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Ways to Worship Surya Dev: सूर्य देव को करना है खुश, तो भूल कर भी रविवार के दिन ना करें ये काम

सूर्यास्त के बाद कभी भी झाड़ू पोछा और सफाई घर पर नहीं करनी चाहिए. सूर्यास्त के पश्चात कभी भी नाखून अथवा बाल नहीं कटवाना चाहिए. इससे सूर्य देव बहुत नाराज होते हैं. ऐसा करने से उनका अभिशाप जातक को लगता है. इसी तरह सूर्यास्त के समय जातकों को सोने से बचना चाहिए. इस समय बिल्कुल भी शयन नहीं करना चाहिए. सोने से दोष लगता है. अगर सूर्य देव को करना चाहते हैं खुश. तो भूल कर भी ना करें ये काम.

Ways to Worship Surya Dev
ऐसे करें सूर्य देव की पूजा
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Published : Feb 15, 2023, 7:10 PM IST

ऐसे करें सूर्य देव की पूजा

रायपुर: सूर्यास्त के बाद यज्ञ हवन नहीं करना चाहिए. इसमें भी दोष पड़ता है. इसी तरह रविवार के दिन पूर्वजों पितरों को जाने अनजाने अपमान करने पर भी सूर्य देव नाराज हो जाते हैं और सूर्य को दोष लगता है. इसी तरह रविवार के दिन तुलसी दल नहीं तोड़ना चाहिए. इस दिन गिरी हुई तुलसी को सुरक्षित कर गंगाजल से धोकर सम्मान और गरिमा के साथ पूजन करना चाहिए. साथ ही शुद्ध मनोभावों से जल अथवा खाद्य पदार्थ में तुलसी को मिलाना चाहिए.



"संधि काल हो तो भोजन नहीं करना चाहिए": ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा का कहना है कि "रविवार के दिन बरगद या पीपल के वृक्षों का अपमान नहीं करना चाहिए. जाने अनजाने में इन पर पैर नहीं रखना चाहिए. पीपल की लकड़ी को सम्मान देना चाहिए. अन्यथा सूर्यदेव बहुत ही नाराज हो जाते हैं. सूर्यास्त के समय जब संधि काल हो तो भोजन भी नहीं करना चाहिए. आमतौर पर सनातन परंपरा में सूर्य डूबने के पहले ही भोजन करने की परंपरा है. सूर्यास्त के बाद किया गया भोजन भी विष के समान हो जाता है. इसी तरह सूर्यास्त के उपरांत कभी भी घर में झाड़ू या पोछा नहीं करना चाहिए. झाड़ू पोछा लगाने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है, और उस निवास में लक्ष्मी का निवास नही होता."




"सूर्य की स्तुति प्रार्थना और उपासना से ही लाभ मिलता है": ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "इसी तरह रविवार के शुभ दिन ऐसे व्यक्ति जो आपसे उम्र, योग्यता और क्षमता में बड़े हो ऐसे लोगों का कभी भी किसी भी रूप में अपमान नहीं करना चाहिए. अन्यथा सूर्यदेव नाराज होकर अनिष्ट होने का अभिशाप प्रदान करते हैं. सूर्य देवता बहुत ही शक्तिशाली ताप तेज बल और श्रेष्ठता के प्रतीक हैं. सूर्य देवता जीवन में साहस प्रकाश आत्मशक्ति आत्मबल को बढ़ाने वाले माने जाते हैं. यह देवता जीवन को प्रकाशित करने वाले माने गए हैं. अतः सूर्य की स्तुति प्रार्थना और उपासना से ही लाभ मिलता है.



यह भी पढ़ें: Pradosh vrat 2023: संतान को लंबी आयु और उन्नति देने वाला व्रत, महादेव बरसाएंगे कृपा !



"कभी भी सूर्य देव का अपमान नहीं करना चाहिए": ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा का कहना है कि "कभी भी सूर्य देव का अपमान नहीं करना चाहिए. अपितु रविवार के दिन गायत्री मंत्र का पाठ, रविवार के दिन बुजुर्ग माता-पिता की सेवा, पितरों की सेवा, पितरों के लिए यज्ञ, हवन, पूजा पाठ, तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. रविवार के दिन माता तुलसी की गाथा सुननी चाहिए. रविवार के शुभ दिन परिवार सहित बंधु बांधव के साथ मिलकर सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करना चाहिए और इसे सुनना चाहिए."

ऐसे करें सूर्य देव की पूजा

रायपुर: सूर्यास्त के बाद यज्ञ हवन नहीं करना चाहिए. इसमें भी दोष पड़ता है. इसी तरह रविवार के दिन पूर्वजों पितरों को जाने अनजाने अपमान करने पर भी सूर्य देव नाराज हो जाते हैं और सूर्य को दोष लगता है. इसी तरह रविवार के दिन तुलसी दल नहीं तोड़ना चाहिए. इस दिन गिरी हुई तुलसी को सुरक्षित कर गंगाजल से धोकर सम्मान और गरिमा के साथ पूजन करना चाहिए. साथ ही शुद्ध मनोभावों से जल अथवा खाद्य पदार्थ में तुलसी को मिलाना चाहिए.



"संधि काल हो तो भोजन नहीं करना चाहिए": ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा का कहना है कि "रविवार के दिन बरगद या पीपल के वृक्षों का अपमान नहीं करना चाहिए. जाने अनजाने में इन पर पैर नहीं रखना चाहिए. पीपल की लकड़ी को सम्मान देना चाहिए. अन्यथा सूर्यदेव बहुत ही नाराज हो जाते हैं. सूर्यास्त के समय जब संधि काल हो तो भोजन भी नहीं करना चाहिए. आमतौर पर सनातन परंपरा में सूर्य डूबने के पहले ही भोजन करने की परंपरा है. सूर्यास्त के बाद किया गया भोजन भी विष के समान हो जाता है. इसी तरह सूर्यास्त के उपरांत कभी भी घर में झाड़ू या पोछा नहीं करना चाहिए. झाड़ू पोछा लगाने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है, और उस निवास में लक्ष्मी का निवास नही होता."




"सूर्य की स्तुति प्रार्थना और उपासना से ही लाभ मिलता है": ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "इसी तरह रविवार के शुभ दिन ऐसे व्यक्ति जो आपसे उम्र, योग्यता और क्षमता में बड़े हो ऐसे लोगों का कभी भी किसी भी रूप में अपमान नहीं करना चाहिए. अन्यथा सूर्यदेव नाराज होकर अनिष्ट होने का अभिशाप प्रदान करते हैं. सूर्य देवता बहुत ही शक्तिशाली ताप तेज बल और श्रेष्ठता के प्रतीक हैं. सूर्य देवता जीवन में साहस प्रकाश आत्मशक्ति आत्मबल को बढ़ाने वाले माने जाते हैं. यह देवता जीवन को प्रकाशित करने वाले माने गए हैं. अतः सूर्य की स्तुति प्रार्थना और उपासना से ही लाभ मिलता है.



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"कभी भी सूर्य देव का अपमान नहीं करना चाहिए": ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा का कहना है कि "कभी भी सूर्य देव का अपमान नहीं करना चाहिए. अपितु रविवार के दिन गायत्री मंत्र का पाठ, रविवार के दिन बुजुर्ग माता-पिता की सेवा, पितरों की सेवा, पितरों के लिए यज्ञ, हवन, पूजा पाठ, तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. रविवार के दिन माता तुलसी की गाथा सुननी चाहिए. रविवार के शुभ दिन परिवार सहित बंधु बांधव के साथ मिलकर सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करना चाहिए और इसे सुनना चाहिए."

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