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त्रिपुरा से बांग्लादेश के बीच दूसरे रेलवे कनेक्टिविटी के लिए सर्वे का काम शुरू

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Published : Jun 5, 2022, 5:59 PM IST

पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे ने त्रिपुरा से बांग्लादेश के बीच दूसरी रेलवे कनेक्टिविटी को लेकर सर्वे का काम शुरू कर दिया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने से बेलोनिया (त्रिपुरा) से बांग्लादेश के चटगांव तक ट्रेनों को चलाया जा सकेगा. यह जानकारी एनआरएफ के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने दी.

Belonia Tripura
बेलोनिया (त्रिपुरा)

अगरतला: त्रिपुरा से बांग्लादेश के बीच दूसरी रेलवे कनेक्टिविटी को लेकर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अपना सर्वेक्षण शुरू कर दिया है. इसके तहत बेलोनिया (त्रिपुरा) से बांग्लादेश के चटगांव तक रेल संचलन किया जाना है. इस बारे में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NRF) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे (CPRO of NFR, Sabyasachi De) ने बताया कि 2014-22 से रेलवे क्षेत्र में विकास कार्य और इसके लिए रेलवे परिवहन प्रणाली के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही त्रिपुरा में कनेक्टिविटी में सुधार करने का एनआरएफ के द्वारा प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा, बांग्लादेश रेलवे लिंक में अगरतला-अखौरा मार्ग बहुत जल्द पूरा हो जाएगा, वहीं बांग्लादेश से जोड़ने के लिए 2.9 किलोमीटर बेलोनिया (त्रिपुरा) - चटगांव की नई ब्रॉड गेज लाइनों के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है.

सीपीआरओ ने कहा कि त्रिपुरा उत्तर-पूर्वी भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक है, जो उत्तर, दक्षिण और पश्चिम में बांग्लादेश और पूर्व में असम और मिजोरम राज्यों से घिरा हुआ है. उन्होंने कहा कि रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य जीवन रेखा होने की वजह से त्रिपुरा राज्य के लिए रेलवे का बुनियादी ढांचा काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा ने 2014-22 से रेलवे क्षेत्र में बड़े विकास कार्य देखे हैं. त्रिपुरा में पूरे रेलवे नेटवर्क को 2014-22 में ब्रॉड गेज नेटवर्क में बदल दिया गया है, जिससे त्रिपुरा में सभी मीटर गेज रेलवे लाइनों को समाप्त किया जा चुका है.

साथ ही त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से 31 जुलाई 2016 को अगरतला-आनंद विहार त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ भारत के ब्रॉड गेज मानचित्र पर यहां का नाम दर्ज हो गया. उन्होंने कहाकि 15 फरवरी 2021 को अगरतला से नवीनतम सुविधाओं के साथ तेजस प्रकार के एसी स्लीपर कोच के साथ भारतीय रेलवे में पहली राजधानी एक्सप्रेस शुरू की गई थी. इसने भी अपने सफल संचालन का एक वर्ष पहले ही पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि अगरतला से सिकंदराबाद और बैंगलोर के लिए भी ट्रेनें चलाई गईं.

ये भी पढ़ें - भारत और बांग्लादेश के बीच चली 'मिताली एक्सप्रेस', दोनों देशों के रेल मंत्रियों ने दिखाई हरी झंडी

उन्होने कहा कि जुलाई-अगस्त, 2016 के महीने में गंभीर भूस्खलन ने त्रिपुरा को सड़क संपर्क काट दिया था, तो ईंधन की आपूर्ति की कमी ने राज्य में गंभीर संकट पैदा कर दिया था.इसके बाद रेलवे ने भांगा (असम) से त्रिपुरा के चुरैबाड़ी के लिए पहली ट्रेन चलाई थी. हालांकि त्रिपुरा को असम से जोड़ने वाली सड़क की हालत काफी खराब है, जिससे काफी समस्या खड़ी हो गई थी. उन्होंने कहा कि रेल परियोजनाओं के पूरा हो जाने के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था को काफी लाभ होगा. साथ ही पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा.

अगरतला: त्रिपुरा से बांग्लादेश के बीच दूसरी रेलवे कनेक्टिविटी को लेकर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अपना सर्वेक्षण शुरू कर दिया है. इसके तहत बेलोनिया (त्रिपुरा) से बांग्लादेश के चटगांव तक रेल संचलन किया जाना है. इस बारे में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NRF) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे (CPRO of NFR, Sabyasachi De) ने बताया कि 2014-22 से रेलवे क्षेत्र में विकास कार्य और इसके लिए रेलवे परिवहन प्रणाली के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही त्रिपुरा में कनेक्टिविटी में सुधार करने का एनआरएफ के द्वारा प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा, बांग्लादेश रेलवे लिंक में अगरतला-अखौरा मार्ग बहुत जल्द पूरा हो जाएगा, वहीं बांग्लादेश से जोड़ने के लिए 2.9 किलोमीटर बेलोनिया (त्रिपुरा) - चटगांव की नई ब्रॉड गेज लाइनों के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है.

सीपीआरओ ने कहा कि त्रिपुरा उत्तर-पूर्वी भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक है, जो उत्तर, दक्षिण और पश्चिम में बांग्लादेश और पूर्व में असम और मिजोरम राज्यों से घिरा हुआ है. उन्होंने कहा कि रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य जीवन रेखा होने की वजह से त्रिपुरा राज्य के लिए रेलवे का बुनियादी ढांचा काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा ने 2014-22 से रेलवे क्षेत्र में बड़े विकास कार्य देखे हैं. त्रिपुरा में पूरे रेलवे नेटवर्क को 2014-22 में ब्रॉड गेज नेटवर्क में बदल दिया गया है, जिससे त्रिपुरा में सभी मीटर गेज रेलवे लाइनों को समाप्त किया जा चुका है.

साथ ही त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से 31 जुलाई 2016 को अगरतला-आनंद विहार त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ भारत के ब्रॉड गेज मानचित्र पर यहां का नाम दर्ज हो गया. उन्होंने कहाकि 15 फरवरी 2021 को अगरतला से नवीनतम सुविधाओं के साथ तेजस प्रकार के एसी स्लीपर कोच के साथ भारतीय रेलवे में पहली राजधानी एक्सप्रेस शुरू की गई थी. इसने भी अपने सफल संचालन का एक वर्ष पहले ही पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि अगरतला से सिकंदराबाद और बैंगलोर के लिए भी ट्रेनें चलाई गईं.

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उन्होने कहा कि जुलाई-अगस्त, 2016 के महीने में गंभीर भूस्खलन ने त्रिपुरा को सड़क संपर्क काट दिया था, तो ईंधन की आपूर्ति की कमी ने राज्य में गंभीर संकट पैदा कर दिया था.इसके बाद रेलवे ने भांगा (असम) से त्रिपुरा के चुरैबाड़ी के लिए पहली ट्रेन चलाई थी. हालांकि त्रिपुरा को असम से जोड़ने वाली सड़क की हालत काफी खराब है, जिससे काफी समस्या खड़ी हो गई थी. उन्होंने कहा कि रेल परियोजनाओं के पूरा हो जाने के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था को काफी लाभ होगा. साथ ही पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा.

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