ETV Bharat / bharat

Hate Speech Case: गिरफ्तारी रुकवाने हाईकोर्ट पहुंचे प्रबोधानंद गिरि, सरकार से मांगा 5 दिन में जवाब

हरिद्वार धर्म संसद में कथित हेट स्पीच मामले में इन दिनों गिरफ्तारियां चल रही हैं. अपनी गिरफ्तारी को रुकवाने के लिए हेट स्पीच मामले के एक आरोपी स्वामी प्रबोधानंद गिरि हाईकोर्ट पहुंचे हैं. उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से 25 जनवरी तक जवाब मांगा है.

Hate Speech Case
गिरफ्तारी रुकवाने हाईकोर्ट पहुंचे प्रबोधानंद गिरि
author img

By

Published : Jan 21, 2022, 4:17 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में धर्म संसद के नाम पर साधु संतों द्वारा भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ एफआईआर को निरस्त करने को लेकर आज सुनवाई की. वेकेशन जज न्यायमूर्ति एनएस धनिक की एकलपीठ ने मामले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनते हुए सरकार से 25 जनवरी तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी.

मामले के अनुसार नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया है कि हिन्दू साधु संतों द्वारा हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन 17 से 19 दिसम्बर को किया गया था. धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान किया गया. आरोप लगाया गया कि मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया.

नदीम ने आरोप लगाया कि जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी, यति नरसिंहानंद व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया. इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बन रहा है. देश सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की किरकिरी हुई. आरोप लगाया गया कि प्रबोधानंद गिरि द्वारा हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगों के खिलाफ हिंसा फैलाए जाने का प्रयास भी किया गया.

ये भी पढ़ें: वसीम रिजवी को एक और झटका, हरिद्वार जिला न्यायालय से भी जमानत याचिका खारिज

पुलिस ने उनकी शिकायत पर आईपीसी की धारा 153 A, 295 के तहत नरसिंहानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरि के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया. अपनी गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने हेतु आज स्वामी प्रबोधानंद गिरि द्वारा मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में धर्म संसद के नाम पर साधु संतों द्वारा भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ एफआईआर को निरस्त करने को लेकर आज सुनवाई की. वेकेशन जज न्यायमूर्ति एनएस धनिक की एकलपीठ ने मामले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनते हुए सरकार से 25 जनवरी तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी.

मामले के अनुसार नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया है कि हिन्दू साधु संतों द्वारा हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन 17 से 19 दिसम्बर को किया गया था. धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान किया गया. आरोप लगाया गया कि मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया.

नदीम ने आरोप लगाया कि जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी, यति नरसिंहानंद व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया. इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बन रहा है. देश सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की किरकिरी हुई. आरोप लगाया गया कि प्रबोधानंद गिरि द्वारा हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगों के खिलाफ हिंसा फैलाए जाने का प्रयास भी किया गया.

ये भी पढ़ें: वसीम रिजवी को एक और झटका, हरिद्वार जिला न्यायालय से भी जमानत याचिका खारिज

पुलिस ने उनकी शिकायत पर आईपीसी की धारा 153 A, 295 के तहत नरसिंहानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरि के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया. अपनी गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने हेतु आज स्वामी प्रबोधानंद गिरि द्वारा मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.