आगरा: ताजमहल रात 10 बजे तक खोला जाए, इसको लेकर पीएम मोदी के मंत्री ने प्रस्ताव दिया है. 365 दिन जब ताजमहल कृत्रिम रोशनी में जगमग होगा, तो पर्यटक रात्रि में रुकेंगे. रात में भी पर्यटक ताजमहल घूमेंगे. इसके साथ ही रामबाग से मेहताब बाग तक यमुना रिवरफ्रंट बनाने पर भी जिला पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद की बैठक में सहमति बनी है. सभी मुद्दे अब राज्य सरकार के माध्यम से केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय को भेजे जाएंगे.
केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल (Minister SP Singh Baghel in Agra) की अध्यक्षता में सोमवार शाम कलक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद की बैठक हुई. जिसमें तमाम प्रस्ताव रखे गए. जिन पर चर्चा हुई. केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि, साल के 365 दिन यदि ताजमहल रात में खुलेगा तो शहर में नाइट कल्चर बढ़ेगा. पर्यटकों के रात्रि प्रवास से पर्यटन कारोबार बूम करेगा. रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. ताजमहल के आसपास कृत्रिम रोशनी की व्यवस्था की जाए.
नहीं आएंगे कीट-पतंगे: यहां ऐसी लाइट्स लगाईं जाएं. जिनसे कीट-पतंगे नहीं आते है. उन्होंने रामबाग से ताजमहल तक और रामबाग से दयालबाग तक रिवरफ्रंट विकसित करने के अलावा एत्मादउद्दौला फतेहपुर सीकरी आगरा किला में लाइट एंड साउंड शो कराए जाने की बात रखी. बैठक में यमुना पर बैराज के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा. ऐसे ही तमाम प्रस्तावों पर परिषद के सदस्यों ने सहमति दी. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, जल्द ही इन प्रस्तावों को परिषद की ओर से शासन को भेजा जाए. (Taj Mahal to be opened for tourists till 10 pm)
मलेशिया की तर्ज पर बने नाइट सफारी: जिला पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद की बैठक में चर्चा हुई कि, ताजमहल के पीछे गांव नगला पैमा में वन विभाग की भूमि पर बिलायती बबूल का घना जंगल है. वन एवं वन्य जीव विभाग के सहयोग से क्षेत्र में 100 एकड़ की नाइट सफारी विकसित की जा सकती है. जहां पर वन्य जीव-जंतु भी रहें. मलेशिया में इस तरह यहां पर नाइट सफारी विकसित हो सकती है. इसके साथ ही स्मारकों पर लाइट एंड साउंड शो किए जाएं. ताज महोत्सव के कार्यक्रम फतेहपुर सीकरी में कराए जाएं.
धरोहरों का संरक्षण कर रहा पर्यटन विभाग: इस अवसर पर पर्यटन विभाग ने धरोहरों का संरक्षण करने की बात कही. विभिन्न पर्यटन एवं सांस्कृतिक स्थलों को प्रमुख स्थलों से जुड़े व्यक्तियों कलाकारों एवं स्थानीय समुदाय के आर्थिक विकास व रोजगार, पर्यटन एवं संस्कृति विकास के नये क्षेत्रों की पहचान करना एवं पर्यटन के विभिन्न आयामों आवास, खान-पान, मनोरंजन आदि गतिविधियों को प्रोत्साहन जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा किया जायेगा.
यहां पर भी होंगे कार्य: जिला पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद की बैठक में पर्यटन विभाग ने जानकारी दी कि, जिले में बटेश्वर, जैन तीर्थ स्थल शौरीपुर, बटेश्वर मंदिर परिसर, बटेश्वर इको टूरिज्म साइट, स्प्रिचुअल आर्ट गैलरी, फतेहपुर सीकरी के ग्राम सहनपुर में हवेली वाले हनुमान मंदिर, कैलाश मंदिर, फतेहाबाद तहसील में शाला मेबली खुर्द एवं ग्राम मुदगलपुरा में प्राचीन पुरामुदगल ऋषि प्रणीत माता मंदिर समेत अन्य प्रस्ताव शासन को भेजे जा चुके हैं. यहां पर भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए के काम किए जाएंगे.
इन योजनाओं पर बनी सहमति: रिवर फ्रंट, बैराज का निर्माण, वाटर स्पोर्टस, नाईट सफारी, शहीद स्मारक को पर्यटन स्थल, वन सुरक्षित रखने हेतु वनोत्थान, ग्राम पच्छिमाई धाम, रेहणुका धाम, कीठम झील, ग्राम सांवरा मंदिर, ग्राम बड़ौदा सदर एवं ग्राम पैंतीखेड़ा को पर्यटन स्थल बनाने के प्रस्ताव पर सहमति बनी है.
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