिल्म में दिखाए गए सीन के लिए वह पूरी तरह से जिम्मेदार है. फिर भी, इसका मतलब यह नहीं है कि यह सब स्वीकार करने की अनिच्छा को छोड़ दें.

यही मुद्दा अब फिल्म- येथारकुम थुनिंथवन की रिलीज के दौरान फिर से सामने आया है. पीएमके ने सूर्या के माफी मांगने तक फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं करने की धमकी दी थी. इसके अलावा, उन्होंने चेतावनी दी थी कि उल्लंघन करने पर सिनेमाघरों पर हमला किया जाएगा. ऐसे में चेन्नई सहित उन सिनेमाघरों में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है जहां फिल्म रिलीज हुई.

पढ़ें- ऑस्कर गई 'Writing With Fire' फिल्म 'Jai Bhim' पर क्यों पड़ी भारी, जानिए

पढ़ें- Jai Bhim : जातिवाद, पुलिस टॉर्चर और न्याय की कहानी बयां करती ऐसी फिल्में बॉलीवुड में क्यों नहीं बनती ?

पढ़ें- फिल्म 'जय भीम' के बढ़ते विवाद पर निर्देशक ने मांगी माफी, जानिए पूरा मामला

इस पर टिप्पणी करते हुए, निर्माता के. राजन ने कहा, 'पीएमके का ऐसा कृत्य गलत है. इस फिल्म उद्योग में अरबों का निवेश किया गया है. यह सूर्या की अपनी फिल्म नहीं है. पीएमके के संस्थापक एस रामदास सब कुछ जानते हैं और उन्हें अपने लोगों पर नियंत्रण करना चाहिए. रजनीकांत और विजय की फिल्मों में धूम्रपान के दृश्य होने के कारण पीएमके ने सामाजिक कल्याण के लिए लड़ाई लड़ी थी. उसने अब पुष्टि की है कि वह एक जातिवादी पार्टी है जो जय भीम फिल्म में वन्नियार समुदाय को अपमानित करने के लिए बैनर उठा रही है.'

चेन्नई : तमिलनाडु में हाल के दिनों में पाट्टाली मक्कल काची (पीएमके) और अभिनेता सूर्या के बीच तनातनी लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. मुद्दा यह है कि सूर्या की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'येथरकुम थुनिंथवन' (Yetharkum Thuninthavan) मुश्किल में आ गई है, क्योंकि पीएमके के कैडर ने शिकायत दर्ज कराई है कि फिल्म को रिलीज नहीं किया जाना चाहिए. पाट्टाली मक्कल काची तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी है.

सिनेमाघरों में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रकरण पिछले साल रिलीज हुई सूर्या की 'जय भीम' फिल्म की पृष्ठभूमि में आता है. उत्तरी तमिलनाडु में एक प्रमुख समुदाय वन्नियार का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ ने फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा था. समुदाय की प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए अभिनेता सूर्या ने बिना शर्त माफी मांगने की मांग की थी.

तमिलनाडु में पीएमके और सिनेमा के बीच ये नया मामला नहीं है. जब 2002 में सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'बाबा' रिलीज हुई थी, तो पीएमके कैडर ने सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की और विरोध प्रदर्शन किया था. वजह कि फिल्म में बहुत सारे धूम्रपान के दृश्य थे. अब इस मुद्दे को 'जय भीम' ने बढ़ा दिया है जो बाबा से लेकर विजय की सरकार तक जारी रहा. जहां तक ​​सरकार फिल्म की बात है, तो इसमें एक सीन था जिसमें विजय सिगरेट पकड़े थे, जिससे पीएमके को नाराजगी है और फिल्म को विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि जय भीम का मामला अलग है.

सच्ची कहानी पर आधारित थी जय भीम
जय भीम के निर्देशक टीएस ज्ञानवेल (T.S Gnanavel) ने जय भीम फिल्म में प्रभावशाली जातियों के उत्पीड़न से प्रभावित इरुलर समुदाय (इरुला समुदाय) के लोगों की कहानी को चित्रित किया. फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है. हालांकि, पीएमके ने जोर देकर कहा कि फिल्म में पुलिस अधिकारियों ने उनके समुदाय को हिंसक के रूप में चित्रित किया है. पीएमके ने सूर्या से माफी की मांग करते हुए दावा किया कि जय भीम फिल्म में उनके समुदाय का अपमान किया गया था. मध्यस्थों का तर्क यह है कि फिल्म निर्देशक अभिनेता को भुगतान करती है इसका मतलब ये नहीं कि फिल्म में दिखाए गए सीन के लिए वह पूरी तरह से जिम्मेदार है. फिर भी, इसका मतलब यह नहीं है कि यह सब स्वीकार करने की अनिच्छा को छोड़ दें.

यही मुद्दा अब फिल्म- येथारकुम थुनिंथवन की रिलीज के दौरान फिर से सामने आया है. पीएमके ने सूर्या के माफी मांगने तक फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं करने की धमकी दी थी. इसके अलावा, उन्होंने चेतावनी दी थी कि उल्लंघन करने पर सिनेमाघरों पर हमला किया जाएगा. ऐसे में चेन्नई सहित उन सिनेमाघरों में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है जहां फिल्म रिलीज हुई.

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इस पर टिप्पणी करते हुए, निर्माता के. राजन ने कहा, 'पीएमके का ऐसा कृत्य गलत है. इस फिल्म उद्योग में अरबों का निवेश किया गया है. यह सूर्या की अपनी फिल्म नहीं है. पीएमके के संस्थापक एस रामदास सब कुछ जानते हैं और उन्हें अपने लोगों पर नियंत्रण करना चाहिए. रजनीकांत और विजय की फिल्मों में धूम्रपान के दृश्य होने के कारण पीएमके ने सामाजिक कल्याण के लिए लड़ाई लड़ी थी. उसने अब पुष्टि की है कि वह एक जातिवादी पार्टी है जो जय भीम फिल्म में वन्नियार समुदाय को अपमानित करने के लिए बैनर उठा रही है.'

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