तमिलनाडु : तमिलनाडु पुलिस की आइडल विंग सीआईडी भगवान कृष्ण की नृत्य मुद्रा में चोल-कालीन कांस्य प्रतिमा के स्वामित्व विवरण का पता लगा रही है, जो वर्तमान में अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग के कब्जे में है, एक विशेष टीम ने खोज के बाद एक कलेक्टर ने कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय तस्कर सुभाष चंद्र कपूर को 5.2 करोड़ रुपये में इसे बेच दिया गया था. विभाग की एक विज्ञप्ति के अनुसार, विदेशों में चोरी हुई मूर्तियों का पता लगाने में शामिल आइडल विंग एडीएसपी (तिरुचि) जी बालामुरुगन के नेतृत्व में एक विशेष टीम को एक प्रतिमा मिली थी. जो भगवान कालिया कल्कि उर्फ कालिया मार्थाना कृष्ण की 11-12 ई. पूर्व धातु की मूर्ति थी
आगे की पूछताछ में टीम को मूर्ति की एक तस्वीर दिखी जो 2008 में लुइस निकोलसन के 'गोल्ड ऑफ द गॉड्स' शीर्षक वाले लेख में थी. जिसका शीर्षक था 'होल्ड ऑन टू योर हैट: एंटीक्विटीज डीलर डगलस लैचफोर्ड, जो 2019 में 'एसोसिएशन फॉर रिसर्च इनटू क्राइम्स अगेंस्ट आर्ट' (एआरसीए) वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ था.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आइडल विंग टीम को दस्तावेजों से पता चला कि लैचफोर्ड एक अंतरराष्ट्रीय कला संग्राहक था. जिसकी 2020 में मृत्यु हो गई थी. उसने सुभाष कपूर से 5.2 करोड़ रुपये में कृष्ण की मूर्ति खरीदी थी. और यूएसए की नैन्सी वेनर ने मूर्ति पर फर्जी रिपोर्ट बनाने में कपूर की मदद की. तमिलनाडु में उस मंदिर का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है जहां से कपूर पर 2005 से पहले मूर्ति चुराने का संदेह है. मूर्ति वर्तमान में होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन्स (एचएसआई-यूएसए) के कब्जे में है. और एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)