हरिद्वार (उत्तराखंड): भले ही साधु संतों में संन्यासी अखाड़ों में सबसे बड़ा अखाड़ा जूना अखाड़े को कहा जाता हो, लेकिन अगर बात सोशल मीडिया की की जाए तो निरंजनी अखाड़ा भी इस दौड़ में सबसे आगे है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मौजूदा समय में अगर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाश आनंद गिरि को देखा जाए तो उन्होंने 25 साल से जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बने अवधेशानंद गिरी को सोशल मीडिया पर 2 साल में ही पीछे छोड़ दिया है.
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स्वामी कैलाशानंद ने यूट्यूब पर स्वामी अवधेशानंद को पछाड़ा: आपको बता दें कि स्वामी अवधेशानंद गिरि के यूट्यूब चैनल पर इस समय 115K सब्सक्रिप्शन है तो वहीं स्वामी कैलाशानंद के यूट्यूब पर 277K सब्सक्रिप्शन हो चुके हैं. इसके लिए उन्हें हाल ही में सिल्वर बटन भी यूट्यूब द्वारा दिया गया है. यूट्यूब की ओर से सिल्वर बटन मिलने पर स्वामी कैलाशानंद महाराज बहुत खुश नजर आए.
स्वामी कैलाशानंद के यूट्यूब पर 277K सब्सक्रिप्शन हुए: सिल्वर बटन मिलने पर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि वह सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते हैं. उनके शिष्य इसको देखते हैं. उनके द्वारा ही इस सोशल मीडिया पर उनके नाम से पेज बनाए गए हैं. उनकी लोकप्रियता के चलते उन्हें सिल्वर बटन यूट्यूब द्वारा प्राप्त हुआ है.
उन्होंने बताया कि आज के समय में भी अध्यात्म और अध्यात्म से जुड़ी बातों को लोग जानना चाहते हैं और देखना चाहते हैं. इसी का नतीजा है कि हमारे 6 से 7 महीने में ही 277K सब्सक्रिप्शन यूट्यूब पर हो गए हैं और हमारी हर वीडियो मिलियंस में देखी जाती है.
सोशल मीडिया पर साधु संतों का जलवा: स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि उनके द्वारा आज तक यूट्यूब या फिर किसी सोशल मीडिया साइट पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया है. उसके बावजूद भी लोग उन्हें यूट्यूब हो या फेसबुक दोनों पर देखना चाहते हैं. वहीं अवधेशानंद गिरि को सोशल मीडिया पर पीछे छोड़ने पर उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा कभी भी सोशल मीडिया नहीं चलाई गई. उन्होंने कहा कि स्वामी अवधेशानंद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं. मैं उनकी बराबरी नहीं कर सकता हूं.
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